रोहतासः बिहार में कोरोना विस्फोट जारी है. अकेले गया में 12 विदेशी सहित कोरोना संक्रमितों की संख्या 17 पर पहुंच (Increase Of corona cases in Bihar) गई है. इसी बीच मंगलवार को देश भर में कोरोना के संभावित खतरे से निपटने के लिए मॉक ड्रिल (Preparation For Corona Pandemic In Rohtas) किया गया. इसी दौरान रोहतास जिले के डेहरी अनुमंडलीय अस्पताल में भी आज मॉक ड्रिल किया गया. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग तो मुस्तैद दिखा लेकिन ऑक्सीजन प्लांट सही से काम नहीं कर रहा था.
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"अनुमंडलीय अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट को ऑपरेटर के द्वारा प्रेशर, प्युरिटी, लीकेज, सहित अन्य चीजों की जांच की गई. अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन सप्लाई सहित अन्य चीजों को बारिकी से देखा गया. पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की पॉइंट रनिंग से लेकर ऑक्सीजन के प्रेशर जांच की गई. जांच के दौरान प्रेशर 60 फीसदी तक पाया गया है. पीएसए प्लांट को स्टार्ट करने पर कुछ घंटे चलने के बाद यह 90 फीसदी तक हो जाएगा."-डॉ संजीव कुमार, अस्पताल अधीक्षक
क्या है मामलाः 70 बेड वाले डेहरी अनुमंडलीय अस्पताल में 500 एलपीएम वाले ऑक्सीजन प्लांट को नियमित रूप से चलाने वाला फिलहाल कोई ऑपरेटर नहीं है. यहां सिर्फ एक ही ऑपरेटर से काम चलाया जा रहा है, जोकि एनजीओ का कर्मी है. जबकि पीएसए प्लांट को चलाने के लिए कम से कम दो ऑपरेटरों की जरूरत है.
जनरेटर है लेकिन डीजल नहींः वहीं पूरे अस्पताल में बिजली गुल हो जाने के बाद जनरेटर की तो व्यवस्था है. लेकिन उसके इंधन के लिए राशि उपलब्ध की व्यवस्था नहीं होने से अस्पताल कर्मियों को परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है. अगर बिजली कुछ घंटे के लिए गुल हो जाए तो पूरा हस्पताल एक कर्मी व मरीज अंधेरे में रहने को विवश हैं. इसके अलावा जनरेटर चलाने के लिए भी फिलहाल कोई कर्मी नहीं है.
70 बेड का है अनुमंडलीय अस्पतालः बता दें कि भारत सरकार के निर्देश पर हर 3 महीने पर नियमित रूप से ऑक्सीजन प्लांट की जांच की जाती है. डेहरी के 70 बेड वाले अनुमंडलीय अस्पताल में कोविड के मरीजों के लिए के लिए 50 बेड के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन से लैस ऑक्सीजन प्लांट है. ऑक्सीजन सिलेंडर, कंसन्ट्रेटर की भी व्यवस्था की गई है. अस्पताल में आने वाले सभी लोगों के लिए इन दिनों मास्क अनिवार्य कर दिया गया है.