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रोहतास: परंपरागत खेती छोड़ मछली पालन कर रहे हैं किसान, हो रही है लाखों की आमदनी

किसान अब ट्रेडिशनल खेती छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर रुख कर रहे हैं. मॉडर्न खेती में किसानों को अधिक मुनाफा मिल रहा हैं. वहीं, परंपरागत खेती करने से उन्हें मुनाफा नहीं मिल पाता था.

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Published : Jan 18, 2020, 9:07 PM IST

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रोहतास: जिले को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर रुख कर रहे हैं. इस नई खेती में मछली पालन लोगों को खूब भा रहा है. किसान मछली पालन के व्यवसाय से जुड़कर लाखों की आमदनी कर रहे हैं.

'सरकार से नहीं मिली मदद'
शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के रहने वाले प्रकाश कुमार पेशे से वकील थे, लेकिन वकालत छोड़कर उन्होंने अपने गांव में तकरीबन 40 एकड़ भूमि में मछली पालन शुरू किया. इस व्यवसाय से वे लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं. वहीं, कई लोगों को उन्होंने इस व्यवसाय से जोड़कर रोजगार भी दिया है. प्रकाश कुमार ने कहा कि उन्हें अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.

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वकालत छोड़कर मछली पालन कर रहे है प्रकाश कुमार

'लाखों की होती है बचत'
प्रकाश कुमार ने बताया कि धान गेहूं की खेती करने से बेहतर है कि मछली का व्यवसाय किया जाए. इसमें 1 एकड़ की भूमि में मछली पालन किया जाए तो एक लाख तक की बचत होती है. वहीं, उन्होंने बताया कि वे ट्रेडिशनल खेती छोड़कर अब मॉडर्न खेती कर रहे हैं. वे अपने गांवों में रहकर ही मछली का व्यवसाय कर लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

बता दें कि किसान अब ट्रेडिशनल खेती छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर रुख कर रहे हैं. मॉडर्न खेती में किसानों को अधिक मुनाफा मिल रहा हैं. वहीं, परंपरागत खेती करने से उन्हें मुनाफा नहीं मिल पाता था. साथ ही उन्हें नुकसान होने की भी संभावना ज्यादा रहती थी.

रोहतास: जिले को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर रुख कर रहे हैं. इस नई खेती में मछली पालन लोगों को खूब भा रहा है. किसान मछली पालन के व्यवसाय से जुड़कर लाखों की आमदनी कर रहे हैं.

'सरकार से नहीं मिली मदद'
शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के रहने वाले प्रकाश कुमार पेशे से वकील थे, लेकिन वकालत छोड़कर उन्होंने अपने गांव में तकरीबन 40 एकड़ भूमि में मछली पालन शुरू किया. इस व्यवसाय से वे लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं. वहीं, कई लोगों को उन्होंने इस व्यवसाय से जोड़कर रोजगार भी दिया है. प्रकाश कुमार ने कहा कि उन्हें अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.

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वकालत छोड़कर मछली पालन कर रहे है प्रकाश कुमार

'लाखों की होती है बचत'
प्रकाश कुमार ने बताया कि धान गेहूं की खेती करने से बेहतर है कि मछली का व्यवसाय किया जाए. इसमें 1 एकड़ की भूमि में मछली पालन किया जाए तो एक लाख तक की बचत होती है. वहीं, उन्होंने बताया कि वे ट्रेडिशनल खेती छोड़कर अब मॉडर्न खेती कर रहे हैं. वे अपने गांवों में रहकर ही मछली का व्यवसाय कर लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

बता दें कि किसान अब ट्रेडिशनल खेती छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर रुख कर रहे हैं. मॉडर्न खेती में किसानों को अधिक मुनाफा मिल रहा हैं. वहीं, परंपरागत खेती करने से उन्हें मुनाफा नहीं मिल पाता था. साथ ही उन्हें नुकसान होने की भी संभावना ज्यादा रहती थी.

Intro:रोहतास। रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है। लेकिन अब इस धान के कटोरे में रहने वाले किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर रुख कर रहे हैं।


Body:गौरतलब है कि रोहतास पूरे बिहार में रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है। क्योंकि इस जिले में धान की सबसे अधिक पैदावार होती है। लेकिन अब यहां के किसान पुराने और परंपरागत खेती को छोड़कर मोर्डन खेती की ओर रुख कर रहे हैं। इस नई खेती में मछली पालन लोगों को खूब भा रहा है। नतीजा लोग अपने व्यवसाय को बदलकर मछली पालन के व्यवसाय से जुड़कर लाखों रुपए की आमदनी कम आ रहे हैं। इसी का मिसाल पेश किया है शिवसागर प्रखंड के चमराहा गांव के रहने वाले प्रकाश कुमार ने प्रकाश कुमार पेशे से वकील हुआ करते थे। लेकिन वकालत की प्रैक्टिस छोड़कर वह अपने गांव पर ही तकरीबन 40 एकड़ भूमि में मछली पालन का व्यवसाय किया है। अब इस व्यवसाय में वह लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं। वहीं कई लोगों को इस व्यवसाय से जोड़कर रोजगार भी दिया है। लेकिन प्रकाश कुमार ने कहा कि उन्हें अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है। लेकिन वह मछली का व्यवसाय कर अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं।


VO:1 वही प्रकाश कुमार ने बताया कि धान गेहूं की खेती करने से बेहतर है कि मछली का व्यवसाय किया जाए। इसमें 1 एकड़ की भूमि में मछली पालन किया जाए तो एक लाख तक की बचत होती है। वहीं उन्होंने बताया कि वे ट्रेडिशनल खेती छोड़कर अब मॉडर्न खेती कर रहे हैं। वे अपने गांवों पर रहकर ही मछली का व्यवसाय कर लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रकाश कुमार पेशे से वकील हुआ करते थे। लेकिन बदलते हालात ने उन्हें मछली के व्यवसाय में लाकर खड़ा कर दिया। वहीं अब इस व्यवसाय में कई लोगों को उन्होंने रोजगार तक मुहैया कराया है।

बाइट। प्रकाश कुमार


Conclusion:बहरहाल रोहतास जिला में लगातार किसानों के द्वारा ट्रेडिशनल खेती छोड़कर मॉडर्न खेती की ओर रुख किया जा रहा है। जाहिर है मॉडर्न खेती में किसानों को अधिक मुनाफा मिल रहा है। क्योंकि परंपरागत खेती करने से उन्हें मुनाफा नहीं मिल पाता था साथ ही उन्हें नुकसान होने की भी संभावना है ज्यादा रहती थी।
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