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रोहतास के शेरशाह मकबरा मामले पर HC में हुई सुनवाई, केंद्र सरकार को पार्टी बनाने का आदेश

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Published : Nov 30, 2022, 10:40 PM IST

Patna High Court ने बुधवार को सासाराम स्थित ऐतिहासिक शेरशाह के मकबरा से जुड़े मामले की सुनवाई की.मकबरा से जुड़ा नाला कूड़ा से भरा पड़ा है, जिस कारण शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुंच पाता है. तालाब गंदा है और कचड़े से भरा हुआ है. पढ़ें पूरी खबर..

Patna High Court News
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पटनाः सासाराम के ऐतिहासिक महत्व के धरोहर शेरशाह के मकबरे के आसपास बड़े तालाब में स्वच्छ और ताजा पानी आने के लिए बनाया गए नाले बंद होने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई (HC hearing on Shershah tomb case of Rohtas) की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को पार्टी बनाने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें-ST बालिका विद्यालय हरनाटांड मामले पर HC में गुरुवार को भी होगी सुनवाई


प्राची पल्लवी एमिकस क्यूरी नियुक्तः कोर्ट ने रोहतास के डीएम, डीसीएलआर, सासाराम नगर निकाय के अधिकारियो समेत केंद्र सरकार के अधिकारी और एएसआई की बैठक कर विस्तृत कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने प्राची पल्लवी को इस जनहित की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. कोर्ट ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहर है, जिसकी सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक है.


सिर्फ पचास फीसदी नाले का काम हुआः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर ने कोर्ट को बताया कि सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा राष्ट्रीय धरोहर है. इसके तालाब में साफ और ताजा के लिए वहां तक नाले का निर्माण किया गया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि 2018 से 2020 तक सिर्फ पचास फीसदी नाले का काम हुआ. इसे बाद में खराब माना गया. इसमें लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च हुए थे.


स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांगः इसमें काफी अनियमितताएं बरती गई, जिसकी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि ये नाला कूड़ा से भरा पड़ा है, जिस कारण शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुंच पाता है. वह तालाब गंदा और कचड़े से भरा हुआ है. वहां जो पर्यटक आते हैं, उन्हें ऐसी हालत देख कर निराशा होती है. इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी.

ये भी पढ़ें-पटना हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से 7 साल बाद अपने बच्चे से मिलेगी मां

पटनाः सासाराम के ऐतिहासिक महत्व के धरोहर शेरशाह के मकबरे के आसपास बड़े तालाब में स्वच्छ और ताजा पानी आने के लिए बनाया गए नाले बंद होने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई (HC hearing on Shershah tomb case of Rohtas) की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को पार्टी बनाने का निर्देश दिया.

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प्राची पल्लवी एमिकस क्यूरी नियुक्तः कोर्ट ने रोहतास के डीएम, डीसीएलआर, सासाराम नगर निकाय के अधिकारियो समेत केंद्र सरकार के अधिकारी और एएसआई की बैठक कर विस्तृत कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने प्राची पल्लवी को इस जनहित की सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. कोर्ट ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहर है, जिसकी सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक है.


सिर्फ पचास फीसदी नाले का काम हुआः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कन्हैया लाल भास्कर ने कोर्ट को बताया कि सासाराम स्थित शेरशाह का मकबरा राष्ट्रीय धरोहर है. इसके तालाब में साफ और ताजा के लिए वहां तक नाले का निर्माण किया गया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि 2018 से 2020 तक सिर्फ पचास फीसदी नाले का काम हुआ. इसे बाद में खराब माना गया. इसमें लगभग आठ करोड़ रुपए खर्च हुए थे.


स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांगः इसमें काफी अनियमितताएं बरती गई, जिसकी जांच स्वतन्त्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि ये नाला कूड़ा से भरा पड़ा है, जिस कारण शेरशाह के मकबरे के तालाब में साफ पानी नहीं पहुंच पाता है. वह तालाब गंदा और कचड़े से भरा हुआ है. वहां जो पर्यटक आते हैं, उन्हें ऐसी हालत देख कर निराशा होती है. इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी.

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