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पूर्णिया यूनिवर्सिटी में एडमिशन में गड़बड़ी को लेकर आक्रोशित छात्रों ने की तालाबंदी

पूर्णिया यूनिवर्सिटी के परेशान सैकड़ों छात्रों ने पीयू पहुंचकर प्रॉक्टर डी के सिंह और डीएसडब्ल्यू का घेराव किया. साथ ही पीयू प्रशासनिक भवन की तालाबंदी कर दी.

पूर्णिया यूनिवर्सिटी
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Published : Oct 4, 2019, 1:15 PM IST

पूर्णियाः पूर्णिया यूनिवर्सिटी में विवादों का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा. इस बार पीयू अपने नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़ झाले के कारण सवालों के घेरे में है. दरअसल, सैकड़ों स्टूडेंट्स को रिजल्ट घोषित होने के बावजूद यहां एडमिशन के लिए दर-दर की ठोंकरें खानी पड़ रही हैं. ये सभी छात्र गोलबंद होकर पीयू पहुंचे, जहां उन्होंने विवि के प्रशासनिक भवन पर तालाबंदी करते हुए एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक का घेराव किया.

पूर्णिया यूनिवर्सिटी में गड़बड़ी के कई मामले
एडमिशन के लिए तकरीबन महीने भर से पीयू के एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज के चक्कर काट रहे इन स्टूडेंट्स की पूरी कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे. ऐसे एक दो नहीं बल्कि अनगिनत मामले हैं. छात्रों ने बताया कि उन्होंने एडमिशन दूसरे सबजेक्ट में लिया था लेकिन कॉलेज पहुंचे तो उन्हें पता चला कि विषय ही बदल दिया गया है. इसके बाद क्लास रूम में कोई और विषय पढ़ाया जाता है. सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन यही सच्चाई है. कुछ छात्रों ने भी बताया कि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन सही भरा था, लेकिन आवेदन की त्रुटि बताकर इनका रिजल्ट ही पेंडिंग में डाल दिया गया.

परेशान अभिभावक

सैकड़ों छात्रों ने की पीयू में तालाबंदी
त्योहार में कॉलेजों के बंद होने से पहले सैकड़ों छात्र पीयू में जुटे, जिनका परिणाम आने के बाद भी अब तक दाखिला नहीं हो सका है. वह भी तब जब सारी सीटें फुल हो गई हैं और नामांकन बंद हो चुका है. ऐसे ही कुछ स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि दाखिले के लिए पिछले एक महीने से पीयू के एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज के चक्कर काट रहे हैं. एक ससुर अपनी बहु के परिणाम की घोषणा के बाद एडमिशन के लिए पिछले एक महीने से दौड़ रहा है. छात्रा रीना कुमारी के दाखिले के लिए कॉलेजों के चक्कर काट रहे इनके ससुर विलास मंडल बताते हैं कि कॉलेज प्रबंधन की ओर से इन्हें एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज दौड़ाया गया. लेकिन अब तक न विषय फाइनल हुआ न दाखिला मिला.

purnea
हंगामा करते छात्र

सब्जेक्ट और कॉलेज बना भुलभूलैया
वहीं, एक छात्र पंकज कुमार बताते हैं कि पीयू द्वारा फाइनल किए गए कॉलेज में जब एडमिशन के लिए पहुंचे तो उन्हें चुने गए विषयों की सभी सीटें फुल बताई गईं. इन्हें कुछ अलग विषयों को चुनने को कहा गया. जिसके बाद राहुल को अनचाहा विषय बतौर मेन सब्जेक्ट से दाखिला लेने की सलाह दी गई. इसके कुछ दिनों बाद इन्होंने फी क्लियर किया. दाखिले से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने कॉलेज पहुंचे. मगर हद तो तब हो गई जब इन सब के बाद वे सुबह पहली क्लास करने कॉलेज पहुंचे तो उन्हें अपना विषय बदला हुआ बताया गया. बाद में जब वे बताए गए विषय की क्लास करने पहुंचे तो यहां किसी और विषय की पढ़ाई चल रही थी. वहीं, क्लास खत्म होने पर जब अटेंडेंस की बारी आई तो अटेंडेंस शीट से भी इनका नाम गैर हाजिर नजर आया.

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परेशान छात्र

कॉलेज के प्रिंसिपिल ने दिया छात्रों को आश्वासन
आखिरकार इन सभी पीड़ित छात्रों ने थक हारकर पीयू प्रशासनिक द्वार पर तालाबंदी कर दी. जिसके बाद पीयू पहुंचे पीयू प्रॉक्टर डी के सिंह और डीएसडब्ल्यू का भी घेराव किया गया. इन सब पर जब पीयू प्रबंधन से बातचीत की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया. लेकिन स्टूडेंट्स के बीच पहुंचे पीयू प्रॉक्टर व पूर्णिया कॉलेज प्रिंसिपिल मिथिलेश मिश्र ने ऐसे स्टूडेंट्स को दाखिले का भरोसा दिलाया है.

पूर्णियाः पूर्णिया यूनिवर्सिटी में विवादों का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा. इस बार पीयू अपने नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़ झाले के कारण सवालों के घेरे में है. दरअसल, सैकड़ों स्टूडेंट्स को रिजल्ट घोषित होने के बावजूद यहां एडमिशन के लिए दर-दर की ठोंकरें खानी पड़ रही हैं. ये सभी छात्र गोलबंद होकर पीयू पहुंचे, जहां उन्होंने विवि के प्रशासनिक भवन पर तालाबंदी करते हुए एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक का घेराव किया.

पूर्णिया यूनिवर्सिटी में गड़बड़ी के कई मामले
एडमिशन के लिए तकरीबन महीने भर से पीयू के एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज के चक्कर काट रहे इन स्टूडेंट्स की पूरी कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे. ऐसे एक दो नहीं बल्कि अनगिनत मामले हैं. छात्रों ने बताया कि उन्होंने एडमिशन दूसरे सबजेक्ट में लिया था लेकिन कॉलेज पहुंचे तो उन्हें पता चला कि विषय ही बदल दिया गया है. इसके बाद क्लास रूम में कोई और विषय पढ़ाया जाता है. सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन यही सच्चाई है. कुछ छात्रों ने भी बताया कि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन सही भरा था, लेकिन आवेदन की त्रुटि बताकर इनका रिजल्ट ही पेंडिंग में डाल दिया गया.

परेशान अभिभावक

सैकड़ों छात्रों ने की पीयू में तालाबंदी
त्योहार में कॉलेजों के बंद होने से पहले सैकड़ों छात्र पीयू में जुटे, जिनका परिणाम आने के बाद भी अब तक दाखिला नहीं हो सका है. वह भी तब जब सारी सीटें फुल हो गई हैं और नामांकन बंद हो चुका है. ऐसे ही कुछ स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि दाखिले के लिए पिछले एक महीने से पीयू के एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज के चक्कर काट रहे हैं. एक ससुर अपनी बहु के परिणाम की घोषणा के बाद एडमिशन के लिए पिछले एक महीने से दौड़ रहा है. छात्रा रीना कुमारी के दाखिले के लिए कॉलेजों के चक्कर काट रहे इनके ससुर विलास मंडल बताते हैं कि कॉलेज प्रबंधन की ओर से इन्हें एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज दौड़ाया गया. लेकिन अब तक न विषय फाइनल हुआ न दाखिला मिला.

purnea
हंगामा करते छात्र

सब्जेक्ट और कॉलेज बना भुलभूलैया
वहीं, एक छात्र पंकज कुमार बताते हैं कि पीयू द्वारा फाइनल किए गए कॉलेज में जब एडमिशन के लिए पहुंचे तो उन्हें चुने गए विषयों की सभी सीटें फुल बताई गईं. इन्हें कुछ अलग विषयों को चुनने को कहा गया. जिसके बाद राहुल को अनचाहा विषय बतौर मेन सब्जेक्ट से दाखिला लेने की सलाह दी गई. इसके कुछ दिनों बाद इन्होंने फी क्लियर किया. दाखिले से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने कॉलेज पहुंचे. मगर हद तो तब हो गई जब इन सब के बाद वे सुबह पहली क्लास करने कॉलेज पहुंचे तो उन्हें अपना विषय बदला हुआ बताया गया. बाद में जब वे बताए गए विषय की क्लास करने पहुंचे तो यहां किसी और विषय की पढ़ाई चल रही थी. वहीं, क्लास खत्म होने पर जब अटेंडेंस की बारी आई तो अटेंडेंस शीट से भी इनका नाम गैर हाजिर नजर आया.

purnea
परेशान छात्र

कॉलेज के प्रिंसिपिल ने दिया छात्रों को आश्वासन
आखिरकार इन सभी पीड़ित छात्रों ने थक हारकर पीयू प्रशासनिक द्वार पर तालाबंदी कर दी. जिसके बाद पीयू पहुंचे पीयू प्रॉक्टर डी के सिंह और डीएसडब्ल्यू का भी घेराव किया गया. इन सब पर जब पीयू प्रबंधन से बातचीत की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया. लेकिन स्टूडेंट्स के बीच पहुंचे पीयू प्रॉक्टर व पूर्णिया कॉलेज प्रिंसिपिल मिथिलेश मिश्र ने ऐसे स्टूडेंट्स को दाखिले का भरोसा दिलाया है.

Intro:फिलहाल बेतहासा बरसात तो थम गई मगर पीयू के विवादों का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा। इस बार पीयू अपने नामांकन प्रक्रिया के गड़बड़झाले के कारण सवालों में है। हैरत की बात है कि ऐसे सैकड़ों ही स्टूडेंट्स हैं जिनका रिजल्ट घोषित होने के बावजूद ऐडमिशन के लिए दर-दर की ठोंकरें खानी पड़ रही हैं। जिसके बाद ऐसे सभी स्टूडेंट्स आज गोलबंद हुए। पीयू पहुंचकर पीयू प्रशासनिक भवन पर तालाबंदी करते हुए एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक का घेराव किया।


Body:लिहाजा एडमिशन के लिए तकरीबन महीने भर से पीयूके एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज के चक्कर काट रहे इन स्टूडेंट्स की पूरी कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे। ऐसे एक दो नहीं बल्कि अनगिनत मामले हैं जिसे देखकर आप यह सोचेने पर मजबूर हो जाएंगे कि पीयू में गड़बड़झाला है या गड़बड़झाले में पीयू । एडमिशन प्रक्रिया को ले सवालों में पीयू... दरअसल क्या कभी आपने सुना है कि आप परिणामों की घोषणा के बाद एडमिशन किसी ओर सब्जेक्ट में लें। कॉलेज पहुंचते ही आपको किसी दूसरे विषय में एडमिशन की जानकारी मिले। इसके बाद जब आप क्लासरूम में बैठें तो पढ़ाया कोई और विषय जाए। उसने में थोड़ा अटपटा से लग रहा हो मगर यह सच है। त्योहारों से पहले कॉलेज के क्लोज़ होने से पहले आज सैकड़ों छात्र पीयू में जुटे जिनका परिणाम आने के बाद भी अब तक दाखिला नहीं हो सका है। वह भी तब जब सारी सीटें फूल और नामांकन की तिथि क्लोज हो चुकी है। बहु के एडमिशन के लिए ससुर खा रहे दर-दर की ठोकर.... इस बाबत ईटीवी भारत ने ऐसे ही कुछ स्टूडेंट्स और उनके परिजनों से बातचीत की। ऐसे ही एक पीड़ितों में शामिल हैं अपने बहु के दाखिले के लिए पिछले एक महीने से पीयू के एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज के चक्कर काट रहे एक ससुर। बहु के परिणाम की घोषणा पिछले एक माह पूर्व हुई। लिहाजा अपनी बहू रीना कुमारी के दाखिले के लिए तब से ही पीयू के कॉलेजों के चक्कर काट रहे इनके ससुर विलास मंडल बताते हैं कि इस दौरान कॉलेज प्रबंधन की ओर से इन्हें एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज दौडाया जाता रहा। मगर अब तक न विषय फाइनल हुआ न दाखिला। वहीं इसे लेकर बीते एक माह में वे अनगिनत बार अपने सारे काम-धंधे छोड़ कॉलेज के चक्कर काट चुके हैं मगर परिणाम सब भी जस का तस है। सब्जेक्ट और कॉलेज बना भुलभूलैया.... वहीं ऐसे ही पीड़ितों में से एक है छात्र पंकज कुमार । ये बताते हैं कि इनका चप्पल एक माह से एडमिशन के लिए दौडते हुए घिस गया। मगर अब तक विषय फाइनल नहीं हो सका। ताज्जुब की बात तो यह है कि परिणामों की घोषणा के बाद वे पीयू द्वारा फाइनल किए गए कॉलेज में जब एडमिशन के लिए पहुंचे। तो उन्हें उस चयनित कॉलेज में इनके द्वारा चुने गए विषय की सभी सीटें फूल बताई गईं। और इन्हें कुछ अलग विषयों को चुनने को कहा गया। जिसके बाद राहुल को अनचाहा विषय बतौर मेन सब्जेक्ट से दाखिला लेने की सलाह दी गईं। जिसके कुछ दिनों बाद इन्होंने फी क्लियर किया। और दाखिले से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने निर्देशित कॉलेज पहुंचे। मगर हद तो तब हो गई जब इन सब के बाद वे सुबह- सबेरे पहली क्लास करने कालेज पहुंचे। तो इन्हें इनका विषय बदला हुआ बताया गया। बाद में जब वे बताए गए विषय की क्लास करने पहुंचे। तो यहां किसी और विषय की पढ़ाई चल रही थीं। वहीं क्लास खत्म होने पर जब अटेंडेंस की बारी आई। तो अटेंडेंस शीट से भी इनका नाम गैरहाजिर नजर आया। यहां आरोपों की लगी हैं झरियां.... लिहाजा वे सभी आज पीयू पहुंचे। यहां पहुंचकर पीयू प्रशासन से मिलने का समय मांगा। मगर इन सब के घण्टों बाद भी पीयू प्रशासन के कानों तक जू नहीं रेंगी। तो थक हारकर इन्होंने पीयू प्रशासनिक द्वार पर तालाबंदी कर दी। जिसके बाद दौड़े- भागे पहुंचे पीयू प्रॉक्टर डी के सिंह और डीएसडब्ल्यू का घेराव म किया। वहीं ऐसे एक दो नहीं बल्कि सैकडों ही स्टूडेंट्स हैं जिनका परिणाम घोषित होने के बावजूद अब तक दाखिला नहीं हो सका है। तो वहीं इस कतार में कई ऐसे भी हैं जिनका दावा है कि इन्होंनेऑनलाइन आवेदन सही भरा मगर आवेदन की त्रुटि बताकर इनका रिजल्ट पेंडिंग में डाल दिया गया। पीयू प्रशासन ने दिलाया दाखिले का भरोसा... हालांकि इन सब पर जब पीयू प्रबंधन से बातचीत की कोशिश की गई तो उन्होंने कैसे के सामने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया। मगर स्टूडेंट्स के बीच पहुंचे पीयू प्रॉक्टर व पूर्णिया कॉलेज प्रिंसिपिल मिथिलेश मिश्र ने ऐसे स्टूडेंट्स को दाखिले का भरोसा दिलाया है।


Conclusion:(मोजो में तकनीकी समस्या के कारण खबर आज भेजी गई है। कल दोपहर बाद samsung care में दिया गया था )
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