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रोहतास: 18 हजार मानदेय की मांग को लेकर फूटा स्वास्थ्यकर्मियों का गुस्सा, निकाला प्रतिरोध मार्च - बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

रोहतास में 18 हजार मानदेय की मांग को लेकर आशा-ममता कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि इतने पैसों में गुजारा कर पाना मुश्किल हो रहा है.

रोहतास में प्रदर्शन
रोहतास में प्रदर्शन
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Published : Sep 7, 2020, 12:28 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 8:03 PM IST

रोहतास: जिले में अपनी 15 सूत्री मांगों को मांगों को लेकर कुरियर संघ के बैनर तले आशा और ममता कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय पर जमकर बवाल काटा. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

लोगों ने निकाला प्रतिरोध मार्च
लोगों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

जिला मुख्यालय सासाराम स्थित सिविल सर्जन कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि मौजूदा समय में आशा-ममता कार्यकर्ताओं के अलावा स्वास्थ्य विभाग में कुरियर का काम करने वाले लोगों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है. कोरोनाकाल में वे लगातार काम करते रहे. लेकिन सरकार उनका शोषण कर रही है.

पेश है रिपोर्ट

क्या है मांग ?
मौके पर प्रदर्शनकारियों ने बताया कि ममता कार्यकर्ता को मात्र एक हजार रुपये मिलते हैं. इसमें उन लोगों को गुजारा करना मुश्किल है. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अपनी 15 सूत्री मांगों में ममता, आशा और कुरियर कर्मियों को 18 हजार प्रतिमाह मानदेय लागू करने की मांग की. साथ ही बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के राज्य स्तरीय नेता पर पटना के सिविल सर्जन द्वारा मुकदमा किए जाने की निंदा भी की. उन्होंने उस मुकदमे को वापस लेने की मांग की.

रोहतास: जिले में अपनी 15 सूत्री मांगों को मांगों को लेकर कुरियर संघ के बैनर तले आशा और ममता कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय पर जमकर बवाल काटा. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

लोगों ने निकाला प्रतिरोध मार्च
लोगों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

जिला मुख्यालय सासाराम स्थित सिविल सर्जन कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि मौजूदा समय में आशा-ममता कार्यकर्ताओं के अलावा स्वास्थ्य विभाग में कुरियर का काम करने वाले लोगों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है. कोरोनाकाल में वे लगातार काम करते रहे. लेकिन सरकार उनका शोषण कर रही है.

पेश है रिपोर्ट

क्या है मांग ?
मौके पर प्रदर्शनकारियों ने बताया कि ममता कार्यकर्ता को मात्र एक हजार रुपये मिलते हैं. इसमें उन लोगों को गुजारा करना मुश्किल है. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अपनी 15 सूत्री मांगों में ममता, आशा और कुरियर कर्मियों को 18 हजार प्रतिमाह मानदेय लागू करने की मांग की. साथ ही बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के राज्य स्तरीय नेता पर पटना के सिविल सर्जन द्वारा मुकदमा किए जाने की निंदा भी की. उन्होंने उस मुकदमे को वापस लेने की मांग की.

Last Updated : Sep 7, 2020, 8:03 PM IST
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