पूर्णियाः देश में 2024 लोकसभा की तैयारियां शुरू हो गई हैं. हर पार्टी अपने अपने वोटरों को टटोलने में लगे हैं. इसी क्रम में एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार ने पूर्णिया में महागठबंधन की रैली का आह्वावन किया. शनिवार को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान पर हुई रैली में महागठबंधन के नेताओं ने 2024 में बीजेपी को देश की सत्ता से हटाने के लिए कमर कस लिया है. वहीं इस रैली में पहुंचे कुछ लोग BJP का समर्थन कर रहे थे तो कुछ महागठबंधन को बेहतर बता रहे (hungama in Mahagathbandhan Rally) थे.
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बीजेपी और महागठबंधन समर्थकों में रारः पूर्णिया में महागठबंधन की महारैली में भाजपा का समर्थन करनेवाला एक गुट भी मौजूद था. नेताओं के भाषण के दौरान ही एक युवक का कहना था कि देश में बीजेपी की सरकार बेहतर काम कर ही है. इसके साथ ही वो महागठबंधन की सरकार को असफल बताते हुए कहा कि बिहार में बीजेपी को ही लाना होगा. महागठबंधन से सरकार नहीं चलने की बात कही. इस दौरान उसके साथ रहे युवक उसका समर्थन कर रहे थे.
अपने-अपने तर्क से पार्टी को समर्थनः वहीं पर महागठबंधन के समर्थक भी मौजूद थे. उनलोगों ने बीजेपी समर्थकों से बीजेपी सरकार में हुई गड़बड़ियों के बारे में पूछा. महागठबंधन समर्थक युवक का कहना था कि बीजेपी के कारण ही बेराजगारी बढ़ी है. उनका कहना था कि बीजेपी ने उनलोगों को बेरोजगार कर दिया. महागठबंधन सरकार में विश्वास जताते हुए कहा कि बेहतर काम हो रहा है. वहीं भीड़ ज्यादा होने के कारण कुछ महिला समर्थकों को भी परेशानी हो रही थी. महिलाओं ने प्रशासन को कोसा, लेकिन सरकार में अपना विश्वास जताया.
पूर्णिया में महागठबंधन की महारैली, दिग्गजों ने भरी हुंकार: इससे पहले पूर्णिया में महागठबंधन की रैली में सातों दलों के नेताओं ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. लालू यादव ने कहा कि देश में मोदी सरकार की विदाई का वक्त आ चुका है. इसलिए हम और नीतीश एक हुए हैं. अब मिलकर 2024 लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ना है. उन्होंने कहा कि बीजेपी कोई पार्टी नहीं, बल्कि आरएसएस का मुखौटा है. वहीं रैली में सीएम नीतीश ने अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये लोग देशहित में काम नहीं कर रहे हैं. बिहार की मदद का जो वादा किया गया था, इन लोगो ने आज तक पूरा नहीं किया. वहीं नीतीश कुमार ने एक बार फिर मंच से विपक्षी एकजुटता की बात दोहराई. तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग लीडर नहीं हैं, बल्कि डीलर हैं. ये लोग लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं.