पूर्णिया : अब तक आपने संपत्ति सहित कई अन्य तरह के बंटवारे की खबरें देखी और सुनी होंगी, लेकिन अगर आपको पति के बंटवारे की बात की जाए तो आपको जरूर आश्चर्य होगा, लेकिन ऐसा ही एक मामला बिहार के पूर्णिया जिले में सामने आया है, जहां दो पत्नियों के झगड़े में पति का ही बंटवारा (Husband sharing among 2 wives in Purnea) किया गया है. पुलिस परिवार परामर्श केंद्र (Unique Judgment Of Police Family Center In Purnea) ने अपने आदेश में पति को 15 दिन पहली और फिर 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने के निर्देश दिए हैं.
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पूर्णिया में पति का बंटवारा : दरअसल, पूरा मामला दो पत्नियों के झगड़े से जुड़ा हुआ है. केंद्र के सदस्य और पूर्णिया के वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने शनिवार को बताया कि आरोप है कि भवानीपुर थाना क्षेत्र (Bhawanipur police station) गोरियारी गांव के रहने वाले एक व्यक्ति पहले से ही विवाहित है और छह बच्चों का पिता है. इस बात को छुपाकर उसने एक अन्य लड़की से भी शादी कर ली.
दूसरी पत्नी को घर से निकालाः दूसरी पत्नी से भी उसे एक पुत्री हुई. इसी दौरान दूसरी पत्नी को यह पता चल गया कि पति पहले से ही विवाहित है. इसके बाद दोनों पत्नियों का सच से सामना हो गया. सच सामने आने के बाद दूसरी पत्नी ने इस बात का विरोध किया तो पति ने उसके साथ गाली गलौज और मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया. इधर, पति का कहना है कि दूसरी पत्नी पहली पत्नी के बच्चों के साथ अक्सर मारपीट करती है, इसलिए उसे घर ले निकाल दिया था.
दोनों पत्नियों ने दी सहमतीः इसी बीच, दूसरी पत्नी इस मामले को लेकर पुलिस तक पहुंच गई. पुलिस ने इसे परामर्श केंद्र भेज दिया. दीपक ने बताया कि शुक्रवार को इस मामले में दोनों पक्षों से बातचीत के आधार पर सुनवाई के बाद पुलिस परिवार परामर्श केंद्र ने पति के महीने में 15 दिन पहली पत्नी के साथ जबकि 15 दिन दूसरी बीवी के साथ रहने का फैसला सुनाया. दोनों पत्नियों ने इस फैसले पर अपनी सहमति दे दी.
दीपक ने बताया कि पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में दोनों से बांड भरवाया गया है. तय समझौते के तहत पति 15 दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा जबकि महीने के 15 दिन दूसरी बीवी के साथ. फैसले के मुताबिक, पति को दोनों पत्नियों को अलग-अलग घर में रखना होगा. उसे दोनों पत्नियों का भरण-पोषण करना होगा और भविष्य में कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए. जिसके बाद दोनों पत्नियां खुशी-खुशी पति के साथ वापस अपने घर लौट गईं. अब इस फैसले को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. उल्लेखनीय है कि परामर्श केंद्र की संयोजिका महिला थाना की थाना प्रभारी होती है.
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