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लॉकडाउन ने तोड़ी धान के कटोरे के किसानों की कमर, उन्नत किस्म के बीज के बिना कर रहे खेती

किसानों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से रिसर्च किए हुए उन्नत किस्म की बीज इस बार नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में मजबूरन पारंपरिक बीज का ही उपयोग करना पड़ रहा है.हालांकि, अधिकारी बीज की उपलब्धता की बात कह रहे हैं.

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Published : Jun 9, 2020, 3:27 PM IST

Updated : Jun 11, 2020, 7:11 PM IST

रोहतास: बिहार में जिला को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां उत्तम किस्म की धान की बंपर पैदावार होती है. इसके लिए किसानों को उन्नत नस्ल के बीज की आवश्यकता भी होती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन की मार के कारण किसान को उन्नत बीज मिलने में दिक्कत आ रही है. पहले जहां किसान देश के अलग-अलग कृषि विश्वविद्यालयों के रिसर्च किए हुए बीज का उपयोग करते थे लेकिन इस बार संभव नहीं हो पा रहा है.

रोहतास जिले में 2 लाख 30 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की खेती होती है. जिसमें से 1 लाख 95 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित है. ऐसे में यहां के किसान लगभग 19 हजार हेक्टेयर भूमि में धान का बिचड़ा डालते हैं. ताकि उसे खेतों में रोपा जा सके. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण किसानों को उन्नत किस्म की बीज मिलने में दिक्कत आ रही है. ऐसे में किसानों का कहना है कि वे लोग पारंपरिक बीज का ही उपयोग कर रहे हैं. जिससे शंका बनी रहती है कि पैदावार कैसा होगा?

पेश है रिपोर्ट

नहीं मिल पा रहा उत्तम किस्म की बीज
जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमन ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद कृषि कार्य बाधित नहीं था. बिहार बीज निगम के बीज भी सभी प्रखंडों में उपलब्ध करा दिए गए हैं. खासकर रोहतास जिला के किसान काफी जागरुक हैं. यहां के किसान धान के अलग-अलग वैरायटी की पैदावार करने के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में देश के अलग-अलग विश्वविद्यालय के 'रिसर्च सीड' इस बार किसानों को नहीं मिल पाया. बता दें कि पिछली बार किसानों पर मौसम की मार पड़ी थी. हालांकि, इस बार मौसम अनुकूल है लेकिन लॉकडाउन ने किसानो की कमर तोड़ कर रख दी है.

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खेत जुताई करते किसान

रोहतास: बिहार में जिला को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां उत्तम किस्म की धान की बंपर पैदावार होती है. इसके लिए किसानों को उन्नत नस्ल के बीज की आवश्यकता भी होती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन की मार के कारण किसान को उन्नत बीज मिलने में दिक्कत आ रही है. पहले जहां किसान देश के अलग-अलग कृषि विश्वविद्यालयों के रिसर्च किए हुए बीज का उपयोग करते थे लेकिन इस बार संभव नहीं हो पा रहा है.

रोहतास जिले में 2 लाख 30 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की खेती होती है. जिसमें से 1 लाख 95 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित है. ऐसे में यहां के किसान लगभग 19 हजार हेक्टेयर भूमि में धान का बिचड़ा डालते हैं. ताकि उसे खेतों में रोपा जा सके. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण किसानों को उन्नत किस्म की बीज मिलने में दिक्कत आ रही है. ऐसे में किसानों का कहना है कि वे लोग पारंपरिक बीज का ही उपयोग कर रहे हैं. जिससे शंका बनी रहती है कि पैदावार कैसा होगा?

पेश है रिपोर्ट

नहीं मिल पा रहा उत्तम किस्म की बीज
जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमन ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद कृषि कार्य बाधित नहीं था. बिहार बीज निगम के बीज भी सभी प्रखंडों में उपलब्ध करा दिए गए हैं. खासकर रोहतास जिला के किसान काफी जागरुक हैं. यहां के किसान धान के अलग-अलग वैरायटी की पैदावार करने के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में देश के अलग-अलग विश्वविद्यालय के 'रिसर्च सीड' इस बार किसानों को नहीं मिल पाया. बता दें कि पिछली बार किसानों पर मौसम की मार पड़ी थी. हालांकि, इस बार मौसम अनुकूल है लेकिन लॉकडाउन ने किसानो की कमर तोड़ कर रख दी है.

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खेत जुताई करते किसान
Last Updated : Jun 11, 2020, 7:11 PM IST
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