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खाद्य पदार्थ पर GST लगाने से कांति सिंह नाराज, कहा- गरीबों पर जुल्म कर रही मोदी सरकार

पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह (Former Union Minister Kanti Singh) ने खाद्य पदार्थ को जीएटी के दायरे में लाने को लेकर केंद्र पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे. पढ़ें पूरी खबर..

Former Union Minister Kanti Singh
पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह
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Published : Jul 22, 2022, 4:05 PM IST

रोहतास: केंद्र सरकार द्वारा खाने-पीने की चीजों को जीएटी के दायरे में लाने के बाद से विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हो गयी है. इसको लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठाया जा रहा है. राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह (Kanti Singh Attack on Central Government) ने खाने पीने की चीजों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को गरीबों से कोई मतलब नहीं है. राजद नेता जिले के डेहरी में राजद नेता श्याम राज सिंह के निधन के बाद उनके परिजनों से मिलने उनके घर पहुंची थी.

ये भी पढे़ं-महंगाई में आटा गीला: GST की नई दरों से पटनावासी परेशान, बोले- 'कैसे जिएगा आम आदमी'

जीएसटी पर कांति सिंह की प्रतिक्रिया: पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जीएसटी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूंजी-पतियों की सरकार है. इन्हें गरीबों से कोई वास्ता ही नहीं है. जिस तरह से रोजमर्रा की चीजों को जीएसटी के दायरे में लाया गया है. इससे गरीब तबके के लोगों पर बोझ बढा है. इस सरकार में यह विडंबना है कि तेल, चावल, दाल, घी, पनीर, मखन्न जैसी चीजों को भी जीएसटी के दायरे में लाकर सरकार ने गरीबों पर जुल्म किया है.

केंद्र सरकार पर कांति सिंह का हमला: कांति सिंह ने कहा कि एक तो पहले ही लोग महंगाई से त्रस्त थे. अब रोजमर्रा की खाने वाली चीजों को जीएसटी के दायरे में लाकर केंद्र सरकार ने बची-खुची कसर को पूरी कर दी है. जिसे महागठबंधन कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. सप्त क्रांति दिवस के मौके से आगामी 7 अगस्त से केंद्र सरकार की मनमानी के खिलाफ महागठबंधन आंदोलन का आगाज करेगी. जिसमें बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर महागठबंधन के कार्यकर्ता धरना-प्रदर्शन करेंगे.

"भारत के इतिहास में पहली दफा खाद्य पदार्थ पर केंद्र की सरकार ने जीएसटी लगाने का काम किया है. सबसे बड़ी चीज है, जो रोजमर्रे की चीज है. रोज खरीदकर खाने वाले लोग जो गरीब लोग है. या मध्य वर्गीय परिवार है. इन लोगों पर कितना बड़ा बोझ पड़ा है. जिसका की कुछ हिसाब नहीं है. खुदरा विक्रेता पर भी बोझ पड़ा है. सरकार के खिलाफ 7 अगस्त को हर जिले में प्रदर्शन किया जाएगा."- कांति सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद के वरिष्ठ नेता

ये भी पढे़ं-बिहार के विकास में GST की बड़ी भूमिका, पिछले वित्त वर्ष में 36 हजार करोड़ की प्राप्ति': तारकिशो

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केंद्र सरकार पर कांति सिंह का हमला: कांति सिंह ने कहा कि एक तो पहले ही लोग महंगाई से त्रस्त थे. अब रोजमर्रा की खाने वाली चीजों को जीएसटी के दायरे में लाकर केंद्र सरकार ने बची-खुची कसर को पूरी कर दी है. जिसे महागठबंधन कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. सप्त क्रांति दिवस के मौके से आगामी 7 अगस्त से केंद्र सरकार की मनमानी के खिलाफ महागठबंधन आंदोलन का आगाज करेगी. जिसमें बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर महागठबंधन के कार्यकर्ता धरना-प्रदर्शन करेंगे.

"भारत के इतिहास में पहली दफा खाद्य पदार्थ पर केंद्र की सरकार ने जीएसटी लगाने का काम किया है. सबसे बड़ी चीज है, जो रोजमर्रे की चीज है. रोज खरीदकर खाने वाले लोग जो गरीब लोग है. या मध्य वर्गीय परिवार है. इन लोगों पर कितना बड़ा बोझ पड़ा है. जिसका की कुछ हिसाब नहीं है. खुदरा विक्रेता पर भी बोझ पड़ा है. सरकार के खिलाफ 7 अगस्त को हर जिले में प्रदर्शन किया जाएगा."- कांति सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद के वरिष्ठ नेता

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