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वाहन चेकिंग में मंत्रियों पर मेहरबान रोहतास प्रशासन, बे रोक-टोक निकल रहा काफिला

रोहतास जिला के अगरेर थाना स्थित सासाराम-आरा मुख्य मार्ग पर चुनाव को लेकर पुलिस के द्वारा सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा, लेकिन इस दौरान पुलिस की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है.

Rohtas
वाहन चेकिंग में मंत्रियों पर मेहरबान रोहतास प्रशासन,
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Published : Oct 18, 2020, 3:39 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 5:49 PM IST

रोहतास: सासाराम के अगरेर थाना स्थित सासाराम-आरा स्टेट हाईवे पर चुनाव से पहले पुलिस के द्वारा सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत लोगों की गाड़ियों को रुकवा कर पुलिस काफी देर तक ऐसे तलाशी लेती है. जैसे किसी अपराधी की गाड़ी हो. लेकिन जब इस जगह से नेता और मंत्रियों की गाड़ी गुजरती है तो पुलिस उन नेताओं की गाड़ी चेक करना तो दूर रुकवाना भी मुनासिब नहीं समझती है.

चुनाव के नियमों की उड़ रही धज्जियां
वहीं, अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर जब आम लोगों की गाड़ियों को रुकवा कर पुलिस जांच करती है तो सफेद खादी वाले नेताओं और मंत्रियों की गाड़ियों की पुलिस क्यों जांच नहीं कर रही है? प्रशासन के द्वारा चुनाव आयोग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है.

सवालों से बचते घूम रहें हैं अधिकारी
वहीं, जब इस बारे में जब सवाल किया गया तो अधिकारी भागते फिरते नजर आए हैं. आखिर अधिकारियों को किस ने आदेश दिया है कि नेताओं की गाड़ियों को नहीं चेक करना है. कानून का शिकंजा आम लोगों पर ही क्यों कसा जाता है? अगर प्रशासन के द्वारा चुनाव के समय इतनी बड़ी लापरवाही की गई तो नेताओं के द्वारा चुनाव के समय धनबल का प्रयोग हो सकता है, जिससे चुनाव भी प्रभावित हो सकता है.

चुनाव आयोग के निर्देशों के बाद भी लापरवाही दिखा रहा प्रशासन
बहरहाल पुलिस के द्वारा नेताओं की गाड़ी नहीं चेक करना बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है. आखिर नेताओं की गाड़ियों को क्यों छोड़ा जा रहा है। जबकि चुनाव आयोग का सख्त निर्देश है कि किसी भी वाहन को सघनता से जांच करना है। चाहे वाहन आम लोगों का हो या फिर किसी रसूख और नेताओं का ही वाहन क्यों ना हो जांच सभी की करनी है.

रोहतास: सासाराम के अगरेर थाना स्थित सासाराम-आरा स्टेट हाईवे पर चुनाव से पहले पुलिस के द्वारा सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत लोगों की गाड़ियों को रुकवा कर पुलिस काफी देर तक ऐसे तलाशी लेती है. जैसे किसी अपराधी की गाड़ी हो. लेकिन जब इस जगह से नेता और मंत्रियों की गाड़ी गुजरती है तो पुलिस उन नेताओं की गाड़ी चेक करना तो दूर रुकवाना भी मुनासिब नहीं समझती है.

चुनाव के नियमों की उड़ रही धज्जियां
वहीं, अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर जब आम लोगों की गाड़ियों को रुकवा कर पुलिस जांच करती है तो सफेद खादी वाले नेताओं और मंत्रियों की गाड़ियों की पुलिस क्यों जांच नहीं कर रही है? प्रशासन के द्वारा चुनाव आयोग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है.

सवालों से बचते घूम रहें हैं अधिकारी
वहीं, जब इस बारे में जब सवाल किया गया तो अधिकारी भागते फिरते नजर आए हैं. आखिर अधिकारियों को किस ने आदेश दिया है कि नेताओं की गाड़ियों को नहीं चेक करना है. कानून का शिकंजा आम लोगों पर ही क्यों कसा जाता है? अगर प्रशासन के द्वारा चुनाव के समय इतनी बड़ी लापरवाही की गई तो नेताओं के द्वारा चुनाव के समय धनबल का प्रयोग हो सकता है, जिससे चुनाव भी प्रभावित हो सकता है.

चुनाव आयोग के निर्देशों के बाद भी लापरवाही दिखा रहा प्रशासन
बहरहाल पुलिस के द्वारा नेताओं की गाड़ी नहीं चेक करना बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है. आखिर नेताओं की गाड़ियों को क्यों छोड़ा जा रहा है। जबकि चुनाव आयोग का सख्त निर्देश है कि किसी भी वाहन को सघनता से जांच करना है। चाहे वाहन आम लोगों का हो या फिर किसी रसूख और नेताओं का ही वाहन क्यों ना हो जांच सभी की करनी है.

Last Updated : Oct 18, 2020, 5:49 PM IST
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