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रोहतास: मंदी के चलते फीकी पड़ी कुम्हारों के दिए की रोशनी - problem of potters

मिट्टी से बनने वाले कलश, कड़ाही, मां लक्ष्मी की मूर्ति और गणेश की मूर्ति की मांग कम है. दीपावली से पहले प्रजापति को इस बात की उम्मीद थी कि उनका कारोबार अच्छा चलेगा, लेकिन मार्केट में मंदी के कारण वे मायूस नजर आ रहे हैं.

Rohtas
मंदी से कुम्हार मायूस.
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Published : Nov 9, 2020, 11:09 AM IST

रोहतास: जिला मुख्यालय सासाराम में दीपावली से पहले प्रजापति (कुम्हार) मायूस नजर आ रहे हैं. मंदी के कारण उनके द्वारा बनाए गए मिट्टी के सामानों की बिक्री नहीं हो पा रही है. दीपावली आते ही मिट्टी के दीए की मांग बढ़ने लगी है, लेकिन लॉकडाउन और मंदी ने कुम्हारों के दिए की रोशनी फीकी कर दी है.

सासाराम में कई प्रजापति मिट्टी के दीए बनाते हैं. अपनी कला से मिट्टी की कई तरह की आकृतियां बनाकर दीपावली से पहले बेचते हैं. सासाराम के शेरगंज मोहल्ला के रहने वाले लक्ष्मी प्रसाद प्रजापति ने कहा कि दुर्गा पूजा के मौके पर मैंने लाखों रुपए की लागत से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई थी. प्रशासन ने दुर्गा पूजा मनाने पर रोक लगा दिया, इसलिए पूरा कारोबार ठप हो गया.

देखें रिपोर्ट

कम है मिट्टी की मूर्ति की मांग
लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि दीपावली से पहले कर्ज लेकर फिर से दिए और मिट्टी के खिलौने बनाने का काम शुरू किया है. आर्थिक मंदी ने दीपावली को भी फीका कर दिया है. मिट्टी से बनने वाले कलश, कड़ाही, मां लक्ष्मी की मूर्ति और गणेश की मूर्ति की मांग घटने लगी है. दीपावली के मौके पर पहले दिए की बिक्री हो जाती थी, लेकिन चाइनीज लाइट ने दीए की रोशनी को भी फीका कर दिया है. इससे हमलोगों को नुकसान पहुंच रहा है.

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दीपावली के लिए बनाए गए मिट्टी के दिए.

मंदी के कारण मायूस नजर आ रहे हैं प्रजापति
मंदी के कारण मांग कम है. हालात इतने बदतर हो गए हैं कि पूंजी निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है. अपने पारंपरिक काम को जिंदा रखने के लिए प्रजापति दिए बना रहे हैं. दीपावली से पहले प्रजापति को इस बात की उम्मीद थी कि उनका कारोबार अच्छा चलेगा, लेकिन मार्केट में मंदी के कारण वे मायूस नजर आ रहे हैं.

रोहतास: जिला मुख्यालय सासाराम में दीपावली से पहले प्रजापति (कुम्हार) मायूस नजर आ रहे हैं. मंदी के कारण उनके द्वारा बनाए गए मिट्टी के सामानों की बिक्री नहीं हो पा रही है. दीपावली आते ही मिट्टी के दीए की मांग बढ़ने लगी है, लेकिन लॉकडाउन और मंदी ने कुम्हारों के दिए की रोशनी फीकी कर दी है.

सासाराम में कई प्रजापति मिट्टी के दीए बनाते हैं. अपनी कला से मिट्टी की कई तरह की आकृतियां बनाकर दीपावली से पहले बेचते हैं. सासाराम के शेरगंज मोहल्ला के रहने वाले लक्ष्मी प्रसाद प्रजापति ने कहा कि दुर्गा पूजा के मौके पर मैंने लाखों रुपए की लागत से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई थी. प्रशासन ने दुर्गा पूजा मनाने पर रोक लगा दिया, इसलिए पूरा कारोबार ठप हो गया.

देखें रिपोर्ट

कम है मिट्टी की मूर्ति की मांग
लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि दीपावली से पहले कर्ज लेकर फिर से दिए और मिट्टी के खिलौने बनाने का काम शुरू किया है. आर्थिक मंदी ने दीपावली को भी फीका कर दिया है. मिट्टी से बनने वाले कलश, कड़ाही, मां लक्ष्मी की मूर्ति और गणेश की मूर्ति की मांग घटने लगी है. दीपावली के मौके पर पहले दिए की बिक्री हो जाती थी, लेकिन चाइनीज लाइट ने दीए की रोशनी को भी फीका कर दिया है. इससे हमलोगों को नुकसान पहुंच रहा है.

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दीपावली के लिए बनाए गए मिट्टी के दिए.

मंदी के कारण मायूस नजर आ रहे हैं प्रजापति
मंदी के कारण मांग कम है. हालात इतने बदतर हो गए हैं कि पूंजी निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है. अपने पारंपरिक काम को जिंदा रखने के लिए प्रजापति दिए बना रहे हैं. दीपावली से पहले प्रजापति को इस बात की उम्मीद थी कि उनका कारोबार अच्छा चलेगा, लेकिन मार्केट में मंदी के कारण वे मायूस नजर आ रहे हैं.

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