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रोहतास: प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है यह सरकारी स्कूल, इंग्लिश में भी उस्ताद हैं यहां के बच्चे - Biometric system will be repaired soon

इस स्कूल को सजाने में शिक्षकों और गांव वालों का काफी योगदान रहा है. स्कूल में बायोमैट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल बच्चों के साथ-साथ टीचरों के लिए भी किया जाता था. हालांकि अभी कुछ दिनों से बायोमैट्रिक सिस्टम खराब पड़ा है. जल्द ही उसे ठीक करा लिया जाएगा.

हुरका मध्य विद्यालय
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Published : Sep 17, 2019, 10:20 AM IST

रोहतास: बिहार के सरकारी स्कूलों को लेकर नीतीश कुमार की आए दिन किरकिरी होती रहती है. लेकिन जिले में एक ऐसा स्कूल है जो अपनी एक अलग पहचान बना रहा है. तिलौथू प्रखंड के हुरका मध्य विद्यालय के आगे प्राइवेट स्कूल भी फेल है.

गौरतलब है कि बिहार में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की भरपूर कमी है. वहीं सरकारी स्कूल का नाम आते ही स्कूल की बदहाली की तस्वीर सामने दिखाई देने लगती है. लेकिन इन सबके बावजूद रोहतास जिले के तिलौथू प्रखंड के हुरका मध्य विद्यालय ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. इस स्कूल में बच्चों के हाजरी बनाने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है.

पेश है रिपोर्ट

बच्चों का अनुशासन देखकर दंग रह जाएंगे आप
लेकिन फिलहाल किसी तकनीकी वजह से स्कूल में बायोमेट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल बंद है. लेकिन प्रिंसिपल ने भरोसा दिलाया कि जल्दी ही बायोमैट्रिक से बनने वाले हाजिरी को शुरू किया जाएगा. वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का अनुशासन देखकर आप दंग रह जाएंगे. बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चों की जहां इंग्लिश को लेकर आए दिन किरकिरी होती है, तो वहीं इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे फराटेदार इंग्लिश पढ़ते हैं.

rohtas
प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा हुरका मध्य विद्यालय

नियमित ढंग से होती है पढ़ाई
स्कूल के टीचरों की मेहनत से स्कूली बच्चे लगातार ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं. क्लास 8 की पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि कि वह इस स्कूल में आकर काफी खुश है. पहले वह सीबीएसई स्कूल में पढ़ा करती थी लेकिन अब वह गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ रही है. छात्रा की मानें तो यहां नियमित ढंग से पढ़ाई होती है. टीचर भी मौजूद रहते हैं. सभी भरपूर सहयोग करते हैं.

rohtas
नियमित ढंग से होती है पढ़ाई

जल्द ठीक होगा बायोमैट्रिक सिस्टम
वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि इस स्कूल को सजाने में स्कूल के शिक्षकों और गांव वालों का काफी योगदान रहा है. स्कूल में बायोमैट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल बच्चों के साथ-साथ टीचरों के लिए भी किया जाता था ताकि समय से टीचर स्कूल आए और समय पर ही वापस जाए. हालांकि अभी कुछ दिनों से बायोमैट्रिक सिस्टम खराब पड़ा है. जल्द ही उसे ठीक करा लिया जाएगा.

रोहतास: बिहार के सरकारी स्कूलों को लेकर नीतीश कुमार की आए दिन किरकिरी होती रहती है. लेकिन जिले में एक ऐसा स्कूल है जो अपनी एक अलग पहचान बना रहा है. तिलौथू प्रखंड के हुरका मध्य विद्यालय के आगे प्राइवेट स्कूल भी फेल है.

गौरतलब है कि बिहार में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की भरपूर कमी है. वहीं सरकारी स्कूल का नाम आते ही स्कूल की बदहाली की तस्वीर सामने दिखाई देने लगती है. लेकिन इन सबके बावजूद रोहतास जिले के तिलौथू प्रखंड के हुरका मध्य विद्यालय ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. इस स्कूल में बच्चों के हाजरी बनाने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है.

पेश है रिपोर्ट

बच्चों का अनुशासन देखकर दंग रह जाएंगे आप
लेकिन फिलहाल किसी तकनीकी वजह से स्कूल में बायोमेट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल बंद है. लेकिन प्रिंसिपल ने भरोसा दिलाया कि जल्दी ही बायोमैट्रिक से बनने वाले हाजिरी को शुरू किया जाएगा. वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का अनुशासन देखकर आप दंग रह जाएंगे. बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चों की जहां इंग्लिश को लेकर आए दिन किरकिरी होती है, तो वहीं इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे फराटेदार इंग्लिश पढ़ते हैं.

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प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा हुरका मध्य विद्यालय

नियमित ढंग से होती है पढ़ाई
स्कूल के टीचरों की मेहनत से स्कूली बच्चे लगातार ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं. क्लास 8 की पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि कि वह इस स्कूल में आकर काफी खुश है. पहले वह सीबीएसई स्कूल में पढ़ा करती थी लेकिन अब वह गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ रही है. छात्रा की मानें तो यहां नियमित ढंग से पढ़ाई होती है. टीचर भी मौजूद रहते हैं. सभी भरपूर सहयोग करते हैं.

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नियमित ढंग से होती है पढ़ाई

जल्द ठीक होगा बायोमैट्रिक सिस्टम
वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि इस स्कूल को सजाने में स्कूल के शिक्षकों और गांव वालों का काफी योगदान रहा है. स्कूल में बायोमैट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल बच्चों के साथ-साथ टीचरों के लिए भी किया जाता था ताकि समय से टीचर स्कूल आए और समय पर ही वापस जाए. हालांकि अभी कुछ दिनों से बायोमैट्रिक सिस्टम खराब पड़ा है. जल्द ही उसे ठीक करा लिया जाएगा.

Intro:रोहतास। बिहार के सरकारी स्कूलों को लेकर नीतीश कुमार के आए दिन किरकिरी होती रहती है। लेकिन जिले का एक ऐसा स्कूल जो अपनी एक अलग पहचान बना रहा है।


Body:गौरतलब है कि बिहार में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की भरपूर कमी है। वहीं सरकारी स्कूल का नाम आते ही स्कूल की बदहाली की तस्वीर सामने दिखाई देने लगती है। लेकिन इन सबके बावजूद रोहतास जिले के तिलौथू प्रखंड के हुरका मध्य विद्यालय ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इस स्कूल में बच्चों के हाजरी बनाने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन फिलहाल किसी तकनीकी वजह से स्कूल में बायोमेट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल बंद है। लेकिन प्रिंसिपल ने भरोसा दिलाया कि जल्दी ही बायोमैट्रिक से बनने वाले हाजिरी को शुरू किया जाएगा वही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का अनुशासन देखकर आप किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं समझेंगे। बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चों की जहां इंग्लिश को लेकर आए दिन किरकिरी होती है तो वहीं इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे फराटेदार इंग्लिश पढ़ते हैं। स्कूल के टीचरों की मेहनत से स्कूली बच्चे लगातार ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं। क्लास एट की पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि कि वह इस स्कूल में आकर काफी खुश है क्योंकि पहले वह सीबीएसई स्कूल में पढ़ा करती थी लेकिन अब वह गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ रही है। वही स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि इस स्कूल को सजाने में स्कूल के शिक्षकों और गांव वालों का काफी योगदान रहा है। स्कूल में बायोमैट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल टीचरों के लिए भी किया जाता था ताकि समय से टीचर स्कूल आए और समय के साथ ही वापिस जाए। वही इस स्कूल से पढ़ने वाले कई लड़के आज अलग-अलग सरकारी ओहदे पर काबिज हैं जो लगातार स्कूल को बेहतर करने के लिए मदद करते रहते हैं।


Conclusion:जाहिर है जहां एक तरफ बिहार में सरकारी स्कूल बदहाल है तो वहीं दूसरी तरफ रोहतास का यह पतलूका मध्य विद्यालय एक अलग पहचान बना चुका है। जो अपने आप में वाकई काबिले तारीफ है।

बाइट। प्रिंसिपल
बाइट। छात्रा
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