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रोहतास: बटन मशूरम की खेती से किसान कमा रहे हैं लाखों, - Modern farming

मनोज कुमार ने बताया कि वे मशरूम को ढेड़ सौ रुपये किलो तक मंडी में बेचते हैं, जबकि यही मशरूम मंडी में पहुंचने के बाद ₹300 तक के भाव में ग्राहकों को बेचा जाता है. वे बटन मशरूम की खेती से 10 गुना मुनाफा कमा रहे हैं.

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Published : May 24, 2020, 8:20 PM IST

रोहतास: जिला मुख्यालय के सासाराम प्रखंड के आकाशी गांव के रहने वाले किसान मनोज कुमार इन दिनों मॉर्डन खेती कर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. मनोज कुमार बटन मशरूम की खेती कर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

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बटन मशरूम की खेती

रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन अब यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉर्डन खेती की ओर अपना रुख कर रहे हैं. लिहाजा सासाराम प्रखंड के आकाशी गांव के रहने वाले किसान मनोज कुमार भी अपने घर के अंदर बंद कमरे में बटन मशरूम की खेती कर रहे हैं. मनोज कुमार बताते हैं कि पहले व धान और गेहूं की खेती किया करते थे. लेकिन यूट्यूब और केवाईके सेंटर से उन्हें मशरूम की खेती की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने मशरूम की खेती की तकनीकी जानकारी हासिल की और इसकी खेती करने लगे.

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रोहतास में बटन मशरूम की खेती

2 महीने में तैयार होती है फसल
मनोज कुमार ने देखते ही देखते व्यापक पैमाने पर मशरूम का रोजगार भी खड़ा कर दिया, जिसके बाद उन्हें कृषि विभाग ने मशरूम की खेती के लिए अनुदान भी देना शुरू कर दिया. मनोज कुमार बताते हैं कि मशरूम की खेती के लिए 5 से 25 डिग्री के टेंप्रेचर की जरूरत होती है. मशरूम की खेती बंद कमरे में की जाती है. इसके लिये हल्की कृत्रिम लाइट की भी जरूरत पड़ती है. बीज डालने के 2 महीने बाद मशरूम की फसल पककर तैयार हो जाती है. नगदी फसल के तौर पर मार्केट में इसका सप्लाई किया जाता है.

पेश है रिपोर्ट

10 गुना मुनाफा
मनोज कुमार ने बताया कि वे मशरूम को ढेड़ सौ रुपये किलो तक मंडी में बेचते हैं, जबकि यही मशरूम मंडी में पहुंचने के बाद ₹300 तक के भाव में ग्राहकों को बेचा जाता है. वे बटन मशरूम की खेती से 10 गुना मुनाफा कमा रहे हैं. इस अविष्कार को व्यापक पैमाने पर करने के लिए मनोज कुमार बंद कमरे में जहां एसी लगा है, वहां मशरूम की खेती करने की भी तैयारी कर रहे हैं.

रोहतास: जिला मुख्यालय के सासाराम प्रखंड के आकाशी गांव के रहने वाले किसान मनोज कुमार इन दिनों मॉर्डन खेती कर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. मनोज कुमार बटन मशरूम की खेती कर लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

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बटन मशरूम की खेती

रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन अब यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉर्डन खेती की ओर अपना रुख कर रहे हैं. लिहाजा सासाराम प्रखंड के आकाशी गांव के रहने वाले किसान मनोज कुमार भी अपने घर के अंदर बंद कमरे में बटन मशरूम की खेती कर रहे हैं. मनोज कुमार बताते हैं कि पहले व धान और गेहूं की खेती किया करते थे. लेकिन यूट्यूब और केवाईके सेंटर से उन्हें मशरूम की खेती की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने मशरूम की खेती की तकनीकी जानकारी हासिल की और इसकी खेती करने लगे.

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रोहतास में बटन मशरूम की खेती

2 महीने में तैयार होती है फसल
मनोज कुमार ने देखते ही देखते व्यापक पैमाने पर मशरूम का रोजगार भी खड़ा कर दिया, जिसके बाद उन्हें कृषि विभाग ने मशरूम की खेती के लिए अनुदान भी देना शुरू कर दिया. मनोज कुमार बताते हैं कि मशरूम की खेती के लिए 5 से 25 डिग्री के टेंप्रेचर की जरूरत होती है. मशरूम की खेती बंद कमरे में की जाती है. इसके लिये हल्की कृत्रिम लाइट की भी जरूरत पड़ती है. बीज डालने के 2 महीने बाद मशरूम की फसल पककर तैयार हो जाती है. नगदी फसल के तौर पर मार्केट में इसका सप्लाई किया जाता है.

पेश है रिपोर्ट

10 गुना मुनाफा
मनोज कुमार ने बताया कि वे मशरूम को ढेड़ सौ रुपये किलो तक मंडी में बेचते हैं, जबकि यही मशरूम मंडी में पहुंचने के बाद ₹300 तक के भाव में ग्राहकों को बेचा जाता है. वे बटन मशरूम की खेती से 10 गुना मुनाफा कमा रहे हैं. इस अविष्कार को व्यापक पैमाने पर करने के लिए मनोज कुमार बंद कमरे में जहां एसी लगा है, वहां मशरूम की खेती करने की भी तैयारी कर रहे हैं.

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