पूर्णिया: भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में गुरुवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का विषय 'मखाना विकास योजना के तहत मखाना उत्पादन प्रणाली के माध्यम से वेटलैंड डेवलपमेंट' रहा, जिसमें भागलपुर कृषि महाविद्यालय सबौर के वाइस चांसलर सहित कृषि क्षेत्र के कई बड़े शिक्षक और वैज्ञानिक मौजूद रहें.
डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय उत्पाद के तहत केंद्र सरकार के 10 हजार करोड़ के विशेष पैकेज के बाद मिथिलांचल के पास अपने उत्पाद को देश और विदेश में पहुंचाने का मौका हाथ आया है. इसकी असीम संभावनाओं की दिशा में मखाना का क्लस्टर तैयार करने की स्वीकृति राज्य सरकार की ओर से दिया गया है. इसके तहत मखाना का क्लस्टर डेवलप कर अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिए किसानों को लाभान्वित किए जाने का उद्देश्य है.
सिंघाड़ा और मछली का भी होगा उत्पादन
बता दें कि किसानों के सामने अब तक मखाना उत्पादन में कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही थी. मखाना की खेती एकल के बजाए कई लाभ देने वाली है. मखाने की खेती के साथ-साथ सिंघाड़ा और मछली उत्पादन कर किसी भी दूसरी खेती से 4 गुना अधिक लाभ कमाया जा सकता है. क्षेत्रीय उत्पादों के तहत मखाना उत्पादन पर केंद्र सरकार के विशेष फोकस के बाद मखाना की क्लस्टर फॉर्म विकसित कर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा.