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NMCH करेगा नि:शुल्क इलाज, 3 दिव्यांग बच्चों सहित इच्छा मृत्यु की मांग कर रहा था ये परिवार

ईटीवी भारत की खबर पढ़ते ही नारायण मेडिकल हॉस्पिटल कॉलेज प्रबंधन ने सबसे पहले हाथ आगे किया है. डॉक्टर साहब ने बच्चों को नि:शुल्क इलाज कराने की दरियादिली पेश की. इसके बाद उन्होंने ईटीवी भारत की टीम से संपर्क कर पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करते हुए तीनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया है.

रोहतास
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Published : Jul 19, 2019, 10:00 PM IST

Updated : Jul 20, 2019, 6:51 PM IST

रोहतास: चार दिन पहले पीएम मोदी को खत लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले 3 दिव्यांग बच्चों के परिवार में अब खुशी की लहर दौड़ आयी है. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. कल तक जिस परिवार के हाल के बारे में पूछने वाला कोई नहीं था. आज उसी परिवार के तीनों बच्चों का इलाज सासाराम के एनएमसीएच में शुरू हो गया है. इसके लिए परिजनों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

पूरा मामला रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के छुलकार गांव का है. यहां बेबस पिता देवमुनि सिंह ने पीएम मोदी को खत लिखकर परिवार समेत इच्छा मृत्यु की मांग की थी. देवमुनि सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने तीनों दिव्यांग बच्चों के इलाज के लिए अपनी पुस्तैनी जमीन बेच दी. बच्चे जन्म से दिव्यांग नहीं थे लेकिन देखते ही देखते तीनों बच्चे दिव्यांग हो गए. इसके बाद से वो पाई-पाई के मोहताज हो गए. वहीं, दूसरी तरफ उन्हें कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिली है.

3887218
ये हैं तीन दिव्यांग बच्चे

ऐसी है बच्चों की हालत
देवमुनि सिंह के बड़े बेटे 16 वर्षीय मंतोष के पैर और हाथ की हड्डियां सूख चुकी है. वहीं, दूसरा बेटा 10 वर्षीय धंतोष भी कुछ ऐसे ही दिव्यांगता का शिकार हो गया. दोनों का इलाज करा रहे देवमुनि उस समय सबसे ज्यादा आहत हो गए, जब उनका छोटा बेटा 8 वर्षीय रमतोष भी दिव्यांग हो गया.

मदद को ये आए आगे...
ईटीवी भारत की खबर पढ़ते ही नारायण मेडिकल हॉस्पिटल कॉलेज प्रबंधन ने सबसे पहले हाथ आगे किया है. डॉक्टर साहब ने बच्चों को निशुल्क इलाज कराने की दरियादिली पेश की. इसके बाद उन्होंने ईटीवी भारत की टीम से संपर्क कर पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करते हुए तीनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया है. तीनों बच्चों का समुचित इलाज शुरू हो गया है.

अस्पताल में जारी इलाज

तत्काल भेजी एंबुलेंस
एनएमसीएच के जनरल मैनेजर उपेंद्र सिंह ने बताया कि एंबुलेंस भेजकर छुलकार गांव से दिव्यांग बच्चों सहित परिजनों को बुलाया गया. उन्होंने कहा ईटीवी भारत की खबर देखकर हमें अहसास हुआ कि बच्चे वास्तव में गंभीर बीमारी से पीड़ित है. हम उनका निशुल्क इलाज करेंगे. दिव्यांगता के पीछे के कारण का पता लगाएंगे. परिवार को निशुल्क खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी.

थैंक्यू ईटीवी भारत- पीड़ित परिवार
पीड़ित परिवार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप लोगों के प्रयास से हमारे बच्चों का इलाज संभव हो पाया है. वहीं, परिवार को कहीं न कहीं इस बात का मलाल है कि जो काम जिला प्रशासन को करना चाहिए वो काम एनएमसीएच प्रबंधन ने अपने जिम्मे लिया है.

नहीं जागा जिला प्रशासन और सरकार
इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले इस परिवार के लिए जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. बता दें कि बच्चों के इलाज में अपना सब कुछ खो चुके इस परिवार के पास न तो पक्का मकान है और न ही दो गज जमीन. लिहाजा, बीपीएल कार्ड में नाम से लेकर इन्हें किसी आवासीय योजना तक का लाभ नहीं मिल सका है. वहीं, दूसरी तरफ पढ़ने की चाहत लिए तीनों भाईयों की बहन की पढ़ाई के लिए बिहार सरकार ने कुछ मदद न की है.

जन सरोकार की हमारी इस मुहीम में , हमारा साथ देने के लिए हम एनएमसीएच प्रबंधन को दिल से धन्यवाद देते हैं. आशा करते हैं कि बच्चों के बेहतर इलाज के साथ-साथ उनकी दिव्यांगता को अस्पताल प्रशासन जल्द से जल्द दूर कर लेगा. -ईटीवी भारत बिहार परिवार

रोहतास: चार दिन पहले पीएम मोदी को खत लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले 3 दिव्यांग बच्चों के परिवार में अब खुशी की लहर दौड़ आयी है. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. कल तक जिस परिवार के हाल के बारे में पूछने वाला कोई नहीं था. आज उसी परिवार के तीनों बच्चों का इलाज सासाराम के एनएमसीएच में शुरू हो गया है. इसके लिए परिजनों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

पूरा मामला रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के छुलकार गांव का है. यहां बेबस पिता देवमुनि सिंह ने पीएम मोदी को खत लिखकर परिवार समेत इच्छा मृत्यु की मांग की थी. देवमुनि सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने तीनों दिव्यांग बच्चों के इलाज के लिए अपनी पुस्तैनी जमीन बेच दी. बच्चे जन्म से दिव्यांग नहीं थे लेकिन देखते ही देखते तीनों बच्चे दिव्यांग हो गए. इसके बाद से वो पाई-पाई के मोहताज हो गए. वहीं, दूसरी तरफ उन्हें कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिली है.

3887218
ये हैं तीन दिव्यांग बच्चे

ऐसी है बच्चों की हालत
देवमुनि सिंह के बड़े बेटे 16 वर्षीय मंतोष के पैर और हाथ की हड्डियां सूख चुकी है. वहीं, दूसरा बेटा 10 वर्षीय धंतोष भी कुछ ऐसे ही दिव्यांगता का शिकार हो गया. दोनों का इलाज करा रहे देवमुनि उस समय सबसे ज्यादा आहत हो गए, जब उनका छोटा बेटा 8 वर्षीय रमतोष भी दिव्यांग हो गया.

मदद को ये आए आगे...
ईटीवी भारत की खबर पढ़ते ही नारायण मेडिकल हॉस्पिटल कॉलेज प्रबंधन ने सबसे पहले हाथ आगे किया है. डॉक्टर साहब ने बच्चों को निशुल्क इलाज कराने की दरियादिली पेश की. इसके बाद उन्होंने ईटीवी भारत की टीम से संपर्क कर पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करते हुए तीनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया है. तीनों बच्चों का समुचित इलाज शुरू हो गया है.

अस्पताल में जारी इलाज

तत्काल भेजी एंबुलेंस
एनएमसीएच के जनरल मैनेजर उपेंद्र सिंह ने बताया कि एंबुलेंस भेजकर छुलकार गांव से दिव्यांग बच्चों सहित परिजनों को बुलाया गया. उन्होंने कहा ईटीवी भारत की खबर देखकर हमें अहसास हुआ कि बच्चे वास्तव में गंभीर बीमारी से पीड़ित है. हम उनका निशुल्क इलाज करेंगे. दिव्यांगता के पीछे के कारण का पता लगाएंगे. परिवार को निशुल्क खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी.

थैंक्यू ईटीवी भारत- पीड़ित परिवार
पीड़ित परिवार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप लोगों के प्रयास से हमारे बच्चों का इलाज संभव हो पाया है. वहीं, परिवार को कहीं न कहीं इस बात का मलाल है कि जो काम जिला प्रशासन को करना चाहिए वो काम एनएमसीएच प्रबंधन ने अपने जिम्मे लिया है.

नहीं जागा जिला प्रशासन और सरकार
इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले इस परिवार के लिए जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. बता दें कि बच्चों के इलाज में अपना सब कुछ खो चुके इस परिवार के पास न तो पक्का मकान है और न ही दो गज जमीन. लिहाजा, बीपीएल कार्ड में नाम से लेकर इन्हें किसी आवासीय योजना तक का लाभ नहीं मिल सका है. वहीं, दूसरी तरफ पढ़ने की चाहत लिए तीनों भाईयों की बहन की पढ़ाई के लिए बिहार सरकार ने कुछ मदद न की है.

जन सरोकार की हमारी इस मुहीम में , हमारा साथ देने के लिए हम एनएमसीएच प्रबंधन को दिल से धन्यवाद देते हैं. आशा करते हैं कि बच्चों के बेहतर इलाज के साथ-साथ उनकी दिव्यांगता को अस्पताल प्रशासन जल्द से जल्द दूर कर लेगा. -ईटीवी भारत बिहार परिवार

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report _ravi kumar/sasaram
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जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है खबर को देख कर जिले के जमुहार नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सेक्रेटरी गोविंद नारायण ने तीनों दिव्यांग बच्चों के रहने ,खाने व मुफ्त इलाज के लिए सार्थक पहल किया है


Body:दरअसल 16 जुलाई को जिले के संझौली प्रखंड के छुलकार गावँ के रहने वाले एक बेबस और लाचार पिता ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी थी दिव्यांग बेटों को नहीं मिली सरकारी मदद पीएम मोदी से इच्छा मृत्यु की मांग नाम से इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाया था

इस खबर को देख कर नारायण मेडिकल हॉस्पिटल कॉलेज के सेक्रेटरी गोविंद नारायण सिंह बच्चों को निशुल्क इलाज कराने की पेशकश की उनके निर्देश पर एनएमसीएच के जनरल मैनेजर नारायण सिंह बजाप्ता एम्बुलेंस भेजकर छुलकार गावँ से दिव्यांग बच्चों सहित परिजनों को बुलाया अस्पताल में एडमिट कराया उन्होंने बताया कि बच्चो का निशुल्क इलाज किया जाएगा और खाने पीने की सुविधा दी जाएगी

वही दिव्यांग बच्चों के पिता देव् मुनि सिंह ने भी ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया उन्होंने कहा कि आप लोगों के प्रयास से ही आज मेरे बच्चों का इलाज होना संभव हो पाया है दुःख इस बात का है कि जो कार्य जिला प्रशासन को करना चाहिए वह कार्य NMCH प्रबंधन ने किया परिजनों ने एक बार फिर ईटीवी भारत का आभार व्यक्त किया


Conclusion:बहर हाल ईटीवी भारत में एक बार फिर साबित कर दिया कि सच्चे पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की समस्याओं को ना हम सिर्फ दिखाते ही हैं बल्कि उनके अंजाम तक भी पहुंचाते हैं न्याय दिलाते हैं
बाईट - उपेन्द्र सिंह - जेनरल मैनेजर (NMCH)
बाईट - देवमुनि सिंह - पिता
बाईट - धर्मेंद्र सिंह - रिस्तेदार
Last Updated : Jul 20, 2019, 6:51 PM IST
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