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रोहतास: कड़ाके की ठंड में एक कंबल के सहारे कट रही रात, प्रशासन का दावा- किया गया है इंतजाम

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Published : Jan 4, 2020, 10:48 PM IST

आश्रय में महज एक मामूली से कम्बल के सहारे ही बेसहारा लोग ठंड को दूर भगा रहे हैं. ऐसे में आखिर इस कड़ाके की ठंड में महज एक कंबल से लोग कैसे ठंड से निजात पा सकेंगे. ये चिंतनीय है.

बिहार की खबर
बिहार की खबर

रोहतास: प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर रोहतास में शीतलहर कहर बरपा रही है. ठंड की वजह से लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं. इन सबके बीच प्रशासन के इंतजाम पर ईटीवी भारत ने जब ग्राउंड जीरो पर जाकर जांच पड़ताल की, तो स्थिति दयनीय निकली.

ठंड के कारण सबसे अधिक परेशानी उन गरीब तबके के लोगों को होती है, जो रात के वक्त सड़क के किनारे अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. लिहाजा, ऐसे गरीबों के लिए नगर परिषद ने सासाराम के कचहरी मोड़ स्थित पुराने ऑडिटोरियम में आश्रय गृह का निर्माण कराया था. ताकि इस आश्रम में गरीब अपनी रात को गुजार सकें. लेकिन बदनसीबी का आलम यह है कि नगर परिषद की लापरवाही के कारण इस आश्रय गृह का पूरा लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है.

रोहतास से खास रिपोर्ट

नदारद हैं लोग...
आश्रय में महज एक मामूली से कम्बल के सहारे ही बेसहारा लोग ठंड को दूर भगा रहे हैं. ऐसे में आखिर इस कड़ाके की ठंड में महज एक कंबल से लोग कैसे ठंड से निजात पा सकेंगे. ये चिंतनीय है. वहीं, इस आश्रय में लोग काफी कम संख्या में पहुंच रहे हैं क्योंकि नगर परिषद ने इस आश्रय का प्रचार-प्रसार भी नहीं कराया था ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके. लिहाजा, आश्रय खुलने के बाद भी यहां मुसाफिरों की संख्या बिल्कुल न के बराबर है.

कुमारी हिमानी,  कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद
कुमारी हिमानी, कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद

नगर परिषद का दावा- पुख्ता इंतजाम
इस बारे में जब नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता कुमारी हिमानी से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि शहर में पुराने ऑडिटोरियम में आश्रय का निर्माण कराया गया है. लिहाजा, इस आश्रय में लोग आकर अपनी रात गुजार रहे हैं. लेकिन नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता का दावा कितना सच है इसका अंदाजा खुद ग्राउंड रिपोर्ट से लगाया जा सकता है. नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता के कथनी और करनी में आसमान जमीन की फर्क नजर आ रहा है.

रोहतास: प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर रोहतास में शीतलहर कहर बरपा रही है. ठंड की वजह से लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं. इन सबके बीच प्रशासन के इंतजाम पर ईटीवी भारत ने जब ग्राउंड जीरो पर जाकर जांच पड़ताल की, तो स्थिति दयनीय निकली.

ठंड के कारण सबसे अधिक परेशानी उन गरीब तबके के लोगों को होती है, जो रात के वक्त सड़क के किनारे अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं. लिहाजा, ऐसे गरीबों के लिए नगर परिषद ने सासाराम के कचहरी मोड़ स्थित पुराने ऑडिटोरियम में आश्रय गृह का निर्माण कराया था. ताकि इस आश्रम में गरीब अपनी रात को गुजार सकें. लेकिन बदनसीबी का आलम यह है कि नगर परिषद की लापरवाही के कारण इस आश्रय गृह का पूरा लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है.

रोहतास से खास रिपोर्ट

नदारद हैं लोग...
आश्रय में महज एक मामूली से कम्बल के सहारे ही बेसहारा लोग ठंड को दूर भगा रहे हैं. ऐसे में आखिर इस कड़ाके की ठंड में महज एक कंबल से लोग कैसे ठंड से निजात पा सकेंगे. ये चिंतनीय है. वहीं, इस आश्रय में लोग काफी कम संख्या में पहुंच रहे हैं क्योंकि नगर परिषद ने इस आश्रय का प्रचार-प्रसार भी नहीं कराया था ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके. लिहाजा, आश्रय खुलने के बाद भी यहां मुसाफिरों की संख्या बिल्कुल न के बराबर है.

कुमारी हिमानी,  कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद
कुमारी हिमानी, कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद

नगर परिषद का दावा- पुख्ता इंतजाम
इस बारे में जब नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता कुमारी हिमानी से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि शहर में पुराने ऑडिटोरियम में आश्रय का निर्माण कराया गया है. लिहाजा, इस आश्रय में लोग आकर अपनी रात गुजार रहे हैं. लेकिन नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता का दावा कितना सच है इसका अंदाजा खुद ग्राउंड रिपोर्ट से लगाया जा सकता है. नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता के कथनी और करनी में आसमान जमीन की फर्क नजर आ रहा है.

Intro:रोहतास. जिला में नगर परिषद के दौरान गरीबों के लिए आश्रय बनाया गया था. लेकिन नगर परिषद की लापरवाही के कारण आश्रय में गरीब लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं।


Body:गौरतलब है कि पूरे सूबे में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे में सासाराम में भी लगातार ठंड से लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं। वहीं ठंड की वजह से लोगों का अपने घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है. ठंड के कारण सबसे अधिक परेशानी उन गरीब तबके के लोगों को होती है जो रात के वक्त सड़क के किनारे अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर होते हैं। लिहाजा ऐसे गरीबों के लिए नगर परिषद ने सासाराम के कचहरी मोड़ स्थित पुराने ऑडिटोरियम में आश्रय का निर्माण कराया था। ताकि इस आश्रम में गरीब अपनी रात को गुजार सकें। लेकिन बदनसीबी का आलम यह है कि नगर परिषद की लापरवाही के कारण इस आश्रम में लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं। आश्रय में महज एक मामूली से कम्बल के सहारे ही ठंड को दूर भगाने के लिए नगर परिषद ने छोड़ दिया है। ऐसे में आखिर इस कड़ाके की ठंड में महज़ एक कंबल से कैसे लोग ठंड से निजात पा सकेंगे। वही इस आश्रय में लोग काफी कम संख्या में पहुंच रहे हैं। क्योंकि नगर परिषद ने इस आश्रय का प्रचार-प्रसार भी नहीं कराया था ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके। लिहाज़ा आश्रय खुलने के बाद भी यहां मुसाफिरों की संख्या बिल्कुल ना के बराबर है।

VO:1 बहरहाल इस बारे में जब नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता कुमारी हिमानी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शहर में पुराने ऑडिटोरियम में आश्रय का निर्माण कराया गया है। लिहाजा इस आश्रय में लोग आकर अपनी रात गुजार रहे हैं। लेकिन नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता का दावा कितना सच है इसका अंदाजा खुद ग्राउंड रिपोर्ट पर पहुंचकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने पड़ताल किया। नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता के कथनी और करनी में आसमान जमीन की फर्क नजर आई। क्योंकि जिस कड़ाके की ठंड में नगर परिषद ने महज एक कंबल मुहैया कराया है। ऐसे में नगर परिषद के व्यवस्था पर सवाल खड़ा होना लाजमी है।

बाइट। कार्यपालक अभियंता नगर परिषद सासाराम कुमारी हिमानी


Conclusion:बहरहाल नगर परिषद ने जितना दावा किया है वाकई वह हैरान कर देने वाला है। क्योंकि इस कड़ाके की ठंड में महज एक कंबल के सहारे ठंड को दूर नहीं भगाया जा सकता है। ऐसे में नगर परिषद के द्वारा बनाया गया आश्रय महज एक दिखावा बनकर रह गया है।
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