पूर्णिया: चुनाव को लेकर देश में मुद्दों का बात होने लगती है. जिले में 1956 में स्थापित चीनी मिल दो दशक से बन्द पड़ा है. हर चुनाव में यह चीनी मिल मुद्दा तो बनता है, लेकिन इसे चालू करने के लिए अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
जिले के बनमनखी स्थित एकमात्र चीनी मिल वर्षो से बन्द है. बताया जा रहा है कि सीमांचल के साथ-साथ नेपाल तक के किसान इस चीनी मिल में गन्ने भेजा करते थे. चीनी मिल के चलने से इस क्षेत्र में किसानों की आय स्थिति अच्छी थी. लेकिन 1990 में यह चीनी मिल बन्द हो गया.
ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के समय उम्मीदवार इसकी फिर से शुरूआत करने का आश्वासन तो देते हैं. लेकिन यह सिर्फ एक आश्वासन बनकर ही रह जाता है. अब इसकी हालत ऐसी है कि ढांचा भर ही बच पाया है. सभी कीमती पार्ट पुर्जे का चोरों ने निशाना बना लिया है.
सरकार ने इसे वियाडा को सौप दिया
इस चीनी मिल की छमता एक हजार टन प्रतिदिन थी. यह मिल 119.76 एकड़ में है. सरकार ने इसे अब वियाडा को सौप दिया है. किसान सरकार से वर्षो से इस चीनी मिल में किसान से सम्बंधित कोई भी रोजगार की शुरूआत करने की मांग कर रहे हैं. इससे किसानों की जिंदगी में खुशहाली आ सके.