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उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व चैती छठ संपन्न - chhath puja concludes with prayers to the rising sun

लोक आस्था का महापर्व छठ उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इस दौरान जिले के माता यक्षिणी धाम सरोवर पर व्रतियों की भारी भीड़ देखने को मिली.

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उगते सूर्य को अर्घ्य
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Published : Apr 19, 2021, 6:26 AM IST

रोहतास: लोक आस्था का महापर्व छठ आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इससे पहले रविवार की शाम में लोगों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. कोरोना काल में भी लोगों की आस्था छठी मइया के प्रति देखने लायक रही. इस दौरान घाटों पर व्रतियां छठ करने पहुंची थीं.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना महामारी पर आस्था भारी : जो होगा बाद में देखेंगे...चलो पहले सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं!

रविवार को व्रतियों ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य
चैती छठ को लेकर पंडित मृत्युंजय कहते हैं कि इस छठ का महत्व अलग है. चार दिनों तक चलने वाला निर्जला उपवास के साथ इस व्रत को बड़ा ही कठिन माना जाता है. इसके साथ मौसम की बेरुखी भी व्रतियों को झेलनी पड़ती है. कठिन तप के पश्चात इस त्योहार को आस्था व निष्ठा के साथ करने से जहां क्षय रोगों से मुक्ति मिलती है. वहीं धन धान्य एव पुत्र योग की प्राप्ति होती है.

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शाम में घाट का दृश्य

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ देखा जाय तो पूरी दुनिया जब कोरोना जैसे लाइलाज वायरस की चपेट में है. आये दिन संक्रमण बढ़ने का खबर मिल रही है. इसके बावजूद कई क्षेत्रों से व्रतधारियों ने माता यक्षणी धाम पहुंच श्रद्धा व विश्वास के साथ अर्घ्य दिया. वहीं व्रतियों के इस आस्था के आगे कोरोना का कहर एक पल के लिए फीका पड़ता दिखा. उन्होंने कहा कि लोगों ने कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से निजात पाने के लिए भगवान भास्कर से प्रार्थना भी की.

रोहतास: लोक आस्था का महापर्व छठ आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इससे पहले रविवार की शाम में लोगों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. कोरोना काल में भी लोगों की आस्था छठी मइया के प्रति देखने लायक रही. इस दौरान घाटों पर व्रतियां छठ करने पहुंची थीं.

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रविवार को व्रतियों ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य
चैती छठ को लेकर पंडित मृत्युंजय कहते हैं कि इस छठ का महत्व अलग है. चार दिनों तक चलने वाला निर्जला उपवास के साथ इस व्रत को बड़ा ही कठिन माना जाता है. इसके साथ मौसम की बेरुखी भी व्रतियों को झेलनी पड़ती है. कठिन तप के पश्चात इस त्योहार को आस्था व निष्ठा के साथ करने से जहां क्षय रोगों से मुक्ति मिलती है. वहीं धन धान्य एव पुत्र योग की प्राप्ति होती है.

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शाम में घाट का दृश्य

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ देखा जाय तो पूरी दुनिया जब कोरोना जैसे लाइलाज वायरस की चपेट में है. आये दिन संक्रमण बढ़ने का खबर मिल रही है. इसके बावजूद कई क्षेत्रों से व्रतधारियों ने माता यक्षणी धाम पहुंच श्रद्धा व विश्वास के साथ अर्घ्य दिया. वहीं व्रतियों के इस आस्था के आगे कोरोना का कहर एक पल के लिए फीका पड़ता दिखा. उन्होंने कहा कि लोगों ने कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से निजात पाने के लिए भगवान भास्कर से प्रार्थना भी की.

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