रोहतास: बिहार सरकार के कृषि मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री प्रेम कुमार सासाराम पहुंचे. यहां उन्होंने बढ़ते प्रदूषण को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. हैरत की बात यह है कि बैठक करने पहुंचे मंत्री जी को खुद ये नहीं पता था कि जिले में प्रदुषण का क्या स्तर है.
बैठक के दौरान उन्होंने किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की भी बात कही. प्रेम कुमार ने कहा कि किसानों के पराली विभिन्न प्रकार की सामग्री बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है. जिस तरह से थर्माकोल से प्लेट, कप आदि बनाए जाते हैं उसी तरह से पराली से भी प्लेट, कप आदि को बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है.
प्रदूषण रोकने के लिये लगाए जा रहे पौधे
कृषि मंत्री ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जब बिहार झारखंड से अलग हुआ था तो यहां वन संपदा काफी कम थे. लेकिन सरकार ने इसपर ध्यान दिया और अब वह सम्पदा बिहार में बढ़ाकर 17% हो गया है. उन्होंने बताया कि सरकार लगातार हरियाली योजना के तहत लाखों-करोड़ों पेड़ लगाने का काम कर रही है ताकि बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सके.
मंत्री जी को पॉल्यूशन लेवल की जानकारी नहीं
लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि जिस जिले के प्रभारी मंत्री प्रदूषण स्तर को लेकर समीक्षा बैठक में भाग लेने सासाराम पहुंचे थे, उन्हें इस बात का खुद पता नहीं था कि जिले पॉल्यूशन का क्या स्तर है. जाहिर है, पॉल्यूशन का पैमाना नापने की यहां पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने उनसे सवाल पूछा कि जिले में पॉल्यूशन का स्तर क्या है, तो मंत्री जी ने कहा- मुझे नहीं पता, आप बताए. समीक्षा बैठक करने आये मंत्री जी जवाब पत्रकारों से मांग रहे थे.