रोहतास: जिला मुख्यालय के करगहर प्रखंड का सरकारी अस्पताल भगवान भरोसे चल रहा है. आलम यह है कि मरीजों के लिए यहां पर डॉक्टर ही मौजूद नहीं है. सरकारी अनदेखी के कारण यहां आने वाले मरीजों को मुंह लटकाए वापस लौटना पड़ता है. यहां सुविधाओं का घोर अभाव है.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सुशासन बाबू की आए दिन किरकिरी होती रहती है. बेहतरी के तमाम दावों के बावजूद लापरवाही और बदहाली की तस्वीरें सामने आ ही जाती है. रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के सरकारी अस्पताल में भी यही देखने को मिल रहा है.
पदों पर बहाल नहीं है डॉक्टर
करगहर प्रखंड के सरकारी अस्पताल में आठ डॉक्टरों का पद मौजूद है. लेकिन, सरकार की अनदेखी के कारण महज दो डॉक्टर ही पूरे प्रखंड अस्पताल को संभालने को मजबूर हैं. हालात यह हैं कि दांत के डॉक्टर सर्दी, बुखार के मरीज का इलाज करते हैं. सरकार की तरफ से मरीजों के लिए सतरंगी चादर का भी इंतजाम है. लेकिन, इसका लाभ भी मरीजों को नहीं मिलता है.
बंद पड़ा जांच कक्ष
सुविधाओं के नाम पर यहां महज खानापूर्ति की जाती है. इतना ही नहीं कई तरह के जांच भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि गरीब मरीज कहां जाऐंगे? अस्पताल में इलाज करवाने पहुंचे एक गरीब मरीज ने बताया कि यहां जांच की व्यवस्था नहीं है. जांच कक्ष बंद पड़ा है. अस्पताल परिसर में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है.
12-12 घंटे काम कर रहे डॉक्टर
अस्पताल प्रभारी का कहना है कि डॉक्टर्स की कमी की बात विभाग को बताई जा चुकी है. लेकिन, कोई समाधान नहीं निकला है. दो डॉक्टर 12-12 घंटे करके काम करते हैं. उसपर भी एक बीमार हो जाए तो समस्या और बढ़ जाती है. प्राइवेट इलाज महंगा होने के कारण लोग यहां आने को मजबूर हैं.