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सोन नदी के जलस्तर में कमी से टला बाढ़ का खतरा, बारिश नहीं होने से किसान मायूस

जिले के भदोखरा पंचायत के किसान परेशान हैं. सोन नदी का पानी खेतों तक नहीं पहुंच रहा है. वहीं, बारिश भी नहीं हुई है. जिसके कारण खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं.

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Published : Aug 26, 2019, 6:19 PM IST

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रोहतास: जिले के सोन नदी का जलस्तर घटने से जहां तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के चेहरे पर खुशी है. तो वहीं, इलाके के किसानों के चेहरे पर मायूसी छायी है. मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलकर रोहतास की लाइफ लाइन बनने वाली सोन नदी के कहर से लोगों में भय बना हुआ था. जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली है. लेकिन, किसानों के चहरे मुरझाए हुए हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जिले के भदोखरा पंचायत के किसान परेशान हैं. सोन नदी का पानी उनके खेतों तक नहीं पहुंच रहा है. नतीजतन, खेतों में दरार पड़ने लगी है. वहीं, दूसरी ओर बारिश कम होने के कारण भी किसान परेशान हैं. वह अभी भी इस आस में हैं कि कब उनके दिन बहुरेंगे.

Rohtas
खेतों में पड़ी दरारें

बारिश ना होने से सूखे के हालात
भदोखरा गांव के रहने वाले किसानों ने बताया कि सोन नदी का पानी उन्हें नसीब नहीं हो पाता है. उनके इलाके में नहर नहीं है. जबकि दूसरे राज्यों में यह पानी पहुंच रहा है. बारिश नहीं होने से खेतों में भी सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है. इस साल किसानों ने जो रोपनी की है, वह पानी के अभाव में नष्ट होती दिख रही है.

Rohtas
सोन नदी का जलस्तर घटा

किसानों को फसल बर्बादी का डर
बता दें कि तिलौथू प्रखंड से ही सोन नदी गुजरती है. उसके बावजूद नहरों का पानी तिलौथू प्रखंड तक नहीं पहुंच पाता है. जिससे पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां पर धान की खेती करने वाले किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं. उन्हें इस अब इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं इस बार उनकी पूंजी ही ना डूब जाए.

रोहतास: जिले के सोन नदी का जलस्तर घटने से जहां तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के चेहरे पर खुशी है. तो वहीं, इलाके के किसानों के चेहरे पर मायूसी छायी है. मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलकर रोहतास की लाइफ लाइन बनने वाली सोन नदी के कहर से लोगों में भय बना हुआ था. जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली है. लेकिन, किसानों के चहरे मुरझाए हुए हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जिले के भदोखरा पंचायत के किसान परेशान हैं. सोन नदी का पानी उनके खेतों तक नहीं पहुंच रहा है. नतीजतन, खेतों में दरार पड़ने लगी है. वहीं, दूसरी ओर बारिश कम होने के कारण भी किसान परेशान हैं. वह अभी भी इस आस में हैं कि कब उनके दिन बहुरेंगे.

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खेतों में पड़ी दरारें

बारिश ना होने से सूखे के हालात
भदोखरा गांव के रहने वाले किसानों ने बताया कि सोन नदी का पानी उन्हें नसीब नहीं हो पाता है. उनके इलाके में नहर नहीं है. जबकि दूसरे राज्यों में यह पानी पहुंच रहा है. बारिश नहीं होने से खेतों में भी सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है. इस साल किसानों ने जो रोपनी की है, वह पानी के अभाव में नष्ट होती दिख रही है.

Rohtas
सोन नदी का जलस्तर घटा

किसानों को फसल बर्बादी का डर
बता दें कि तिलौथू प्रखंड से ही सोन नदी गुजरती है. उसके बावजूद नहरों का पानी तिलौथू प्रखंड तक नहीं पहुंच पाता है. जिससे पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां पर धान की खेती करने वाले किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं. उन्हें इस अब इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं इस बार उनकी पूंजी ही ना डूब जाए.

Intro:रोहतास। जिले के सोन नद में पानी घटने से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों पर खुशी है। तो वही उसी इलाके में रहने वाले किसानों के चेहरे पर मायूसी भी है।


Body:मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलकर रोहतास में लाइफ लाइन बनने वाली सोन नद का जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा है। लिहाज़ा इलाके में रहने वाले लोगों ने सुकून की सांसें ली है। लेकिन जिले के भदोखरा पंचायत के किसानों को चेहरे पर आज भी मायूसी छाई हुई है। क्योंकि सोन नद से निकले हुए नारों का पानी उनकी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। नतीजा खेतों में दरार पड़ने लगी है। बारिश कम होने की वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही है। अगर सोन से निकलने वाले नहरों का पानी उन किसानों के खेतों तक पहुंच पाता तो शायद आज उनके भी चेहरे हरे भरे और खिले रहते हैं। लेकिन उन्हें आज भी इंतजार है आसमान से बरसने वाले बारिश की।भदोखरा गांव के रहने वाले किसान ने ईटीवी भारत से बताया कि सोन नद का पानी हम लोगों को नसीब नहीं हो पाता है। जबकि किसी दूर-दूर तक दूसरे लोगों को पानी दिया जाता है। नतीजा बारिश नहीं होने से खेतों में सूखे की स्थिति पैदा हो जाती है। हालांकि तिलौथू प्रखंड से ही सोन नदी गुजरती है। उसके बावजूद नहरों का पानी तिलौथू प्रखंड तक नहीं पहुंच पाता है। जिससे पहाड़ी इलाका होने की वजह से यहां पर धान की खेती करने वाले किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। उन्हें इस अब इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं इस बार उनकी पूंजी ही ना डूब जाए।


Conclusion:वही सोन नदी का लगातार जलस्तर घटने से जा एक तरफ तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोगों को सुकून की सांसे मिली है। तो वहीं किसानों के चेहरे पर मायूसी भी साफ दिखाई देने लगी है। क्योंकि सोन मद से उन्हें खेतों के लिए पानी नहीं नसीब हो पाता है।

बाइट। ग्रामीण
बाइट। प्रखंड नोडल अधिकारी
पीटीसी
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