किसानों के लिए बनाया गया पशु अस्पताल आज बदहाल है. बदहाली का आलम ये है कि ना तो वहां पर पशु चिकित्सक है और ना ही जरूरी सुविधाएं. अस्पताल में मौजूद ड्यूटी करने वाले गार्ड पर ही पशुओं के इलाज का जिम्मा होता है. पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक नहीं रहने की वजह से दवाइयां एक्सपायर हो चुकी हैं. जिसका इस्तेमाल आज भी वहां के गार्ड के द्वारा पशुओं के इलाज के रूप में किया जाता है.
वहीं, गार्ड ने बताया कि ग्रामीण जब अपने मवेशियों को लेकर इलाज के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का भी शिकार होना पड़ता है. क्योंकि अस्पताल में जिन डॉक्टर की ड्यूटी है, वे यहां ड्यूटी पर आते ही नहीं. इसकी वजह ये है कि पशु चिकित्सक कई जगह अपनी सेवा देते हैं.
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