रोहतास: सूबे का शिक्षा विभाग अपने अजीबोगरीब कारनामे के कारण अक्सर चर्चा में बना रहता है. इस बार मामला रोहतास जिले का है. जहां मगध सम्राट अशोक की जयंती मनाने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जल्दबाजी दिखाई और 20 अप्रैल की जगह 1 अप्रैल को ही सम्राट अशोक की जयंती मना ली.
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शिक्षा विभाग के कैलेंडर में हुई गलती
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा जारी कैलेंडर में 1 अप्रैल को चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती घोषित किया गया. लेकिन सबसे बड़ी बात है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित शिक्षा विभाग के 6 वरीय सक्षम अधिकारियों के हस्ताक्षर से जारी इस निर्देश के बाद रोहतास जिला के लगभग ज्यादातर विद्यालयों में 01 अप्रैल 'मूर्ख दिवस' को ही चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती मना लिया गया.
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20 अप्रैल को फिर से मनाया जाएगा सम्राट अशोक की जयंती
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि यह तंकक (टाइपिस्ट) की भूल थी. जिसे सुधार लिया गया है और पुनः कोविड गाइडलाइंस के अधीन 20 अप्रैल को चैत्र शुक्ल अष्टमी को मगध सम्राट अशोक की फिर से जयंती मनाई जाएगी. हालांकि, इस संबंध में सामाजिक संगठन मौर्य शक्ति के अध्यक्ष रवि मौर्य ने बताया कि वह इसकी शिकायत जिलाधिकारी से लेकर शिक्षा मंत्री तक करेंगे.
बहरहाल अब सवाल उठता है कि जिले के शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों ने मूर्ख दिवस को किस परिस्थिति में सम्राट अशोक की जयंती मनाने के निर्देश दिए और उससे भी बड़ी बात कि जिले के विभिन्न विद्यालयों ने भी इस दिन सम्राट अशोक की जयंती मना कर अपनी जवाबदेही का इतिश्री कर लिया.