रोहतास: जिले के इंद्रपुरी थाना के हाजत में दो वर्ष पूर्व श्रीकांत सिंह नामक एक व्यक्ति की कथित रूप से हत्या हुई थी. इस मामला (Shrikant Singh Murder Case) की जांच करने लिए सोमवार को मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission) की टीम इंद्रपुरी थाना (Indrapuri Police Station) पहुंची. जहां डीआईजी और एसपी की मौजूदगी में मानवाधिकार आयोग (HRC) के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) अमित कुमार जैन ने मृतक के परिजन और तत्कालीन पुलिस पदाधिकारी व कर्मी का बयान लिया.
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मृतक श्रीकांत के पुत्र गौरव कुमार ने बताया कि 20 अगस्त 2019 को इंद्रपुरी पुलिस उनके घर पर पहुंची और उनके पिता श्रीकांत सिंह को ट्रैक्टर चोरी में पूछताछ के लिए उन्हें घर से मारते पीटते थाना लाई. जहां पुलिसकर्मियों ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी. वहीं, पुलिस ने आत्महत्या का रूप देने के लिए हाजत में ही उनको लटका दिया था.
मृतक श्रीकांत के पिता शिवगोविंद सिंह ने तत्कालीन थानाध्यक्ष व पुलिसकर्मियों पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई. किंतु अभियुक्त बने सभी पुलिसकर्मियों को जिला पुलिस के द्वारा क्लीन चिट मिल गई. पुत्र गौरव कुमार का कहना था कि वह दिन वो कैसे भूल सकते हैं जब पुलिसकर्मियों ने उसके पिता को पीट-पीटकर हत्या कर दी. जांच टीम ने घटना स्थल पुरुष बंदी गृह व थाना परिसर की जांच की.
पटना से पहुंचे हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ रंजीत सिंह ने कहा कि वह श्रीकांत का केस पूर्ण रूप से लड़ेंगे, जरूरत पड़े तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. जांच उपरांत एडीजी ने मीडिया को कुछ भी बताने से इनकार किया. लेकिन एसपी आशीष भारती ने कहा कि हाजत में हुई मौत की जांच मानवाधिकार की टीम के द्वारा की गई है. जिसमें सभी पक्षों का बयान दर्ज किया गया है.
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