रोहतास: चार दिन पहले पीएम मोदी को खत लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले 3 दिव्यांग बच्चों के परिवार में अब खुशी की लहर दौड़ आयी है. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. कल तक जिस परिवार के हाल के बारे में पूछने वाला कोई नहीं था. आज उसी परिवार के तीनों बच्चों का इलाज सासाराम के एनएमसीएच में शुरू हो गया है. इसके लिए परिजनों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.
पूरा मामला रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के छुलकार गांव का है. यहां बेबस पिता देवमुनि सिंह ने पीएम मोदी को खत लिखकर परिवार समेत इच्छा मृत्यु की मांग की थी. देवमुनि सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने तीनों दिव्यांग बच्चों के इलाज के लिए अपनी पुस्तैनी जमीन बेच दी. बच्चे जन्म से दिव्यांग नहीं थे लेकिन देखते ही देखते तीनों बच्चे दिव्यांग हो गए. इसके बाद से वो पाई-पाई के मोहताज हो गए. वहीं, दूसरी तरफ उन्हें कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिली है.
ऐसी है बच्चों की हालत
देवमुनि सिंह के बड़े बेटे 16 वर्षीय मंतोष के पैर और हाथ की हड्डियां सूख चुकी है. वहीं, दूसरा बेटा 10 वर्षीय धंतोष भी कुछ ऐसे ही दिव्यांगता का शिकार हो गया. दोनों का इलाज करा रहे देवमुनि उस समय सबसे ज्यादा आहत हो गए, जब उनका छोटा बेटा 8 वर्षीय रमतोष भी दिव्यांग हो गया.
मदद को ये आए आगे...
ईटीवी भारत की खबर पढ़ते ही नारायण मेडिकल हॉस्पिटल कॉलेज प्रबंधन ने सबसे पहले हाथ आगे किया है. डॉक्टर साहब ने बच्चों को निशुल्क इलाज कराने की दरियादिली पेश की. इसके बाद उन्होंने ईटीवी भारत की टीम से संपर्क कर पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करते हुए तीनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया है. तीनों बच्चों का समुचित इलाज शुरू हो गया है.
तत्काल भेजी एंबुलेंस
एनएमसीएच के जनरल मैनेजर उपेंद्र सिंह ने बताया कि एंबुलेंस भेजकर छुलकार गांव से दिव्यांग बच्चों सहित परिजनों को बुलाया गया. उन्होंने कहा ईटीवी भारत की खबर देखकर हमें अहसास हुआ कि बच्चे वास्तव में गंभीर बीमारी से पीड़ित है. हम उनका निशुल्क इलाज करेंगे. दिव्यांगता के पीछे के कारण का पता लगाएंगे. परिवार को निशुल्क खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी.
थैंक्यू ईटीवी भारत- पीड़ित परिवार
पीड़ित परिवार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप लोगों के प्रयास से हमारे बच्चों का इलाज संभव हो पाया है. वहीं, परिवार को कहीं न कहीं इस बात का मलाल है कि जो काम जिला प्रशासन को करना चाहिए वो काम एनएमसीएच प्रबंधन ने अपने जिम्मे लिया है.
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बिहार: 3 दिव्यांग बेटों को नहीं मिली सरकारी मदद, अब PM मोदी से इच्छा मृत्यु की मांग@PMOIndia @narendramodi @NitishKumar @chhedi_paswan @mangalpandeybjp @drharshvardhan @yadavtejashwi @UpendraRLSP
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नहीं जागा जिला प्रशासन और सरकार
इच्छा मृत्यु की मांग करने वाले इस परिवार के लिए जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. बता दें कि बच्चों के इलाज में अपना सब कुछ खो चुके इस परिवार के पास न तो पक्का मकान है और न ही दो गज जमीन. लिहाजा, बीपीएल कार्ड में नाम से लेकर इन्हें किसी आवासीय योजना तक का लाभ नहीं मिल सका है. वहीं, दूसरी तरफ पढ़ने की चाहत लिए तीनों भाईयों की बहन की पढ़ाई के लिए बिहार सरकार ने कुछ मदद न की है.
जन सरोकार की हमारी इस मुहीम में , हमारा साथ देने के लिए हम एनएमसीएच प्रबंधन को दिल से धन्यवाद देते हैं. आशा करते हैं कि बच्चों के बेहतर इलाज के साथ-साथ उनकी दिव्यांगता को अस्पताल प्रशासन जल्द से जल्द दूर कर लेगा. -ईटीवी भारत बिहार परिवार