ETV Bharat / state

पूर्णिया: इस लोकसभा क्षेत्र में हर चुनाव में बन्द चीनी मिल मुद्दा तो बनता है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं

पूर्णिया में वर्षो से बन्द पड़ा चीनी मिल मुद्दा तो बनता है. लेकिन इस चीनी मिल को लेकर नेताओं का आश्वासन भर ही रह जाता है.

बन्द पड़ा चीनी मिल
author img

By

Published : Mar 27, 2019, 1:38 PM IST

पूर्णिया: चुनाव को लेकर देश में मुद्दों का बात होने लगती है. जिले में 1956 में स्थापित चीनी मिल दो दशक से बन्द पड़ा है. हर चुनाव में यह चीनी मिल मुद्दा तो बनता है, लेकिन इसे चालू करने के लिए अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

जिले के बनमनखी स्थित एकमात्र चीनी मिल वर्षो से बन्द है. बताया जा रहा है कि सीमांचल के साथ-साथ नेपाल तक के किसान इस चीनी मिल में गन्ने भेजा करते थे. चीनी मिल के चलने से इस क्षेत्र में किसानों की आय स्थिति अच्छी थी. लेकिन 1990 में यह चीनी मिल बन्द हो गया.

ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के समय उम्मीदवार इसकी फिर से शुरूआत करने का आश्वासन तो देते हैं. लेकिन यह सिर्फ एक आश्वासन बनकर ही रह जाता है. अब इसकी हालत ऐसी है कि ढांचा भर ही बच पाया है. सभी कीमती पार्ट पुर्जे का चोरों ने निशाना बना लिया है.

ग्रामीण का बयान

सरकार ने इसे वियाडा को सौप दिया
इस चीनी मिल की छमता एक हजार टन प्रतिदिन थी. यह मिल 119.76 एकड़ में है. सरकार ने इसे अब वियाडा को सौप दिया है. किसान सरकार से वर्षो से इस चीनी मिल में किसान से सम्बंधित कोई भी रोजगार की शुरूआत करने की मांग कर रहे हैं. इससे किसानों की जिंदगी में खुशहाली आ सके.

पूर्णिया: चुनाव को लेकर देश में मुद्दों का बात होने लगती है. जिले में 1956 में स्थापित चीनी मिल दो दशक से बन्द पड़ा है. हर चुनाव में यह चीनी मिल मुद्दा तो बनता है, लेकिन इसे चालू करने के लिए अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

जिले के बनमनखी स्थित एकमात्र चीनी मिल वर्षो से बन्द है. बताया जा रहा है कि सीमांचल के साथ-साथ नेपाल तक के किसान इस चीनी मिल में गन्ने भेजा करते थे. चीनी मिल के चलने से इस क्षेत्र में किसानों की आय स्थिति अच्छी थी. लेकिन 1990 में यह चीनी मिल बन्द हो गया.

ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के समय उम्मीदवार इसकी फिर से शुरूआत करने का आश्वासन तो देते हैं. लेकिन यह सिर्फ एक आश्वासन बनकर ही रह जाता है. अब इसकी हालत ऐसी है कि ढांचा भर ही बच पाया है. सभी कीमती पार्ट पुर्जे का चोरों ने निशाना बना लिया है.

ग्रामीण का बयान

सरकार ने इसे वियाडा को सौप दिया
इस चीनी मिल की छमता एक हजार टन प्रतिदिन थी. यह मिल 119.76 एकड़ में है. सरकार ने इसे अब वियाडा को सौप दिया है. किसान सरकार से वर्षो से इस चीनी मिल में किसान से सम्बंधित कोई भी रोजगार की शुरूआत करने की मांग कर रहे हैं. इससे किसानों की जिंदगी में खुशहाली आ सके.

Intro:पूर्णिया के बनमनखी स्थित ज़िला का एकमात्र चीनी मिल बन्द होने जे बाद हर चुनाव में चुनावी मुद्दा बन रह जाता है । इस मिल का स्थापन 1956 में हुआ था । इसके खुलने के बाद गन्ना किसान की खुशहाली देखने को मिलती थी ।


Body:पूर्णिया ज़िला का एकमात्र उफहय5 बनमनखी चीनी मिल 1997-98 की दशक में घाटे की बजह से बंद हो गया । तब से अव तक कई लोकसभा और विधान सभा के चुनाव गुजर गए । यह मिल चुनावी मुद्दा बी बन रह गया । किसी नेता ने भी जितने के बाद इस ओर ध्यान देना मुनासिब नही समझा । इस मिल के चालू रहने पर सीमांचल के किसान तो खुशहाल थे ही साथ ही साथ सिमा से सटे नेपाल के किसान भी अपने द्वारा उपजाए गन्ने यहाँ भेज खुश रहते थे । किसान गन्ने की खेती से की गई कमाई से अपने परिवार का पालन पोषण तो अच्छा करते ही थे । बच्चों की पढ़ाई और शादी भी बड़ी धूमधाम से करते थे । चुनाव के समय नेताओ का आश्वासन मिलता रहा कि जितने के बाद इसे चालू करवाया जाएगा । मगर उनकी बात आश्वासन ही बन रह जाता है । मिल की स्थिति उसे देख आप खुद अंदाजा लगा लेगे । अब सिर्फ ढांचा की अवसेस के रूप में रह गया है । चोरों द्वारा सभी कीमती पार्ट पुर्जे चोरी कर ली गई है ।
1970 के दशक में इस चीनी मिल में उत्पादन चालू हुआ था । इस मिल की स्थापना दी पूर्णिया कॉपरेटिव सुगर फैक्ट्री लिमिटेड बनमनखी के नाम से 28 अप्रेल 1956 को हुई थी । 3 जून 1977 तक सहकारिता के अधीन रहा । इस मिल की छमता एक हजार टन प्रतिदिन थी । मिल की अपनी 119.76 एकड़ की अचल संपत्ति है । अब इसे वियाडा को सौप दिया गया है । यहाँ के किसान ने मांग की है कि इसमें6 किसान से सम्बंधित की काम किया जाए । जिससे फिर यहाँ के किसानों की जिंदगी में खुशहाली आ सके ।
बाइट--- बिजेन्द्र कुमार ( स्थानीय किसान )
बाइट --किसान


Conclusion:अब देखना है कि वियाड़ा यहाँ के किसानों की किस्मत बदलने में कितना साथ देती है ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.