रोहतास: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जमुई में कोरोना के जांच में हुई गड़बड़ी मामले में प्रतिक्रिया दी है. मंत्री ने बयान देते हुए कहा कि इस संबंध में बिहार सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है और जो भी दोषी पाए जाएंगे. उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. दरअसल सूबे के स्वास्थ्य मंत्री शनिवार को रोहतास के बिक्रमगंज में भाजपा के आयोजित मंडल प्रशिक्षण शिविर में शिरकत करने पहुंचे थे.
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'जमुई के सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के अलावा बरहट और सिकंदरा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही तीन स्वास्थ प्रबंधकों को जिला स्तर से बर्खास्तगी की गई है. इस पूरे मामले की सरकार जांच करा रही है. वहीं, हम अपने स्तर पर इसकी जांच कर रहे हैं. अन्य जिलों से जैसे ही रिपोर्ट आएगी, अगर कहीं गड़बड़ी पाई गई तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी.'- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री
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इन मामलों पर चल रही जांच
बता दें कि बिहार में कोरोना जांच में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, 16 जनवरी, 18 जनवरी और 25 जनवरी को जमुई जिले के सिकन्दरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 183 लोगों की जांच हुई. हालांकि, जांच में जो खुलासा हुआ वो हैरान करने वाला था. रिपोर्ट की माने तो, सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिन लोगों का कोरोना जांच किया गया था, उनमें से 13 लोग ऐसे हैं, जिनके नाम के सामने एक ही मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिला मुख्यालय में डाटा एंट्री स्टॉफ ने जमीनी स्तर पर काम करने वाले पीएचसी के कर्मचारियों को दोषी ठहराया है.