रोहतासः सरकार व शिक्षा विभाग का दावा है बिहार में सरकारी स्कूलों के हालात में सुधार हुए हैं. छात्र-छात्राओं को स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं का ढिंढोरा पीटा जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ बिहार के रोहतास जिले में बुनियादी सुविधाएं न मिलने से छात्राएं विरोध जताती हैं तो बदले में उसे थप्पड़ मारा जाता है. मंगलवार को इसके विरोध में छात्राओं ने जमकर प्रदर्शन किया.
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रोहतास में छात्राओं का प्रदर्शनः मामला जिले के डेहरी स्थित रामारानी जैन बालिका उच्चतर प्लस टू विद्यालय का है. नाराज छात्राओं ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका के चेंबर में घुसकर बवाल काटा. छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. जिस कारण उन्हें पढ़ाई करने में दिक्कत होती है. यहां तक की विद्यालय के जर्जर भवन में भी उन्हें जानवरों की तरह एक बेंच पर पांच-पांच लड़कियों को बिठाया जाता है. उमस भरी गर्मी में विद्यालय के कमरे में पंखा तक नहीं है.
विरोध करने पर छात्रा की पिटाईः छात्रा श्वेता कुमारी बताती है कि लड़कियों के टॉयलेट में इतनी गंदगी पसरी है कि पढ़ने वाली छात्राएं टॉयलेट जाने के क्रम में उल्टियां करने लगती हैं. इसी बात की शिकायत करने जब वह प्रधानाध्यापिका के पास पहुंची तो वह आग बबूला हो गई तथा उल्टे छात्राओं को ही खरी खोटी सुनाने लगी. इतना ही नहीं प्रधानाध्यापिका ने छात्रा को थप्पड़ मारी. इसके बाद से छात्राएं आक्रोशित हो गई.
"स्कूल में कोई सुविधा नहीं है. शिकायत करने पर मारपीट की जाती है. कहा जाता है कि जाओ जो करना है कर लो. टॉयलेट में साफ सफाई का अभाव है. जाने पर उल्टी होने लगती है. प्रधानाध्यापिका खुद के लिए अलग टॉयलेट में ताला मारकर रखती है. विरोध करने पर थप्पड़ मारती है. बैठने के लिए व्यवस्था नहीं है."-श्वेता कुमारी, छात्रा
एक बेंच पर पांच लड़की बैठती हैः छात्रा मुस्कान के अनुसार इस सरकारी विद्यालय में तकरीबन 1281 लड़कियां पढ़ाई करती हैं. स्कूल में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. स्कूल के भवन जर्जर हो चुके हैं. बैठने में डर लगा रहता है कि कभी घटना न हो जाए. स्कूल के गेट के सामने अवैध तरीके से ऑटो स्टैंड बन चुका है, जिस कारण मनचलों का जमावड़ा लगा रहता है. ऐसे में विद्यालय आने में भी डर लगता है. क्लास रूप में कोई व्यवस्था नहीं है.
"एक बेंच पर 5ृ-5 स्टूडेंट को बैठाया जाता है. गर्मी में कमरे में पंखे नहीं है, जिससे काफी परेशानी होती है. शिकायत करने पर टीचर भगा देती है. दीदी बात करने गई तो इनके ऊपर थप्पड़ चला रही है. प्रधानाध्यापिका अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए बात करती है." -मुस्कान परवीन, छात्रा
स्कूल में बैठने के लिए जगह नहींः इस पूरे मामले में प्रधानाध्यापिका से बात की गई तो उन्होंने व्यवस्था नहीं होने की बात कही. उन्होंने कहा कि स्कूल में स्टूडेंट की संख्या काफी ज्यादा है. विभाग की ओर से 75 प्रतिशत छात्राओं की उपस्थिति का निर्देश दिया गया है, लेकिन 50 प्रतिशत भी छात्राएं आ जाती हैं तो बैठाने के लिए जगह नहीं रहता है. ऐसे में विभाग को इसके बारे में विभाग को बताया गया है. छात्राओं को सुविधा दी जा रही है.
"स्कूल काफी पुराना है. कई कमरे जर्जर हो चुके हैं. प्लस 2 का बिल्डिंग को डैमेज घोषित किया जा चुका है. 75% उपस्थिति को लेकर बच्चियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिस कारण थोड़ी परेशानी हो रही है. सीमित संसाधनों में बच्चियों की पढ़ाई पूरी हो सके इसके लिए तत्पर हैं.बच्चियों के द्वारा थप्पड़ मारने का आरोप बेबुनियाद है." -नीलम कुमारी, प्रधानाध्यापिका