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बिहार के लाल का कमाल: जुगाड़ से बनाई 5 सेकेंड में सैनिटाइज करने वाली मशीन - कोरोना वॉरियर्स की रक्षा करेगा सैनिटाइजिंग मशीन

पूर्णिया में जुगाड़ के बल पर युवक ने अनोखी मशीन तैयार की है. यह मशीन कोरोना वॉरियर्स की रक्षा के करेगा और कोरोना संक्रमण के खतरे को भी कम करेगा.

कोरोना वायरस मारने वाली मशीन
कोरोना वायरस मारने वाली मशीन
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Published : Apr 29, 2020, 8:19 AM IST

पूर्णिया: कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में जिले के युवा ने अनोखी और बड़ी मदद की है. शख्स ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर एक ऐसी मशीन बनाई है जो महज 5 सेकेंड में कोरोना वायरस के करोड़ों वायरसों का मार देगी. युवक ने मशीन का निर्माण कर इसे स्वास्थ्य विभाग को नि:शुल्क डोनेट किया है.

दरअसल, पूर्णिया के रविन्द्र ने अपने साथियों और जुगाड़ की मदद से सैनिटाइजिंग मशीन का निर्माण किया है. यह मशीन कोरोना वायरस को कम करने में कारगर साबित होगी. इस मशीन के ट्रायल के लिए ईटीवी भारत की टीम सदर अस्पताल पहुंची.

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जुगाड़ से बनी सैनिटाइजिंग मशीन

कोरोना वॉरियर्स की रक्षा करेगा सैनिटाइजिंग मशीन
मशीन निर्माता रविन्द्र कुमार साह ने मशीन को स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित किया है. यह सैनेटाइजिंग मशीन सीमांचल के एम्स कहे जाने वाले सदर अस्पताल के आउटडोर के प्रवेश द्वार पर रखा गया है. यह मशीन सदर अस्पताल में कार्यरत 300 से अधिक कर्मियों को सैनिटाइज करेगा. वहीं, यहां आने वाले हर आम और खास भी इसका लाभ ले पाएंगे. फिलहाल, रविन्द्र और उनके साथी इसे अस्पताल परिसर में फिट करने में लगे हैं.

रविन्द्र ने खुद की मशीन की डिजाइनिंग
सामाजिक कार्य में खासी दिलचस्पी रखने वाले रविन्द्र कुमार साह ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका भगवान से कम नहीं है. वे जान की परवाह किए बगैर जोखिम मोल लेते हुए आमलोगों की सेवा कर रहे हैं. ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों का सच्चा समर्पण देखकर उन्हें मशीन बनाने का ख्याल आया. यह मशीन उनके लिए सुरक्षा कवच साबित होगा. उन्होंने बताया कि इस मशीन को तैयार करने में उन्हें 2 सप्ताह का वक्त लगा.

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कोरोना के करोड़ों वायरस मारने वाली मशीन

बेस्ट यूज ऑफ वेस्ट
मशीन के बाबत रविंद्र कुमार साह ने बताया कि इसे जुगाड़ टेक्नोलॉजी के जरिए बनाया गया है. इसमें लगे पाइप से लेकर वाटर टैंकर, सेंसर जैसे हर एक यंत्र कबाड़ी या बेकार पड़े यंत्रों से निकालकर इकट्ठा किए गए हैं. जिसमें कई साथियों से सहयोग लिया गया है. वहीं, इस मशीन पर शहर के जाने-माने चित्रकार गुल्लू दा ने अपनी पेंटिंग के जरिए कई अहम संदेश दिए हैं. सैनिटाइजिंग मशीन के सरफेस पर पेंटिंग के जरिये पक्षी को कोरोना लाते दिखाया गया है. वहीं, मशीन में प्रवेश करते ही है पक्षी के पंखों से चिपके कोरोना का कल्याण हो जाता है.

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मशीन का परीक्षण करते लोग

केवल 5 सेकेंड में कोरोना के 2 करोड़ वायरस का खात्मा
जानकारी के मुताबिक इस मशीन में सेंसर लगा है. लिहाजा, जैसे ही मशीन वाईवरेशन करती है और ह्यूमन बॉडी वेट को रीड करती है. वैसे ही इस सैनिटाइजिंग मशीन के सारे स्विच सेल्फ एक्टिवेट हो जाते हैं. जिसके बाद मशीन के अंदर लगे फिल्टर ह्यूमन बॉडी पर सैनिटाइजिंग रेन करते हैं. 10 सेकेंड में इससे सैनिटाइजर के 5 करोड़ अति सूक्ष्म मॉलिक्यूल्स निकलते हैं. वहीं, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के छींकने पर 2 करोड़ कोरोना वायरस मुंह से निकलते हैं लिहाजा कोरोना के वायरस को मारने के लिए यह काफी होगा.

पूर्णिया: कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में जिले के युवा ने अनोखी और बड़ी मदद की है. शख्स ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर एक ऐसी मशीन बनाई है जो महज 5 सेकेंड में कोरोना वायरस के करोड़ों वायरसों का मार देगी. युवक ने मशीन का निर्माण कर इसे स्वास्थ्य विभाग को नि:शुल्क डोनेट किया है.

दरअसल, पूर्णिया के रविन्द्र ने अपने साथियों और जुगाड़ की मदद से सैनिटाइजिंग मशीन का निर्माण किया है. यह मशीन कोरोना वायरस को कम करने में कारगर साबित होगी. इस मशीन के ट्रायल के लिए ईटीवी भारत की टीम सदर अस्पताल पहुंची.

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जुगाड़ से बनी सैनिटाइजिंग मशीन

कोरोना वॉरियर्स की रक्षा करेगा सैनिटाइजिंग मशीन
मशीन निर्माता रविन्द्र कुमार साह ने मशीन को स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित किया है. यह सैनेटाइजिंग मशीन सीमांचल के एम्स कहे जाने वाले सदर अस्पताल के आउटडोर के प्रवेश द्वार पर रखा गया है. यह मशीन सदर अस्पताल में कार्यरत 300 से अधिक कर्मियों को सैनिटाइज करेगा. वहीं, यहां आने वाले हर आम और खास भी इसका लाभ ले पाएंगे. फिलहाल, रविन्द्र और उनके साथी इसे अस्पताल परिसर में फिट करने में लगे हैं.

रविन्द्र ने खुद की मशीन की डिजाइनिंग
सामाजिक कार्य में खासी दिलचस्पी रखने वाले रविन्द्र कुमार साह ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका भगवान से कम नहीं है. वे जान की परवाह किए बगैर जोखिम मोल लेते हुए आमलोगों की सेवा कर रहे हैं. ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों का सच्चा समर्पण देखकर उन्हें मशीन बनाने का ख्याल आया. यह मशीन उनके लिए सुरक्षा कवच साबित होगा. उन्होंने बताया कि इस मशीन को तैयार करने में उन्हें 2 सप्ताह का वक्त लगा.

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कोरोना के करोड़ों वायरस मारने वाली मशीन

बेस्ट यूज ऑफ वेस्ट
मशीन के बाबत रविंद्र कुमार साह ने बताया कि इसे जुगाड़ टेक्नोलॉजी के जरिए बनाया गया है. इसमें लगे पाइप से लेकर वाटर टैंकर, सेंसर जैसे हर एक यंत्र कबाड़ी या बेकार पड़े यंत्रों से निकालकर इकट्ठा किए गए हैं. जिसमें कई साथियों से सहयोग लिया गया है. वहीं, इस मशीन पर शहर के जाने-माने चित्रकार गुल्लू दा ने अपनी पेंटिंग के जरिए कई अहम संदेश दिए हैं. सैनिटाइजिंग मशीन के सरफेस पर पेंटिंग के जरिये पक्षी को कोरोना लाते दिखाया गया है. वहीं, मशीन में प्रवेश करते ही है पक्षी के पंखों से चिपके कोरोना का कल्याण हो जाता है.

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मशीन का परीक्षण करते लोग

केवल 5 सेकेंड में कोरोना के 2 करोड़ वायरस का खात्मा
जानकारी के मुताबिक इस मशीन में सेंसर लगा है. लिहाजा, जैसे ही मशीन वाईवरेशन करती है और ह्यूमन बॉडी वेट को रीड करती है. वैसे ही इस सैनिटाइजिंग मशीन के सारे स्विच सेल्फ एक्टिवेट हो जाते हैं. जिसके बाद मशीन के अंदर लगे फिल्टर ह्यूमन बॉडी पर सैनिटाइजिंग रेन करते हैं. 10 सेकेंड में इससे सैनिटाइजर के 5 करोड़ अति सूक्ष्म मॉलिक्यूल्स निकलते हैं. वहीं, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के छींकने पर 2 करोड़ कोरोना वायरस मुंह से निकलते हैं लिहाजा कोरोना के वायरस को मारने के लिए यह काफी होगा.

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