रोहतास: प्रदेश में जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत तालाब और पोखरों को अतिक्रमण मुक्त किया जा रहा है. इसकी जद में कई गरीब परिवार भी आ रहे हैं. जिनका आशियाना उजाड़ा जा रहा है. लिहाजा गरीबों का घर उजड़ने से वे बेघर हो रहे हैं. दरअसल मामला सासाराम के मोर सराय शिवसागर का है, जहां जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से कई गरीब परिवारों को बेघर कर दिया गया. जिस वजह से पीड़ित परिवार सड़क के किनारे रहने को मजबूर हैं.
इस बाबत, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा ने एक आक्रोश मार्च निकाला. मौके पर संगठन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन पहले गरीब लोगों के लिए एक अस्थाई ठिकाने की तलाश करे, जिसके बाद वे उन्हें संबंधित स्थान से हटाएं. संगठन के जिलाध्यक्ष अयोध्याराम ने बताया कि सबसे पहले प्राकृतिक जल स्रोतों का चयन किया जाए, जिसके बाद पुराने और परंपरागत स्रोतों को दुरुस्त किया जाए.
'गरीबों का घर उजाड़ रही है सरकार'
अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष अयोध्या राम ने बताया कि जिले में कई तरह की प्राकृतिक चीजें हैं, जिसे दुरुस्त किया जाना है. उन्होंने कहा कि महादेवा जलाशय को सरकार दुरुस्त नहीं कर रही है, इससे काफी फायदा होता. वहीं, अयोध्या राम ने कहा कि कैमूर पहाड़ी पर कई ऐसे जलाशय हैं, जिसका अगर सरकार निर्माण सही ढंग से करें, तो इसके तहत काफी जल-जीवन-हरियाली लाई जा सकती है. हकीकत में जल जीवन हरियाली वही है, सरकार ये काम दिखावा के लिए कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार पुरानी नदियों और तालाबों को दुरुस्त नहीं करवा रही है. जहां जल संरक्षण को योग्य बनाया जा सकता है. लेकिन सरकार उस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. बस गरीबों के घर को उजाड़ने का काम कर रही है.