पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया स्थित भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय (Workshop on Makhana in Purnia) में एक दिवसीय मखाना प्रशिक्षण कार्यशाला में का आयोजन किया गया. कार्यशाला में बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ दुनिया राम सिंह बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शरीक हुए. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मखाना से पूरे विश्व स्तर पर बिहार की पहचान होगी. कार्यशाला में मखाना किसानों के लिए अनुदान वितरण और स्टेकहोल्डर मीट भी बुलाई गई थी. जिसमें किसानों को सम्मानित किया गया.
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मखाना लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है: सबौर के कुलपति डॉ दुनिया राम सिंह ने कहा कि मखाना के क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा किसानों को मखाना लगाने के लिए प्रेरित करने हेतु सब्सिडी की बात कही. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मखाना से पूरे विश्व स्तर पर बिहार की पहचान होगी. इस दिशा में हमारे वैज्ञानिक निरंतर शोध कर रहे हैं और किसान को भी प्रशिक्षण देकर ज्यादा से ज्यादा मखाना लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
"आने वाले दिनों में मखाना से पूरे विश्व स्तर पर बिहार की पहचान होगी. इस दिशा में हमारे वैज्ञानिक निरंतर शोध कर रहे हैं और किसान को भी प्रशिक्षण देकर ज्यादा से ज्यादा मखाना लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है."- डॉ दुनिया राम सिंह, कुलपति ,बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर
आधुनिक खेती के कई फायदे मखाना : कुलपति ने कहा कि आज का युग पारंपरिक खेती से अलग हटकर वैज्ञानिक ढंग से व्यावसायिक खेती करने का है. मखाना की खेती से नगद लाभ मिलता है. मखाना मिथिला के इस इलाके के लिए सबसे लाभकारी फसल है. अगर किसान सही ढंग से इसकी खेती और प्रसंस्करण की तकनीक सीख कर काम करें तो उन्हें बहुत फायदा होगा.
मखाना में है अपार संभावनाएं: बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ दुनिया राम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मखाना की ब्रांडिंग की बात कही थी. इस दिशा में जल्द ही बिहार के मखाना उत्पादकों का यह सपना पूरा होने वाला है. हाल ही में मखाना के जीआई टैगिंग मिल चुका है.