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क्या इस व्यवस्था के सहारे बिहार में बच्चे बनेंगे डॉक्टर इंजीनियर? - bad condition of sahwaliya primary school of rohtas

स्कूल के एक छात्र ने बताया कि कई दिनों से यहां मध्याह्न भोजन नहीं बना है. जबकि बच्चे रोजाना स्कूल पहुंचते हैं. लेकिन ये मासूम सरकार के मिड डे मील से महरूम हैं.

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स्कूल में बच्चे
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Published : Dec 17, 2019, 11:28 AM IST

रोहतासः सुशासन बाबू के सरकारी स्कूलों का हाल कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. जिले के करगहर प्रखंड के सहवालिया गांव के प्राथमिक विद्यालय में स्कूल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. स्कूल के टीचर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल अपनी जगह पर अपने बेटे को भेजकर स्कूल का संचालन कराते हैं. अब ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस तरह की शिक्षा व्यवस्था से बिहार के बच्चे डॉक्टर इंजीनियर बनेंगे.

स्कूल में एक भी टीचर नहीं थे मौजूद
स्कूल प्रशासन की लापरवाही का जीता जागता नमूना तब मिला जब ईटीवी भारत की टीम सहवालिया गांव पहुंची और इस प्राथमिक विद्यालय की जांच पड़ताल की. टीम जब स्कूल में पहुंची तो वहां एक भी टीचर मौजूद नहीं थे. स्कूल के प्रिंसिपल का बेटा सोनू कुमार स्कूल और बच्चों की देखरेख में लगा था. पूछे जाने पर उसने बताया कि पापा बोले कि स्कूल जाकर खोल दो, अब वही जानते हैं हमे कुछ नहीं पता.

स्कूल में मौजूद बच्चे और जानकारी देते संवाददाता

हिंदी भी पढ़ना नहीं जानते बच्चे
वहीं, कक्षा 5 में पढ़ने वाले बच्चों से जब हिंदी पढ़ने को कहा गया तो वह हिंदी पढ़ने में भी असमर्थ दिखे. ऐसे में शिक्षक कितने गैर जिम्मेदार हैं और स्कूल में पढ़ाई कैसी हो रही है इसका अंदाजा इन बच्चों को देखकर ही लगाया जा सकता है.

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स्कूल की छात्रा

ये भी पढ़ेंः 'नीतीश कुमार ने अपने 15 साल के कार्यकाल में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया'

बच्चों को नहीं मिलता मिड डे मील
इतना ही नहीं जब क्लास 5 के ही छात्र शुभम से स्कूल के हालात के बारे में जानने की कोशिश की गई तो उसने चौंकाने वाली बात बताई. शुभम ने कहा कि पिछले कई दिनों से स्कूल में मध्याह्न भोजन नहीं बना है. जबकि छात्र यहां रोजाना स्कूल भी पहुंचते हैं. लेकिन उन्हें भोजन नहीं मिलता.

rohtas
जानकारी देता छात्र

डीईओ ने कहा गंभीर है मामला
इस सिलसिले में जब रोहतास जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपके जरिए ही जानकारी मिली है. मामला गंभीर है कि शिक्षक अपनी जगह पर किसी और को भेजकर पढ़ाई करवाते हैं. इसके अलावा मध्याह्न भोजन भी नियमित रूप से नहीं बनता है. इसकी जांच कराई जाएगी. अगर जांच के बाद कोई भी दोषी होगा तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

रोहतासः सुशासन बाबू के सरकारी स्कूलों का हाल कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. जिले के करगहर प्रखंड के सहवालिया गांव के प्राथमिक विद्यालय में स्कूल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. स्कूल के टीचर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल अपनी जगह पर अपने बेटे को भेजकर स्कूल का संचालन कराते हैं. अब ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस तरह की शिक्षा व्यवस्था से बिहार के बच्चे डॉक्टर इंजीनियर बनेंगे.

स्कूल में एक भी टीचर नहीं थे मौजूद
स्कूल प्रशासन की लापरवाही का जीता जागता नमूना तब मिला जब ईटीवी भारत की टीम सहवालिया गांव पहुंची और इस प्राथमिक विद्यालय की जांच पड़ताल की. टीम जब स्कूल में पहुंची तो वहां एक भी टीचर मौजूद नहीं थे. स्कूल के प्रिंसिपल का बेटा सोनू कुमार स्कूल और बच्चों की देखरेख में लगा था. पूछे जाने पर उसने बताया कि पापा बोले कि स्कूल जाकर खोल दो, अब वही जानते हैं हमे कुछ नहीं पता.

स्कूल में मौजूद बच्चे और जानकारी देते संवाददाता

हिंदी भी पढ़ना नहीं जानते बच्चे
वहीं, कक्षा 5 में पढ़ने वाले बच्चों से जब हिंदी पढ़ने को कहा गया तो वह हिंदी पढ़ने में भी असमर्थ दिखे. ऐसे में शिक्षक कितने गैर जिम्मेदार हैं और स्कूल में पढ़ाई कैसी हो रही है इसका अंदाजा इन बच्चों को देखकर ही लगाया जा सकता है.

rohtas
स्कूल की छात्रा

ये भी पढ़ेंः 'नीतीश कुमार ने अपने 15 साल के कार्यकाल में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया'

बच्चों को नहीं मिलता मिड डे मील
इतना ही नहीं जब क्लास 5 के ही छात्र शुभम से स्कूल के हालात के बारे में जानने की कोशिश की गई तो उसने चौंकाने वाली बात बताई. शुभम ने कहा कि पिछले कई दिनों से स्कूल में मध्याह्न भोजन नहीं बना है. जबकि छात्र यहां रोजाना स्कूल भी पहुंचते हैं. लेकिन उन्हें भोजन नहीं मिलता.

rohtas
जानकारी देता छात्र

डीईओ ने कहा गंभीर है मामला
इस सिलसिले में जब रोहतास जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपके जरिए ही जानकारी मिली है. मामला गंभीर है कि शिक्षक अपनी जगह पर किसी और को भेजकर पढ़ाई करवाते हैं. इसके अलावा मध्याह्न भोजन भी नियमित रूप से नहीं बनता है. इसकी जांच कराई जाएगी. अगर जांच के बाद कोई भी दोषी होगा तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:रोहतास. जिले के करगहर प्रखंड के सहवालिया गांव के प्राथमिक विद्यालय में स्कूल प्रशासन के द्वारा लापरवाही एक बार फिर से देखने को मिली है.


Body:सुशासन बाबू के सरकारी स्कूल का हाल इन दिनों कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। ड्यूटी में तैनात टीचर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। वही स्कूल के प्रिंसिपल अपनी जगह पर अपने पुत्र को भेजकर स्कूल का संचालन कराते हैं। इसका जीता जागता सबूत तब मिला जब ईटीवी भारत की टीम सहवालिया गांव पहुंची और प्राथमिक विद्यालय की जांच पड़ताल में जुट गई.

VO:1 सहवालिया प्राथमिक विद्यालय के कक्षा 5 में पढ़ने वाली छात्रा गुंजा को अब तक सही तरीके से हिंदी तक का ज्ञान नहीं है। वही जब उससे हिंदी की बुक की रीडिंग लगवाई गई तो वह हिंदी पढ़ने में भी असमर्थ दिखी। ऐसे में शिक्षक कितना गैर ज़िम्मेदार हैं इसका अंदाजा इन बच्चों को देखकर ही आप लगा सकते हैं।

byte_गुंजा छात्रा क्लास पांच

VO:2 वही अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जब क्लास 5 के ही छात्र शुभम से स्कूल के हालात के बारे में जानने की कोशिश की गई तो उसने चौंकाने वाली बात कही शुभम ने कहा कि पिछले कई दिनों से स्कूल में मध्यान्ह भोजन नहीं बना है जबकि छात्र यहां प्रतिदिन स्कूल भी पहुंचते हैं।

बाइट_शुभम छात्र

VO:3 बहरहाल इस बारे में जब रोहतास जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा किस की जानकारी आपके द्वारा मिली है। लिहाजा जांच की जाएगी अगर जांच के बाद कोई भी दोषी होगा तो उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रेमचंद ने बताया कि मामला गंभीर है कि शिक्षक अपनी जगह पर किसी और को भेज कर पढ़ाई करवाते है। उसके अलावा मध्यान भोजन भी नियमित रूप से नहीं बनता है।

बाइट_डीईओ रोहतास प्रेमचंद




Conclusion:बरहाल शिक्षा विभाग की लापरवाही साफ देखी जा रही है कि कैसे प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक अपनी मनमानी कर के बच्चों का भविष्य बिगाड़ रहे हैं अगर शिक्षा विभाग ऐसे मामलों पर गंभीर रूप अख्तियार नहीं करता है तो आने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में पड़ जाएगा।

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