रोहतास: जिले के तिलौथू और कैमूर पहाड़ी की गोद में बसे मां तुतला भवानी धाम में इन दिनों सन्नाटा छाया हुआ है. हर साल सावन के मेले में लगने वाले मेले पर भी इस साल कोरोना और लॉकडाउन की मार पड़ी है. दरअसल, लॉकडाउन के कारण इनदिनों श्रद्धालु तुतला भवानी धाम में नहीं पहुंच पा रहे हैं.
तिलौथू प्रखंड में मौजूद तुतला भवानी धाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. यहां सावन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलेश्वरी मां का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण सावन के अंतिम समय में भी काफी कम संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. कैमूर पहाड़ी की गोद में बसा तुतला भवानी धाम मंदिर लोगों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है.
धाम की है खास मान्यता
यहां आने वाले लोगों की धारणा है कि यहां आकर जो भी मन्नतें मांगी जाती हैं, वह पूरी हो जाती हैं. लिहाजा लोग यहां सावन के महीने में अपने परिवार के साथ दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इस बार मंदिर में दर्शन करने वालों की संख्या ना के बराबर है.
क्या कहते हैं मंदिर के पुजारी?
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि सावन के अंतिम समय में हजारों की संख्या में भक्तों का हुजूम उमड़ता है. लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण श्रद्धालु इस सावन में मंदिर नहीं पहुंच पा रहे हैं. तुतला भवानी धाम में सन 1158 से ही पूजा-अर्चना होती चली आ रही है. यह मंदिर राजा प्रताप धवल के द्वारा प्राण प्रतिष्ठान किया गया है. लिहाजा इस नजरिए से तुतला भवानी का यह मंदिर प्राचीन मंदिर के रूप में भी जाना जाता है.