ETV Bharat / state

रोहतास: किसानों के लिए सिरदर्द बनी पराली, अब रबी के फसल को नुकसान का खतरा

किसानों का आरोप है कि सरकार ने बिना सोचे समझे इस कानून को उन पर थोप दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार अगर पराली नष्ट की मशीन उपलब्ध करा दें तो इससे उन्हें काफी सहूलियत होगी.

rohtas
किसानों के लिए सिरदर्द बना पराली
author img

By

Published : Dec 11, 2019, 12:14 PM IST

रोहतास: जिले में पराली जलाए जाने के खिलाफ प्रशासन सघन अभियान चला रहा है. इससे किसानों की परेशानी भी बढ़नी शुरू हो गई है. किसानों का कहना है कि इनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो पराली नष्ट करने वाली महंगी मशीनों को खरीद सकें. लिहाजा किसानों के लिए अब पराली सिर दर्द बन गया है.

rohtas
किसानों के लिए सिरदर्द बना पराली

गौरतलब है कि पिछले दिनों बिहार में नए कानून के तहत यह फरमान जारी कर दिया गया कि कोई भी किसान अपने खेतों में पराली नहीं जलाएगा. यदि कोई किसान पराली जलाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाला कृषि अनुदान से भी वंचित कर दिया जाएगा.

rohtas
पराली जलाने से खेत हो रहे बंजर

किसानों की बढ़ी परेशानी
एक ओर किसान जहां गरीबी के बोझ तले दबे हैं, ऐसे में सरकार के इस नये फरमान ने किसानों की परेशानी और भी बढ़ा दी है. धान की कटाई के बाद रबी फसल की बुआई होने वाली है जबकि खेतों में धान की फसल काटे जाने के बाद पराली मौजूद है. ऐसे में किसानों को अब इस बात की चिंता सता रही है कि वो अपनी खेतों में लगे पराली को कैसे नष्ट करें.

जानकारी देते किसान और ईटीवी भारत के संवाददाता

सरकार की ओर से कोई मदद नहीं
किसानों का आरोप है कि सरकार ने बिना सोचे समझे इस कानून को उन पर थोप दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार अगर पराली जलाने की मशीन उपलब्ध करा दें तो इससे उन्हें काफी सहूलियत होगी. लेकिन मशीन काफी महंगी है और अभी तक सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है. ऐसे में मजबूरन उन्हें खेतों में ही पराली जलानी पड़ रही है.

ये भी पढ़ें- औरंगाबाद: सदर अस्पताल के 'धक्कामार' एंबुलेंस की खुली पोल, व्यवस्था पर उठे सवाल

रबी के फसल को नुकसान का खतरा
किसानों को इस बात का डर भी है कि कहीं उन पर प्राथमिकी दर्ज ना कर दी जाए. कई किसानों ने बताया कि वो खेतों से पराली निकालकर गांव में ही ठिकाने लगा रहे हैं ताकि खेतों में रबी फसल की बुआई की जा सके. गौरतलब है कि धान की कटाई होने के बाद किसान रबी फसल की तैयारी में जुट जाते हैं. लेकिन अब पराली उनके लिए सरदर्द बन गया है. अगर वह पराली नहीं जलाते हैं तो सही समय पर रबी फसल की बुआई नहीं हो पाएगी. ऐसे में रबी फसल का नुकसान होना कहीं ना कहीं तय माना जा रहा है.

रोहतास: जिले में पराली जलाए जाने के खिलाफ प्रशासन सघन अभियान चला रहा है. इससे किसानों की परेशानी भी बढ़नी शुरू हो गई है. किसानों का कहना है कि इनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो पराली नष्ट करने वाली महंगी मशीनों को खरीद सकें. लिहाजा किसानों के लिए अब पराली सिर दर्द बन गया है.

rohtas
किसानों के लिए सिरदर्द बना पराली

गौरतलब है कि पिछले दिनों बिहार में नए कानून के तहत यह फरमान जारी कर दिया गया कि कोई भी किसान अपने खेतों में पराली नहीं जलाएगा. यदि कोई किसान पराली जलाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाला कृषि अनुदान से भी वंचित कर दिया जाएगा.

rohtas
पराली जलाने से खेत हो रहे बंजर

किसानों की बढ़ी परेशानी
एक ओर किसान जहां गरीबी के बोझ तले दबे हैं, ऐसे में सरकार के इस नये फरमान ने किसानों की परेशानी और भी बढ़ा दी है. धान की कटाई के बाद रबी फसल की बुआई होने वाली है जबकि खेतों में धान की फसल काटे जाने के बाद पराली मौजूद है. ऐसे में किसानों को अब इस बात की चिंता सता रही है कि वो अपनी खेतों में लगे पराली को कैसे नष्ट करें.

जानकारी देते किसान और ईटीवी भारत के संवाददाता

सरकार की ओर से कोई मदद नहीं
किसानों का आरोप है कि सरकार ने बिना सोचे समझे इस कानून को उन पर थोप दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार अगर पराली जलाने की मशीन उपलब्ध करा दें तो इससे उन्हें काफी सहूलियत होगी. लेकिन मशीन काफी महंगी है और अभी तक सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है. ऐसे में मजबूरन उन्हें खेतों में ही पराली जलानी पड़ रही है.

ये भी पढ़ें- औरंगाबाद: सदर अस्पताल के 'धक्कामार' एंबुलेंस की खुली पोल, व्यवस्था पर उठे सवाल

रबी के फसल को नुकसान का खतरा
किसानों को इस बात का डर भी है कि कहीं उन पर प्राथमिकी दर्ज ना कर दी जाए. कई किसानों ने बताया कि वो खेतों से पराली निकालकर गांव में ही ठिकाने लगा रहे हैं ताकि खेतों में रबी फसल की बुआई की जा सके. गौरतलब है कि धान की कटाई होने के बाद किसान रबी फसल की तैयारी में जुट जाते हैं. लेकिन अब पराली उनके लिए सरदर्द बन गया है. अगर वह पराली नहीं जलाते हैं तो सही समय पर रबी फसल की बुआई नहीं हो पाएगी. ऐसे में रबी फसल का नुकसान होना कहीं ना कहीं तय माना जा रहा है.

Intro:रोहतास. जिले में प्रशासन के द्वारा पराली जलाने को लेकर सघन अभियान चलाया जा रहा है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है.


Body:गौरतलब है कि पिछले दिनों बिहार में नए कानून के तहत यह फरमान जारी कर दिया गया कि कोई भी किसान अपने खेतों में पराली नहीं जलाएगा। यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली जलाता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाला कृषि अनुदान से भी वंचित कर दिया जाएगा। इस कानून के बाद किसानों की परेशानी बढ़ाना लाजमी है। गौरतलब है कि किसान जहां एक तरफ गरीबी के बोझ तले दबे हैं अब ऐसे में सरकार की तरफ से नया फरमान जारी करने पर उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है। वहीं धान के कटाई के बाद रबी फसल की बुआई होने वाली है। जबकि खेतों में धान की फसल काटने जाने के बाद पराली मौजूद है। ऐसे में किसानों को अब इस बात का चिंता सता रहा है कि वाह अपने खेतों में लगे पराली को कहा नष्ट करें। वही करमा गांव के रहने वाले किसान ने बताया कि किसान के पास इतना पैसा नहीं है कि वह पराली नष्ट करने वाली महंगी मशीनों को खरीद सकें। लिहाजा किसानों के लिए अब पराली सर दर्द बन गया है। सरकार बिना कोई सोचे समझे ही ऐसे कानूनों को किसानों पर लाद दिया है जिससे किसान परेशान हो जाए। उन्होंने बताया कि सरकार अगर किसानों को पराली जलाने की मशीन उपलब्ध करा दें तो किसान को इससे सहूलियत मिलेगी। इतना ही नहीं किसान ने बताया कि मजबूरी में उन्हें खेतों में ही पराली जलानी पड़ रही है। जिससे उन्हें इस बात का भय भी रहता है कि कहीं उन पर प्राथमिकी दर्ज ना कर दी जाए। कई किसानों ने बताया कि वह खेतों से पराली निकालकर गांव में ही ठिकाने लगा रहे हैं ताकि खेतों में रबी फसल की बुआई कज जा सके। गौरतलब है कि धान की कटाई होने के बाद जिले में किसान रबी फसल की तैयारी में जुट जाते हैं और अपने खेतों में रबी फसल के बुवाई के लिए खेतों में पराली को जलाते हैं। लेकिन अब पराली उनके लिए सरदर्द बन गया है। अगर वह पराली नहीं जलाते हैं तो सही समय पर रबी फसल की बुआई नहीं हो पाएगी। ऐसे में किसानों को रबी फसल का नुकसान हो ना कहीं ना कहीं तय माना जा रहा है।


Conclusion:आपको बता दें कि किसानों के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि यह सरकार अगर पराली जलाने की समुचित व्यवस्था कर देती तो शायद उनके लिए इतनी परेशानी की बात ना होती। लेकिन सरकार बिना सोचे समझे ही ऐसे कानूनों को किसानों के सर पर ला दिया है।

बाइट। किसान
पीटीसी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.