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रोहतास: कड़ाके की ठंड से ठिठुर रहे लोग, प्रशासन की तरफ से नहीं है कोई व्यवस्था - चंदा इकट्ठा कर अलाव की व्यवस्था

कोटा गांव के रहने वाले कन्हैया सिंह ने बताया कि गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर अलाव की व्यवस्था की है. ऐसे में सरकार की तरफ से अब तक अलाव की व्यवस्था न होने से काफी परेशानी हो रही है.

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ठंड में अलाव का सहारा लेते ग्रामीण
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Published : Dec 26, 2019, 5:02 PM IST

रोहतास: जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस ठंड में लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. धूप न निकलने की वजह से लोगों को ठंड का एहसास और ज्यादा होने लगा है. वहीं, इसके बावजूद भी प्रशासन की तरफ से अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. लोग खुद ही लकड़ी खरीदकर ठंड से अपना बचाव कर रहे हैं.

बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड

बूंदाबांदी से तापमान में आई गिरावट
बता दें कि क्रिसमस-डे के दिन हल्की बूंदाबांदी के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई. रात होते ही तापमान में आई कमी की वजह से गलन बढ़ गई. वहीं, सासाराम में पिछले दिनों रात के समय न्यूनतम 12 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. जिसके बाद शहर में ठंड का असर काफी बढ़ गया. ठंड की वजह से लोग अलाव के जुगाड़ में लगे हुए हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से अब तक अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में लोग खुद ही अलाव की व्यवस्था कर ठंड से बचने का उपाय कर रहे हैं.

अलाव की नहीं है कोई व्यवस्था
कोटा गांव के रहने वाले कन्हैया सिंह ने बताया कि गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर अलाव की व्यवस्था की है. ऐसे में सरकार की तरफ से अब तक अलाव की व्यवस्था न होने से काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन अलाव की व्यवस्था कर दे तो लोगों को अपने पॉकेट से खर्च कर लकड़ी नहीं खरीदना पड़ेगा. बहरहाल पूरे जिले में लोग ठंड की मार झेल रहे हैं. लेकिन प्रशासन की तरफ से अलाव की व्यवस्था न किए जाने के बाद लोगों में काफी नाराजगी है.

रोहतास: जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस ठंड में लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. धूप न निकलने की वजह से लोगों को ठंड का एहसास और ज्यादा होने लगा है. वहीं, इसके बावजूद भी प्रशासन की तरफ से अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. लोग खुद ही लकड़ी खरीदकर ठंड से अपना बचाव कर रहे हैं.

बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड

बूंदाबांदी से तापमान में आई गिरावट
बता दें कि क्रिसमस-डे के दिन हल्की बूंदाबांदी के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई. रात होते ही तापमान में आई कमी की वजह से गलन बढ़ गई. वहीं, सासाराम में पिछले दिनों रात के समय न्यूनतम 12 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. जिसके बाद शहर में ठंड का असर काफी बढ़ गया. ठंड की वजह से लोग अलाव के जुगाड़ में लगे हुए हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से अब तक अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में लोग खुद ही अलाव की व्यवस्था कर ठंड से बचने का उपाय कर रहे हैं.

अलाव की नहीं है कोई व्यवस्था
कोटा गांव के रहने वाले कन्हैया सिंह ने बताया कि गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर अलाव की व्यवस्था की है. ऐसे में सरकार की तरफ से अब तक अलाव की व्यवस्था न होने से काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन अलाव की व्यवस्था कर दे तो लोगों को अपने पॉकेट से खर्च कर लकड़ी नहीं खरीदना पड़ेगा. बहरहाल पूरे जिले में लोग ठंड की मार झेल रहे हैं. लेकिन प्रशासन की तरफ से अलाव की व्यवस्था न किए जाने के बाद लोगों में काफी नाराजगी है.

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रोहतास। जिले में हाड़कंपा देने वाली ठंड के बाद लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। कड़ाके की ठंड के बाद लोग खुद अलाव की व्यवस्था कर करने को मजबूर हो रहें है।


Body:गौरतलब है कि जिले में पिछले 2 दिनों से लगातार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोगों का घर से निकलना दुश्वार हो गया है। वही धूप न निकलने से लोगों को ठंड का एहसास और ज्यादा होने लगा है। आपको बता दें क्रिसमस डे के दिन हल्की बूंदाबांदी के बाद शहर के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। वही रात होते ही तापमान में काफी गिरावट आ जाती है। सासाराम में पिछले दिनों रात के समय न्यूनतम 12 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। वही सुबह में भी धूप ना निकलने से और पछुआ हवा चलने से तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली। जिसके बाद शहर में ठंड का असर काफी बढ़ गया है। वही ठंड की वजह से लोग अलाव के जुगाड़ में लगे हुए हैं। लेकिन शहर के लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में वह खुद पॉकेट से पैसे खर्च अलाव की व्यवस्था कर ठंड से बचने का उपाय कर रहे है।

VO:1 वही चलानिया गांव के रहने वाले अरुण कुमार ने बताया कि काफी ठंड है उसके बावजूद प्रशासन के द्वारा अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं किया गया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा ठंडी होने की वजह से लोग खुद अपने पॉकेट से पैसा खर्च लकड़ी खरीद कर ला रहे हैं और जला कर उसे ताप ने का काम कर रहे हैं


byte_अरुण कुमार

VO:2 वही ग्राम कोटा के रहने वाले कन्हैया सिंह ने बताया कि गांव के लोग चंदा इकट्ठा कर अलाव की व्यवस्था किया है ऐसे में सरकार की तरफ से अब तक अलाव की व्यवस्था ना होने से काफी परेशानी हो रही है अगर सरकार और प्रशासन अनोखी व्यवस्था कर दे तो हम लोगों को अपने पॉकेट से खर्च कर लकड़ी नहीं खरीदना पड़ेगा प्रशासन ठंड होने के बावजूद लोगों की अनदेखी कर रही है

बाइट_कन्हैया कुमार


VO:3 वहीं कोटा के ही रहने वाले वीरेंद्र कुमार ने बताया कि हर साल ठंड आता है और इसी तरीके से ठंड निकल जाती है। लेकिन प्रशासन कभी भी अलाव की व्यवस्था नहीं करती। नेता भी कभी आकर ग्रामीणों को नहीं देखते हैं कि वह किस हाल में जी रहे हैं। गांव के लोग 1000 ₹2000 चंदा कर लकड़ी इकट्ठा कर अलाव की व्यवस्था करते हैं। जिससे रास्ते से गुजरने वाले लोगों को भी इसका भरपूर फायदा मिलता है। अगर सरकार चाहे तो अलाव की व्यवस्था कर दे तो लोगों को ठंड से काफी हद तक बचाया जा सकता है।

बाइट_ वीरेंद्र कुमार


Conclusion:बहरहाल पूरे जिले में कड़ाके की ठंड लगातार पड़ रही है। लेकिन प्रशासन की तरफ से अलाव की व्यवस्था न किए जाने के बाद लोगों में नाराजगी साफ देखी जा सकती है। अगर प्रशासन अलाव की व्यवस्था नहीं करती है तो लोगों को ठंड से काफी नुकसान हो सकता है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द पूरे जिले में अलाव की व्यवस्था करें।
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