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पशु चिकित्सालय का हाल: डॉक्टर के बजाय गार्ड करते हैं इलाज, एक्सपायरी दवा का इस्तेमाल

रोहतास जिला मुख्यालय के सासाराम प्रखंड के दरी गांव में पशु चिकित्सा अस्पताल इन दिनों खुद बीमार नजर आ रहा है. जिस वजह से किसान अपने पशुओं का सही से इलाज नहीं करा पाते हैं.

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Published : Feb 8, 2019, 1:30 PM IST

Updated : Feb 8, 2019, 3:16 PM IST

किसानों के लिए बनाया गया पशु अस्पताल आज बदहाल है. बदहाली का आलम ये है कि ना तो वहां पर पशु चिकित्सक है और ना ही जरूरी सुविधाएं. अस्पताल में मौजूद ड्यूटी करने वाले गार्ड पर ही पशुओं के इलाज का जिम्मा होता है. पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक नहीं रहने की वजह से दवाइयां एक्सपायर हो चुकी हैं. जिसका इस्तेमाल आज भी वहां के गार्ड के द्वारा पशुओं के इलाज के रूप में किया जाता है.
वहीं, गार्ड ने बताया कि ग्रामीण जब अपने मवेशियों को लेकर इलाज के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का भी शिकार होना पड़ता है. क्योंकि अस्पताल में जिन डॉक्टर की ड्यूटी है, वे यहां ड्यूटी पर आते ही नहीं. इसकी वजह ये है कि पशु चिकित्सक कई जगह अपनी सेवा देते हैं.

सरपंच और गार्ड के बयान

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सरपंच ने बताया कि पशु चिकित्सक के नहीं रहने वजह से पशुओं का इलाज नहीं हो पाता है. यहां डॉक्टर नहीं है और जो डॉक्टर हैं, वे भी महीने में महज एक या दो रोज ही ड्यूटी पर आते हैं.

किसानों के लिए बनाया गया पशु अस्पताल आज बदहाल है. बदहाली का आलम ये है कि ना तो वहां पर पशु चिकित्सक है और ना ही जरूरी सुविधाएं. अस्पताल में मौजूद ड्यूटी करने वाले गार्ड पर ही पशुओं के इलाज का जिम्मा होता है. पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक नहीं रहने की वजह से दवाइयां एक्सपायर हो चुकी हैं. जिसका इस्तेमाल आज भी वहां के गार्ड के द्वारा पशुओं के इलाज के रूप में किया जाता है.
वहीं, गार्ड ने बताया कि ग्रामीण जब अपने मवेशियों को लेकर इलाज के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का भी शिकार होना पड़ता है. क्योंकि अस्पताल में जिन डॉक्टर की ड्यूटी है, वे यहां ड्यूटी पर आते ही नहीं. इसकी वजह ये है कि पशु चिकित्सक कई जगह अपनी सेवा देते हैं.

सरपंच और गार्ड के बयान

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सरपंच ने बताया कि पशु चिकित्सक के नहीं रहने वजह से पशुओं का इलाज नहीं हो पाता है. यहां डॉक्टर नहीं है और जो डॉक्टर हैं, वे भी महीने में महज एक या दो रोज ही ड्यूटी पर आते हैं.
Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय के सासाराम प्रखंड के दरी गांव में पशु चिकित्सा अस्पताल इन दिनों खुद बीमार नजर आरहा है। जाहिर है किसान अपने पशुओं का इलाज सही से नहीं करा पाते हैं।


Body:गौरतलब है कि किसानों के लिए बनाया गया पशु अस्पताल आज इसलिए बदहाल है क्योंकि ना तो वहां पर पशु चिकित्सक है और ना ही पशुओं का इलाज करने के लिए कोई मुकम्मल डॉक्टर है। ऐसे में अस्पताल में ही मौजूद ड्यूटी करने वाले गार्ड पशुओं का इलाज करते हैं। हालांकि गार्ड ने बताया कि ग्रामीण जब अपने मवेशियों को लेकर इलाज के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का भी शिकार होना पड़ता है। क्योंकि अस्पताल में जिन डॉक्टर का ड्यूटी है वह यहां ड्यूटी नहीं कर पाती है। इसकी वजह यह है पशु चिकित्सक कई जगह अपनी सेवाएं देते हैं। जाहिर है पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक नहीं रहने की वजह से दवाइयां एक्सपायर हो चुकी है। जिसका इस्तेमाल आज भी वहां के गार्ड के द्वारा पशुओं के इलाज के रूप में किया जाता है। वहीं गांव के एक ग्रामीण सरपंच ने बताया कि पशु चिकित्सक के नहीं रहने वजह से पशुओं का इलाज नहीं हो पाता है। ऐसे में जिन किसानों के पशु बीमार होते हैं उनका सही ढंग से इलाज नहीं हो पाता है। क्योंकि यहां डॉक्टर नहीं है और जो डॉक्टर मौजूद है वह महीने में महज एक या दो रोज ही आकर अपनी खानापूर्ति कर देते है।


Conclusion:अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार कृषि और पशुओं के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है लेकिन इसका फायदा गांव में रहने वाले किसानों को नहीं मिल पाता है। लिहाजा आज भी किसान अपने पशुओं को लेकर दर दर भटकते रहते हैं। नतीजा इलाज के बिना पशु मारे जा है

बाइट। गार्ड पशु अस्पताल
बाइट। सरपंच
Last Updated : Feb 8, 2019, 3:16 PM IST
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