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सेल्फ स्टडी कर जिले की 12वीं आर्ट्स टॉपर बनी शालिनी, IAS बनने का है ख्वाब

आर्ट्स में हाई स्कोरिंग स्टूडेंट्स के लिए बड़ी चुनौती होती है. पूर्णिया की शालिनी सिंह ने ह्यूमैनिटी स्ट्रीम में 96.6 फीसद अंक हासिल कर बनी टॉपर, पेश की मिसाल.

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Published : May 5, 2019, 1:18 PM IST

टॉपर शालिनी

पूर्णिया: BSEB के नतीजों के बाद CBSE बारहवीं के परिणाम में साइंस स्ट्रीम को छोड़कर आर्ट्स और कॉमर्स में बेटियों ने बाजी मारी है. हालांकि सबसे खास बात यह है कि 12th को टफ मानते हुए जहां स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी के लिए किसी अच्छे ट्यूशन या कोचिंग क्लासेज की शरण लेते हैं. वहीं, आर्ट्स स्ट्रीम से जिले की टॉपर बनी शालिनी सिंह ने सेल्फ स्टडी से टॉपर बनकर मिसाल पेश की है.

आर्ट्स में स्कोरिंग स्टूडेंट्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं. फिर भी शांति निकेतन हाता इलाके में रहने वाली शालिनी सिंह ने ह्यूमैनिटी स्ट्रीम से 96.6 फीसदी अंक हासिल की है. शालिनी का मकसद IAS बनना है. दरअसल जिलेभर में अव्वल आने वाली शालिनी सिंह का ह्यूमैनिटी स्ट्रीम को चुनना उनके IAS बनने की तैयारी की पहली सीढ़ी है.

शालिनी ने बगैर किसी ट्यूशन के 12 वीं के CBSE बोर्ड एग्जाम में 500 में 486 अंक हासिल किए. जो स्टेट टॉपर से महज चार अंक कम है. शालिनी की मानें तो ह्यूमैनिटी स्ट्रीम चुनने के पीछे एक दूसरा मकसद UPSC एग्जाम में इस विषय से पूछे जाने वाले 80 फीसदी सवाल हैं.

purnea
शालिनी ने किया टॉप

बगैर कोचिंग के ही बचपन से अब तक की पढ़ाई
दरअसल स्कूली शिक्षा से लेकर 10th बोर्ड के एग्जाम तक शालिनी अपनी स्टडी के प्रति बेहद ईमानदार रहीं. शालिनी की यह मेहनत 12th बोर्ड एग्जाम के नतीजों में रंग लाई. बगैर किसी ट्यूशन और कोचिंग के ही उन्होंने ये मुकाम हासिल किया.

UPSC पैटर्न को देखते हुए चूज किया 12th का विषय
10th बोर्ड के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स यह फैसला नहीं कर पाते हैं कि आगे उन्हें क्या करना है. अक्सर घर-परिवार के लोग अपनी आकांक्षाओं को बच्चों पर थोप देते हैं. शालिनी बताती हैं कि 10th बोर्ड पास करने के बाद उनके सामने भी सबसे बड़ी चुनौती स्ट्रीम चुनने की थी.

फ्रेंड्स और सोसाइटी की ओर से साइंस स्ट्रीम चुनने का दबाव था. मगर शालिनी ने UPSC परीक्षा के पूछे गए प्रश्नों को देखते हुए आर्ट्स संकाय में आने वाली ह्यूमैनिटी स्ट्रीम को चुना. खास बात यह रही कि घर वालों ने भी शालिनी पर अपने सपनों का बोझ नहीं डाला. जिसका नतीजा रहा कि शालिनी ने आर्ट्स स्ट्रीम में जिले में टॉप किया.

शालिनी की इस उपलब्धि से गदगद हैं
बिटिया की इस उपलब्धि से पेशे से प्राइवेट जॉब करने वाले पिता और शालिनी की मां सहित उनका छोटा भाई और परिवारवाले बेहद खुश हैं. वहीं शालिनी के इस शालीन उपलब्धि को लेकर स्कूल शिक्षक से लेकर शालिनी के फ्रेंड्स और पड़ोसी भी फूले नहीं समा रहे हैं.

पूर्णिया: BSEB के नतीजों के बाद CBSE बारहवीं के परिणाम में साइंस स्ट्रीम को छोड़कर आर्ट्स और कॉमर्स में बेटियों ने बाजी मारी है. हालांकि सबसे खास बात यह है कि 12th को टफ मानते हुए जहां स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी के लिए किसी अच्छे ट्यूशन या कोचिंग क्लासेज की शरण लेते हैं. वहीं, आर्ट्स स्ट्रीम से जिले की टॉपर बनी शालिनी सिंह ने सेल्फ स्टडी से टॉपर बनकर मिसाल पेश की है.

आर्ट्स में स्कोरिंग स्टूडेंट्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं. फिर भी शांति निकेतन हाता इलाके में रहने वाली शालिनी सिंह ने ह्यूमैनिटी स्ट्रीम से 96.6 फीसदी अंक हासिल की है. शालिनी का मकसद IAS बनना है. दरअसल जिलेभर में अव्वल आने वाली शालिनी सिंह का ह्यूमैनिटी स्ट्रीम को चुनना उनके IAS बनने की तैयारी की पहली सीढ़ी है.

शालिनी ने बगैर किसी ट्यूशन के 12 वीं के CBSE बोर्ड एग्जाम में 500 में 486 अंक हासिल किए. जो स्टेट टॉपर से महज चार अंक कम है. शालिनी की मानें तो ह्यूमैनिटी स्ट्रीम चुनने के पीछे एक दूसरा मकसद UPSC एग्जाम में इस विषय से पूछे जाने वाले 80 फीसदी सवाल हैं.

purnea
शालिनी ने किया टॉप

बगैर कोचिंग के ही बचपन से अब तक की पढ़ाई
दरअसल स्कूली शिक्षा से लेकर 10th बोर्ड के एग्जाम तक शालिनी अपनी स्टडी के प्रति बेहद ईमानदार रहीं. शालिनी की यह मेहनत 12th बोर्ड एग्जाम के नतीजों में रंग लाई. बगैर किसी ट्यूशन और कोचिंग के ही उन्होंने ये मुकाम हासिल किया.

UPSC पैटर्न को देखते हुए चूज किया 12th का विषय
10th बोर्ड के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स यह फैसला नहीं कर पाते हैं कि आगे उन्हें क्या करना है. अक्सर घर-परिवार के लोग अपनी आकांक्षाओं को बच्चों पर थोप देते हैं. शालिनी बताती हैं कि 10th बोर्ड पास करने के बाद उनके सामने भी सबसे बड़ी चुनौती स्ट्रीम चुनने की थी.

फ्रेंड्स और सोसाइटी की ओर से साइंस स्ट्रीम चुनने का दबाव था. मगर शालिनी ने UPSC परीक्षा के पूछे गए प्रश्नों को देखते हुए आर्ट्स संकाय में आने वाली ह्यूमैनिटी स्ट्रीम को चुना. खास बात यह रही कि घर वालों ने भी शालिनी पर अपने सपनों का बोझ नहीं डाला. जिसका नतीजा रहा कि शालिनी ने आर्ट्स स्ट्रीम में जिले में टॉप किया.

शालिनी की इस उपलब्धि से गदगद हैं
बिटिया की इस उपलब्धि से पेशे से प्राइवेट जॉब करने वाले पिता और शालिनी की मां सहित उनका छोटा भाई और परिवारवाले बेहद खुश हैं. वहीं शालिनी के इस शालीन उपलब्धि को लेकर स्कूल शिक्षक से लेकर शालिनी के फ्रेंड्स और पड़ोसी भी फूले नहीं समा रहे हैं.

Intro:आकाश कुमार(पूर्णिया)

बीएसईबी के नतीजों के बाद सीबीएसई बारहवीं के परिणाम में साइंस स्ट्रीम को छोड़कर आर्ट्स व कॉमर्स में बेटियों ने बाजी मारी है। हालांकि सबसे खास बात यह है कि 12th को टफ मानते हुए जहां स्टूडेंट्स एग्जामस प्रिपरेशन के लिए किसी अच्छे ट्यूशन या कोचिंग क्लासेज की शरण लेते हैं। आर्ट्स स्ट्रीम से जिले की टॉपर बनी शालिनी सिंह ने सेल्फ स्टडी से टॉपर बनने का रास्ता तय किया। जिस आर्ट्स में स्कोरिंग स्टूडेंट्स के लिए किसी चुनौती सी होती है। शांति निकेतन हाता इलाके में रहने वाली शालिनी सिंह ने ह्यूमानिटी स्ट्रीम से 96.6 फीसद अंक अर्जित किये। आगे शालिनी का मकसद एक आईएएस बनना है।




Body:आईएस बनना है शालिनी का शालीन मकसद....


दरअसल आर्ट्स से ह्यूमानिटी स्ट्रीम में 96.6 अंक लाकर जिले के लड़कों को पछाड़ने वाली शालिनी सिंह के ह्यूमैनिटी स्ट्रीम को चुनने की कहानी उनके आईएएस बनने के पहले मकसद तक जाता है। शालिनी ने बगैर किसी ट्यूशन के 12 वीं के सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में 500 में 486 अंक हासिल किए। जो स्टेट टॉपर से महज चार अंक कम हैं। वहीं शालिनी की मानें तो ह्यूमानिटी स्ट्रीम ही चुनने के पीछे शालिनी का एक दूसरा मकसद यूपीएससी
एग्जाम में इस विषय से पूछे जाने वाले 80 फीसद सवाल हैं।



बगैर कोचिंग के ही कि बचपन से अब तक पढाई....

दरअसल स्कूली शिक्षा से लेकर 10th बोर्ड के एग्जामस तक शालिनी अपनी स्टडी के प्रति बेहद ईमानदार रहीं। यही वजह भी रहीं शालिनी ने जिन विद्यालयों में शिक्षा अर्जन की। वहां बेहतर करने वाले स्टूडेंट्स में से एक रहीं। हालांकि शालिनी की यह मेहनत 12th बोर्ड एग्जाम के नतीजों में रंग लाई। बगैर किसी ट्यूशन व कोचिंग पर पानी की तरह पैसे बहाए शालिनी ने सेल्फ स्टडी के बूते ही 12th बोर्ड में जिले से टॉपर करने तक का रास्ता बनाया। आमूमन ट्यूशन और कोचिंग के बाद भी जिस आर्ट्स में स्कोरिंग स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। शालिनी ने बगैर किसी ट्यूशन के सेल्फ स्टडी के बूते ही 96.6 फीसद अंक हासिल कर इस चुनौती को बेहद शालीनता से सहज और सरल बना दिया।


यूपीएससी पैटर्न को देखते हुए चूज किया 12th के विषय.....


जहां 10th बोर्ड के बाद ज्यादातर स्टुडेंट्स यह निर्णय नहीं कर पाते कि आगे उन्हें क्या करना है। या फिर घर या परिवार के लोग अपनी आकांक्षाओं को बच्चों पर थोप देते हैं। इन सब से बिल्कुल जुदा थी अपने पढाई के प्रति ईमानदार शालिनी की कहानी।
शालिनी बताती हैं कि 10th बोर्ड पास करने के बाद उनके सामने भी सबसे बड़ी चुनौती स्ट्रीम चुनने की थी। फ्रेंड्स और सोसाइटी की ओर से साइंस स्ट्रीम चुनने का दवाब था। मगर शालिनी ने यूपीएससी परीक्षा के शयलेब व पूछे गए प्रश्नों को देखते हुए आर्ट्स संकाय में आने वाली ह्यूमैनिटी स्ट्रीम को चुनना। खास बात यह रही कि घर वालों ने भी शालिनी पर अपने सपनों का बोझ नहीं था। घर वालों की शालिनी पर और शालिनी के खुद पर किये गए भरोसे का ही नतीजा रहा। कि शालिनी ने आर्ट्स स्ट्रीम जिले में टॉप किया।


शालिनी की इस उपलब्धि से गदगद हैं ....


वहीं दूसरी ओर बिटिया की इस उपलब्धि से पेशे से प्राइवेट जॉब करने वाले मदन कुमार व शालिनी की मां सहित उनका छोटा भाई व परिवारवाले बेहद गदगद हैं। वहीं शालिनी के इस शालीन उपलब्धि को लेकर स्कूल शिक्षक से लेकर शालिनी के फ्रेंड्स व आस-पड़ोस के इलाकों के लोग भी फुले नहीं समा रहे।


Conclusion:

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