पूर्णिया: BSEB के नतीजों के बाद CBSE बारहवीं के परिणाम में साइंस स्ट्रीम को छोड़कर आर्ट्स और कॉमर्स में बेटियों ने बाजी मारी है. हालांकि सबसे खास बात यह है कि 12th को टफ मानते हुए जहां स्टूडेंट्स परीक्षा की तैयारी के लिए किसी अच्छे ट्यूशन या कोचिंग क्लासेज की शरण लेते हैं. वहीं, आर्ट्स स्ट्रीम से जिले की टॉपर बनी शालिनी सिंह ने सेल्फ स्टडी से टॉपर बनकर मिसाल पेश की है.
आर्ट्स में स्कोरिंग स्टूडेंट्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं. फिर भी शांति निकेतन हाता इलाके में रहने वाली शालिनी सिंह ने ह्यूमैनिटी स्ट्रीम से 96.6 फीसदी अंक हासिल की है. शालिनी का मकसद IAS बनना है. दरअसल जिलेभर में अव्वल आने वाली शालिनी सिंह का ह्यूमैनिटी स्ट्रीम को चुनना उनके IAS बनने की तैयारी की पहली सीढ़ी है.
शालिनी ने बगैर किसी ट्यूशन के 12 वीं के CBSE बोर्ड एग्जाम में 500 में 486 अंक हासिल किए. जो स्टेट टॉपर से महज चार अंक कम है. शालिनी की मानें तो ह्यूमैनिटी स्ट्रीम चुनने के पीछे एक दूसरा मकसद UPSC एग्जाम में इस विषय से पूछे जाने वाले 80 फीसदी सवाल हैं.
बगैर कोचिंग के ही बचपन से अब तक की पढ़ाई
दरअसल स्कूली शिक्षा से लेकर 10th बोर्ड के एग्जाम तक शालिनी अपनी स्टडी के प्रति बेहद ईमानदार रहीं. शालिनी की यह मेहनत 12th बोर्ड एग्जाम के नतीजों में रंग लाई. बगैर किसी ट्यूशन और कोचिंग के ही उन्होंने ये मुकाम हासिल किया.
UPSC पैटर्न को देखते हुए चूज किया 12th का विषय
10th बोर्ड के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स यह फैसला नहीं कर पाते हैं कि आगे उन्हें क्या करना है. अक्सर घर-परिवार के लोग अपनी आकांक्षाओं को बच्चों पर थोप देते हैं. शालिनी बताती हैं कि 10th बोर्ड पास करने के बाद उनके सामने भी सबसे बड़ी चुनौती स्ट्रीम चुनने की थी.
फ्रेंड्स और सोसाइटी की ओर से साइंस स्ट्रीम चुनने का दबाव था. मगर शालिनी ने UPSC परीक्षा के पूछे गए प्रश्नों को देखते हुए आर्ट्स संकाय में आने वाली ह्यूमैनिटी स्ट्रीम को चुना. खास बात यह रही कि घर वालों ने भी शालिनी पर अपने सपनों का बोझ नहीं डाला. जिसका नतीजा रहा कि शालिनी ने आर्ट्स स्ट्रीम में जिले में टॉप किया.
शालिनी की इस उपलब्धि से गदगद हैं
बिटिया की इस उपलब्धि से पेशे से प्राइवेट जॉब करने वाले पिता और शालिनी की मां सहित उनका छोटा भाई और परिवारवाले बेहद खुश हैं. वहीं शालिनी के इस शालीन उपलब्धि को लेकर स्कूल शिक्षक से लेकर शालिनी के फ्रेंड्स और पड़ोसी भी फूले नहीं समा रहे हैं.