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25 साल बाद लौटा घर तो देख परिजनों की भर आई आंखें, बोले- छोड़ दी थी उम्मीद

परिजनों का कहना है कि 25 साल बीत गए, सत्य प्रकाश के लौटने की उन लोगों ने उम्मीद छोड़ दी थी. उनकी भतीजी ऋतिका कहती है कि मुझे पता भी नहीं था कि मेरे बड़े पापा हैं. 25 साल के बाद वो घर लौटे हैं. उनसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई है.

rohtas
25 साल बाद लौटा इंजीनियरिंग का छात्र
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Published : Jan 10, 2020, 12:14 PM IST

रोहतास: 25 साल बाद अपने घर पहुंचे सत्यप्रकाश गुप्ता के यहां सालों बाद खुशियां लौटी है. 25 सालों बाद फिर वो अपने परिजनों से मिले हैं. जवान से लगभग बूढ़े हो चुके सत्यप्रकाश गुप्ता से जब परिजन मिले, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इस दौरान लोगों की आंखे खुशी से भर गई.

परिवार ने छोड़ दी थी उम्मीद
बता दें कि बिहार के डेहरी ऑन सोन रोहतास के रहने वाले सत्य प्रकाश गुप्ता करीब 25 साल पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. इस दौरान परिवार वाले उनके लिए लड़की देखना शुरू कर दिए थे. सत्यप्रकाश लगातार शादी नहीं करने की बात करते रहे और परिवार के लोगों को समझाने की कोशिश में लगे रहे. एक दिन पता चला कि लड़की वाले सत्य प्रकाश को देखने घर आ रहे हैं, तब से वो लापता हो गए. परिवार वालों ने सत्य प्रकाश को खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन हर जगह तलाश करने के बाद जब वो नहीं मिले तो परिवार वालों ने उम्मीद छोड़ दी और श्राद्ध की भी तैयारी करने लगे.

देखें पूरी रिपोर्ट

25 साल बाद भी परिवार ने पहचान लिया
जब 25 साल के बाद सत्य प्रकाश गुप्ता उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित एक आश्रम में मिले, तो परिजनों ने उन्हें पहचान लिया. इसके बाद परिजन सत्य प्रकाश को घर लेकर आए. सत्य प्रकाश अपनी जवानी के दिनों में घर छोड़कर चले गए थे, जब लौटे तो बूढ़े हो चले थे. उनके परिवार के और लोग सत्य प्रकाश के लौटने पर काफी खुश हैं. सत्य प्रकाश का जन्म 1964 में हुआ था.

'बाकी की जिंदगी परिवार के साथ गुजारना चाहते हैं'
परिजनों का कहना है कि 25 साल बीत गए, सत्य प्रकाश के लौटने की उन लोगों ने उम्मीद छोड़ दी थी. उनकी भतीजी ऋतिका कहती है कि मुझे पता भी नहीं था कि मेरे बड़े पापा हैं. 25 साल के बाद वो घर लौटे हैं. उनसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई है. वहीं, उनके लौटने से परिजन काफी खुश हैं और सत्य प्रकाश भी अपनी बाकी की जिंदगी अपने परिजनों के साथ गुजारना चाहते हैं.

रोहतास: 25 साल बाद अपने घर पहुंचे सत्यप्रकाश गुप्ता के यहां सालों बाद खुशियां लौटी है. 25 सालों बाद फिर वो अपने परिजनों से मिले हैं. जवान से लगभग बूढ़े हो चुके सत्यप्रकाश गुप्ता से जब परिजन मिले, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. इस दौरान लोगों की आंखे खुशी से भर गई.

परिवार ने छोड़ दी थी उम्मीद
बता दें कि बिहार के डेहरी ऑन सोन रोहतास के रहने वाले सत्य प्रकाश गुप्ता करीब 25 साल पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. इस दौरान परिवार वाले उनके लिए लड़की देखना शुरू कर दिए थे. सत्यप्रकाश लगातार शादी नहीं करने की बात करते रहे और परिवार के लोगों को समझाने की कोशिश में लगे रहे. एक दिन पता चला कि लड़की वाले सत्य प्रकाश को देखने घर आ रहे हैं, तब से वो लापता हो गए. परिवार वालों ने सत्य प्रकाश को खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन हर जगह तलाश करने के बाद जब वो नहीं मिले तो परिवार वालों ने उम्मीद छोड़ दी और श्राद्ध की भी तैयारी करने लगे.

देखें पूरी रिपोर्ट

25 साल बाद भी परिवार ने पहचान लिया
जब 25 साल के बाद सत्य प्रकाश गुप्ता उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित एक आश्रम में मिले, तो परिजनों ने उन्हें पहचान लिया. इसके बाद परिजन सत्य प्रकाश को घर लेकर आए. सत्य प्रकाश अपनी जवानी के दिनों में घर छोड़कर चले गए थे, जब लौटे तो बूढ़े हो चले थे. उनके परिवार के और लोग सत्य प्रकाश के लौटने पर काफी खुश हैं. सत्य प्रकाश का जन्म 1964 में हुआ था.

'बाकी की जिंदगी परिवार के साथ गुजारना चाहते हैं'
परिजनों का कहना है कि 25 साल बीत गए, सत्य प्रकाश के लौटने की उन लोगों ने उम्मीद छोड़ दी थी. उनकी भतीजी ऋतिका कहती है कि मुझे पता भी नहीं था कि मेरे बड़े पापा हैं. 25 साल के बाद वो घर लौटे हैं. उनसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई है. वहीं, उनके लौटने से परिजन काफी खुश हैं और सत्य प्रकाश भी अपनी बाकी की जिंदगी अपने परिजनों के साथ गुजारना चाहते हैं.

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कभी-कभी फिल्मों और सीरियल्स में ऐसी कहानी सुनने को मिलती है कि कोई शक्स कम उम्र में घर से गायब हो जाए और फिर वापस लौट आए ऐसी ही एक इंजीनियरिंग के छात्र की हकीकत कहानी से हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं जो शादी करने से नाराज होकर घर से भाग गया और 25 सालों बाद अपने परिजनों से मिला जवान से लगभग बूढ़े हो चुके शख्स से जब परिजन भी ले तो उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा इस दौरान दोनों लोगों की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे




Body:दरअसल बिहार के डेहरी ऑन सोन रोहतास के रहने वाले सत्य प्रकाश गुप्ता करीब 25 साल पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे इस दौरान परिवार वालों ने उनके लिए लड़की देखने शुरू कर दी सत्यप्रकाश लगातार शादी ना करने की बात करते रहें और परिवार के लोगों ने समझाने की कोशिश में लगे रहते 1 दिन पता चला कि लड़की वाले सत्य प्रकाश को देखने हैं उनके घर आ रहे हैं तब से वह लापता हो गए परिवार वालों ने जवान बेटे की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी तमाम जगहों पर तलाश करने के बाद जब सत्य प्रकाश नहीं मिले तो उनके मिलने की उम्मीद छोड़ दी और श्राद्ध की भी तैयारी करने लगे
25 साल के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित एक आश्रम में जब वह मिले तो परिजनों ने उन्हें पहचान लिया सत्य प्रकाश को घर लाया गया जो सत्य प्रकाश अपने जवानी के दिनों में घर छोड़कर चले गए थे जब लौटे तो बूढ़े हो चले थे वाक्य जो भी हो लेकिन उनके परिवार तथा आसपास के लोग सत्य प्रकाश के लौटने पर काफी खुश हैं सत्य प्रकाश का जन्म 1964 में हुआ था तथा वह मैट्रिक 1980 में किए थे
घर के बच्चे और स्थानीय लोग कहते हैं 25 साल बाद सत्य प्रकाश के लौटने की उन लोगों ने उम्मीद छोड़ दी थी उनकी भतीजी रितिका कहती है मैंने सुना था कि बड़े पापा हैं जब वह बहुत छोटी थी तो उसके बड़े पापा घर छोड़ कर चले गए थे अब उनको देखा तो काफी खुशी हुई


Conclusion:बहरहाल लोग कहते हैं कि सत्यप्रकाश पढ़ाई में अव्वल तो तथा कुशाग्र बुद्धि के थे लेकिन उनके एक फैसले ने उनके जीवन को तबाह कर दिया जो भी हो उनके लौटने से परिजन काफी खुश हैं और सत्य प्रकाश भी अपनी बाकी की जिंदगी अपने परिजनों के साथ गुजारना चाहते हैं

बाइट - सत्यप्रकाश
बाइट- ऋतिका भतीजी
बाइट- गुड्डू चन्द्रवंशी पड़ोसी

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