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बोले पूर्णिया के लोग- न जाने क्यों 'सुशासन' है मौन, पुलिस जानती है क्रिमिनल कौन - latest news

क्या नीतीश कुमार की सरकार व प्रशासन पर पकड़ ढीली हो गई है? क्या नीतीश कुमार अब 'सुशासन बाबू' की छवि खोते जा रहे हैं? आप सोच रहे होंगे कि ये सवाल क्यों? क्योंकि, 'सुशासन बाबू' के नाम से मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज में अपराध का ग्राफ नीचे उतर ही नहीं रहा है. आज हम बात कर रहे हैं पूर्णिया की. यहां पिछले कुछ दिनों से अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. जिसके चलते लोगों में खौफ है.

बिहार में क्राइम
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Published : Oct 22, 2019, 8:04 AM IST

पूर्णिया: बिहार में नीतीश कुमार सुशासन बाबू कहे जाते हैं. सुशासन का मतलब अच्छा शासन. लेकिन, बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. प्रदेश में बढ़ते अपहरण, लूटपाट, हत्या, छेड़खानी, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से बात की. आइए जानते हैं प्रदेश की जनता लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोली है.

लगभग 40 लाख की आबादी वाले जिले पूर्णिया में तेजी से क्राइम बढ़ा है. शराबबंदी के बावजूद यहां हर चौथे दिन शराब की बड़ी खेप बरामद होती है. वहीं, चोरी-डकैती की वारदातें लोगों के सिर का दर्द बनीं हुई हैं. पुलिस चोरी का खुलासा कर अपनी पीठ थपथपाती है. लेकिन वारदातों में कमी नहीं आती है. माने चोरों के हौसले बुलंद हैं. वहीं, हत्या और दुष्कर्म के मामलों में पुलिस को सांप सूंघ जाता है.

बिहार में बढ़ते अपराध पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

'पुलिस को है अपराधियों की पहचान'
स्थानीय निवासी अमित का कहना है कि ये वही नीतीश कुमार हैं, जो दूसरी बार जीतकर वापस आए थे. पहली बार में उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर पर अच्छा काम किया. वही पुलिस और वही सीएम हैं. बावजूद इसके अपराध बढ़ रहा है. आखिर क्यों ऐसा हो रहा है. हर तबके के लोग डरे हुए हैं. लोग रात छोड़िए दिन में भी निकलने को डरते हैं. कोई बैंक से रुपये निकाल कर सुरक्षित घर पहुंच जाए तो गनीमत है. वहीं, अमित ने कहा कि पुलिस अपराधियों को पहचानती है. लेकिन कार्रवाई नहीं करती.

अमित, स्थानीय निवासी
अमित, स्थानीय निवासी

लड़कियां सुरक्षित नहीं- इंदू
महिला नेता इंदू का कहना है कि आज हर क्षेत्र में लड़कियां आगे हैं. बावजूद इसके उनके साथ क्राइम हो रहा है. लड़कियां जॉब कर रही हैं, तो उन्हें ऑफिस जाने में डर लगता है. आप चाहे जहां देख लें, लड़कियों के शव बरामद किए जा रहे हैं. पुलिस तेजी से कार्रवाई नहीं करती. सभी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए. लड़कियों के हित के लिए कोई राजनीति नहीं एक जुट होकर सोचना चाहिए.

इंदू सिन्हा, महिला नेता
इंदू सिन्हा, महिला नेता

बेरोजगारी क्राइम की वजह-प्रणव
बढ़ते क्राइम की मुख्य वजह बेरोजगारी को बताते हुए प्रणव कहते हैं कि सबसे पहले कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा. उसके बाद सरकार को रोजगार के लिए सोचना होगा. रोजगार होगा तो इनकम होगी, अपराध अपने आप कम होंगे.

प्रणव, एमआर
प्रणव, एमआर

जिएं तो कैसे जिएं- संतोष
स्थानीय दुकानदार संतोष का कहना है कि अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी है. घर से बाहर निकलने में आदमी डरता है. राह चलते छिनैती, राह चलते मर्डर की घटना होती है. उन्होंने कहा कि घर छोड़कर चले जाओ तो घर पर डकैती. संतोष ने कहा कि ये कैसा सुशासन है समझ में नहीं आता. आदमी जिए तो कैसे जिए.

संतोष, स्थानीय दुकानदार
संतोष, स्थानीय दुकानदार

पहले नहीं था इतना क्राइम-बुजुर्ग
तकरीबन 80 की उम्र के हो चुके माधव प्रसाद ने बताया कि पहले इतना क्राइम नहीं होता था. आज की तारीख में बहुत तेजी से अपराध हो रहा है. कहीं सुरक्षा नहीं है. उन्होंने कहा सुशासन कहने मात्र का है. पहले इतने अपराधी नहीं थे. अब आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं तो देश के सभी जिलों में क्राइम भी बढ़ा है.

माधव प्रसाद, बुजुर्ग
माधव प्रसाद, बुजुर्ग

पुलिस चाहे तो कम हो जाएगा क्राइम-वरिष्ठ अधिवक्ता
जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार ने कहा कि जिस दिन पुलिस चाह लेगी, उसी दिन अपराध खत्म हो जाएगा. लेकिन पुलिस के वरीय अधिकारी सड़क पर नहीं उतरते हैं. यही कारण है कि अपराध बढ़ गया है. हाल के कुछ दिनों में जिले में चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ी है और देखिए, पुलिस ने छापेमारी कर पकड़ की. ऐसे ही अगर पुलिस सभी घटनाओं में सक्रिय हो जाए, तो क्या कहने. पुलिस के पास सभी जानकारी होती है. लेकिन पता नहीं किस कारण वो एक्टिव नहीं होती.

दिलीप कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता
दिलीप कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता

हाल की बड़ी घटनाएं...

  • पूर्णिया के मीरगंज में व्यवसायी पुत्र सत्यम कुमार के साथ हुई लूटपाट एवं गोलीकांड.
  • सरसी थाना क्षेत्र में चोरी और छिनतई का मामला.
  • जानकीनगर थाना क्षेत्र में मासूम बच्ची का अपहरण.
  • धमदाहा प्रखंड के केला व्यवसायी को गोली मारकर 2 लाख 10 हजार रुपये की लूट.
  • सितबंर में संजय राम हत्याकांड.
  • 24 सितंबर को 4 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म की वारदात.

ऐसी कई अनगिनत वारदातें जिले में घटित हो रही है. चोरी और लूट में पुलिस को देर से सफलता तो मिलती है. लेकिन सवाल वही है कि आखिर ये वारदातें होती ही क्यों हैं.

बिहार की क्राइम रिपोर्ट
बिहार की क्राइम रिपोर्ट

बिहार पुलिस का क्राइम रिकॉर्ड
अब अगर बिहार पुलिस के जुलाई तक के क्राइम रिकॉर्ड पर गौर करें तो जुलाई 2019 तक 893 दुष्कर्म की घटना दर्ज की गई है. वहीं 1,853 हत्या के मुकदमे लिखे जा चुके हैं. ऐसे में सवाल जस के तस हैं कि आखिर कब सुरक्षित होंगी बिहार में बेटियां. आखिर कब अपराध मुक्त बनेगा बिहार क्योंकि इतनी घटनाओं के बाद भी अब तक पुलिस प्रशासन की अंतरात्मा नहीं जागी है. तो दूसरी तरफ लोग पूछ रहे हैं कि कहां हैं सुशासन बाबू?

पूर्णिया: बिहार में नीतीश कुमार सुशासन बाबू कहे जाते हैं. सुशासन का मतलब अच्छा शासन. लेकिन, बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. प्रदेश में बढ़ते अपहरण, लूटपाट, हत्या, छेड़खानी, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से बात की. आइए जानते हैं प्रदेश की जनता लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोली है.

लगभग 40 लाख की आबादी वाले जिले पूर्णिया में तेजी से क्राइम बढ़ा है. शराबबंदी के बावजूद यहां हर चौथे दिन शराब की बड़ी खेप बरामद होती है. वहीं, चोरी-डकैती की वारदातें लोगों के सिर का दर्द बनीं हुई हैं. पुलिस चोरी का खुलासा कर अपनी पीठ थपथपाती है. लेकिन वारदातों में कमी नहीं आती है. माने चोरों के हौसले बुलंद हैं. वहीं, हत्या और दुष्कर्म के मामलों में पुलिस को सांप सूंघ जाता है.

बिहार में बढ़ते अपराध पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

'पुलिस को है अपराधियों की पहचान'
स्थानीय निवासी अमित का कहना है कि ये वही नीतीश कुमार हैं, जो दूसरी बार जीतकर वापस आए थे. पहली बार में उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर पर अच्छा काम किया. वही पुलिस और वही सीएम हैं. बावजूद इसके अपराध बढ़ रहा है. आखिर क्यों ऐसा हो रहा है. हर तबके के लोग डरे हुए हैं. लोग रात छोड़िए दिन में भी निकलने को डरते हैं. कोई बैंक से रुपये निकाल कर सुरक्षित घर पहुंच जाए तो गनीमत है. वहीं, अमित ने कहा कि पुलिस अपराधियों को पहचानती है. लेकिन कार्रवाई नहीं करती.

अमित, स्थानीय निवासी
अमित, स्थानीय निवासी

लड़कियां सुरक्षित नहीं- इंदू
महिला नेता इंदू का कहना है कि आज हर क्षेत्र में लड़कियां आगे हैं. बावजूद इसके उनके साथ क्राइम हो रहा है. लड़कियां जॉब कर रही हैं, तो उन्हें ऑफिस जाने में डर लगता है. आप चाहे जहां देख लें, लड़कियों के शव बरामद किए जा रहे हैं. पुलिस तेजी से कार्रवाई नहीं करती. सभी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए. लड़कियों के हित के लिए कोई राजनीति नहीं एक जुट होकर सोचना चाहिए.

इंदू सिन्हा, महिला नेता
इंदू सिन्हा, महिला नेता

बेरोजगारी क्राइम की वजह-प्रणव
बढ़ते क्राइम की मुख्य वजह बेरोजगारी को बताते हुए प्रणव कहते हैं कि सबसे पहले कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा. उसके बाद सरकार को रोजगार के लिए सोचना होगा. रोजगार होगा तो इनकम होगी, अपराध अपने आप कम होंगे.

प्रणव, एमआर
प्रणव, एमआर

जिएं तो कैसे जिएं- संतोष
स्थानीय दुकानदार संतोष का कहना है कि अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी है. घर से बाहर निकलने में आदमी डरता है. राह चलते छिनैती, राह चलते मर्डर की घटना होती है. उन्होंने कहा कि घर छोड़कर चले जाओ तो घर पर डकैती. संतोष ने कहा कि ये कैसा सुशासन है समझ में नहीं आता. आदमी जिए तो कैसे जिए.

संतोष, स्थानीय दुकानदार
संतोष, स्थानीय दुकानदार

पहले नहीं था इतना क्राइम-बुजुर्ग
तकरीबन 80 की उम्र के हो चुके माधव प्रसाद ने बताया कि पहले इतना क्राइम नहीं होता था. आज की तारीख में बहुत तेजी से अपराध हो रहा है. कहीं सुरक्षा नहीं है. उन्होंने कहा सुशासन कहने मात्र का है. पहले इतने अपराधी नहीं थे. अब आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं तो देश के सभी जिलों में क्राइम भी बढ़ा है.

माधव प्रसाद, बुजुर्ग
माधव प्रसाद, बुजुर्ग

पुलिस चाहे तो कम हो जाएगा क्राइम-वरिष्ठ अधिवक्ता
जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार ने कहा कि जिस दिन पुलिस चाह लेगी, उसी दिन अपराध खत्म हो जाएगा. लेकिन पुलिस के वरीय अधिकारी सड़क पर नहीं उतरते हैं. यही कारण है कि अपराध बढ़ गया है. हाल के कुछ दिनों में जिले में चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ी है और देखिए, पुलिस ने छापेमारी कर पकड़ की. ऐसे ही अगर पुलिस सभी घटनाओं में सक्रिय हो जाए, तो क्या कहने. पुलिस के पास सभी जानकारी होती है. लेकिन पता नहीं किस कारण वो एक्टिव नहीं होती.

दिलीप कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता
दिलीप कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता

हाल की बड़ी घटनाएं...

  • पूर्णिया के मीरगंज में व्यवसायी पुत्र सत्यम कुमार के साथ हुई लूटपाट एवं गोलीकांड.
  • सरसी थाना क्षेत्र में चोरी और छिनतई का मामला.
  • जानकीनगर थाना क्षेत्र में मासूम बच्ची का अपहरण.
  • धमदाहा प्रखंड के केला व्यवसायी को गोली मारकर 2 लाख 10 हजार रुपये की लूट.
  • सितबंर में संजय राम हत्याकांड.
  • 24 सितंबर को 4 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म की वारदात.

ऐसी कई अनगिनत वारदातें जिले में घटित हो रही है. चोरी और लूट में पुलिस को देर से सफलता तो मिलती है. लेकिन सवाल वही है कि आखिर ये वारदातें होती ही क्यों हैं.

बिहार की क्राइम रिपोर्ट
बिहार की क्राइम रिपोर्ट

बिहार पुलिस का क्राइम रिकॉर्ड
अब अगर बिहार पुलिस के जुलाई तक के क्राइम रिकॉर्ड पर गौर करें तो जुलाई 2019 तक 893 दुष्कर्म की घटना दर्ज की गई है. वहीं 1,853 हत्या के मुकदमे लिखे जा चुके हैं. ऐसे में सवाल जस के तस हैं कि आखिर कब सुरक्षित होंगी बिहार में बेटियां. आखिर कब अपराध मुक्त बनेगा बिहार क्योंकि इतनी घटनाओं के बाद भी अब तक पुलिस प्रशासन की अंतरात्मा नहीं जागी है. तो दूसरी तरफ लोग पूछ रहे हैं कि कहां हैं सुशासन बाबू?

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
special report ।

बिहार में बढ़ते अपराध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। आए दिन हो रही हत्या ,दुष्कर्म ,लूटकांड ,फिरौती ,छिनतई और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं के बाद एक तरफ जहां 'सुशासन' सवालों के कटघरे में है। तो वहीं सूबे की खुशियों और शांति व्यवस्था पर जैसे अमावस्या का ग्रहण लग गया है। लिहाजा बेलगाम अपराध पर सरकार से सीधे मुहं क्या कहना चाहता है 40 लाख की आबादी वाला पूर्णिया ईटीवी भारत निकला खौफजदा लोगों की प्रतिक्रियाएं जानने...






Body:वैसे तो सीमांचल का यह क्षेत्र आमतौर पर साल के छह महीने सैलाब की त्रासदी से डरा-डपटा नजर आता है। मगर इन दिनों यहां के लोगों के लिए खौफ और दहशत की वजह सैलाब का बेतहासा बढ़ता अपराध कहीं ज्यादा है। यही वजह है कि रात तो दूर अब लोग दिन के उजाले में भी बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।


पुलिस के साथ जनता को भी ज़िम्मेदारी तय करने की जरूरत...

शहर के सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार श्रीवास्तव
बढ़ते अपराध के लिए औरों की तरह पुलिस को ही नहीं बल्कि जनता को भी जिम्मेदार मानते हैं। जवाबदेही और कर्तव्यों की बात करते हुए वे जनता और पुलिस को अलजेब्रा के स्क्वायर फार्मूले की तरह जोड़कर देखते हैं। ये दोनों इकाई मिलकर बेलगाम अपराध को जन्म देते हैं। लिहाजा अपराध पर नकेल तभी कसा जा सकता है जब पब्लिक और पुलिस दोनों ही ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी तय करे।


पार्टी का फर्क मिटा राजनीति पार्टियों को होना होगा एक...

महिलाओं के साथ बढ़ती रेप ,हत्या ,छेड़खानी और शोषण जैसी घटनाओं को ले जिले की कांग्रेस अध्यक्षा इंदू सिंहा पुलिस के उदासीन रवैया को इसका जिम्मेदार मानती हैं। पीड़िता को न्याय दिलाने व त्वरित कार्रवाई का रास्ता सुझाते हुए वे कहती हैं इस पर तब तक पूरी तरह लगाम नहीं लगाया जा सकता जब तक राजनीतिक पार्टियां सियासत छोड़ एक न हो जाए। पार्टी का फर्क भूल हमारी पहली प्राथमिकता इस तरह की घटनाओं को ले गोलबंद होकर पीड़ित महिला और उसके परिवार को हर हाल में न्याय दिलाने की होनी चाहिए।


पुलिस के प्रण में छिपा है अपराध के अंकुश का राज...

वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक बढ़ते अपराध को लेकर पुलिसिंग को जिम्मेदार मानते हैं। जिले में घटित घटनाओं का उदाहरण पेश करते हुए वे कहते हैं कि पुलिस जिस रोज अपराध पर लगाम लगाने का निश्चय कर ले उसी समय अपराध का ग्राफ लुढ़क जाएगा।


सीसीटीवी ,वेपेंस और इंटेलिजेंस सिस्टम में सुधार की जरूरत...

आप प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद पिछले दिनों पीएम मोदी की भतीजी के साथ राजधानी दिल्ली में घटित चर्चित घटना का जिक्र करते हुए कहते हैं कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा और पुलिस की तत्परता के कारण अपराधी 24 घण्टें के भीतर पकड़ा गया। लिहाजा जिले में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज ,पुलिस को दिए गए वेपेंस सही ढंग से काम करने के साथ ही पुलिस अपराध और अपराधियों पर कार्रवाई को ले कमर कस ले तो क्राइम रेट खुद व खुद कम जाएगा। इसके साथ ही शहर के इंटेलिजेंस सिस्टम को दुरुस्त कर बड़ी से बड़ी घटना को नाकाम किया जा सकता है।


दिन के अंजोरे में भी खौफजदा हैं सूबे के लोग.....

वहीं पेशे से पत्रकार अमित रंजन की मानें तो जिस कदर आपराधिक घटनाओं में बेतहासा इजाफा हुआ है। दिनदहाडे घटने वाली हत्या , लूटकांड, छिनतई फिरौती जैसी घटनाओं के बाद आज नौबत ऐसे हैं कि लोग रात तो दूर दिन के उजाले में निकलने से डरते हैं। सरकार अपराध पर लगाम लगाने में पूरी तरह फेल्यर है।


महिलाओं के प्रति पुलिस का निष्क्रिय दृष्टिकोण बढ़ते महिला अपराधों का असल जिम्मेदार...

तीन बार के मुख्यमंत्री रहे भोला पासवान शास्त्री के परिवार से आने वाली महिला एक्टिविस्ट सुशीला भारती महिलाओं के साथ बढ़ते आपराधिक मामलों का कुसुरबार पुलिसिंग को मानती हैं। वे अपने सभा में आने वाली एक पीडिता महिला के केस का जिक्र करती हुई कहती हैं पुलिस का दृष्टिकोण महिलाओं की मदद के बजाए बेहद निराशाजनक है। वे कार्रवाई के बजाए इसे हल्के में लेते हैं। जिसके कारण महिलाओं के प्रति घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।


रोजगार की कमी बढ़ते अपराध का असल जिम्मेवार....

जेल रोड इलाके में रहने वाले प्रणव सिंहा पेशे से एक एमआर हैं।
प्रणव बिहार में बढ़ते अपराध का एक बड़ा कारण बढ़ती जनसंख्या के साथ जाल बिछाती जा रही बेरोजगारी को मानते हैं। वे सूबे की बढ़ती जनसंख्या के समानांतर रोजगार के अवसर की अनुपलब्धता को इसका जिम्मेवार मानते हैं। लिहाजा बेरोजगारी से उपजे हत्या ,लूट ,डकैती ,छिनतई जैसी आपराधिक घटनाओं को रोजगार के मौके उपलब्ध कराकर ही कम किया जा सकता है।


सूबे में बने हैं 'जंगलराज' जैसे हालात....

वहीं रामबाग में रहने वाले पेशे से दुकानदार संतोष कुमार व महादेव कहते हैं बिहार में एक बार फिर से जंगलराज वाली स्थिति कायम हो गई है। जिस तरह दिनदहाड़े व्यवसाई और आम लोगों को टारगेट कर दिनदहाड़े मौत के घाट उतारा जा रहा है। अपराधियों के प्रति पुलिस का रवैया उदार आमलोगों से दूरियां बढ़ी हैं। पुलिस के उदासीन रवैये के कारण लोग थाना जाने से हिचकिचाते हैं।


दंड प्रक्रिया संहिता में वक़्त के अनुरूप बदलाव की जरूरत...

वहीं अपने जमाने को याद करते हुए 80 वर्षीय माधव प्रसाद चौधरी कहते हैं कि उनके जमाने में अपराध का नामोनिशां नहीं था। लोग अंधेरों में टॉर्च लिए कहीं भी निकल जाते थे। लूटकांड ,हत्या जैसी खबरें तब यदा-कदा ही सुनने को आती थीं। मगर इस वक़्त जितनी तेजी से सामाजिक शांति का माहौल बिगड़ा है और जिस तेजी से सामाजिक परिदृश्य बदला है लचीले दंड प्रक्रिया संहिता के बजाए इसमें परिवर्तन लाना बेहद आवश्यक हो गया है। इसके प्रावधान मौजूदा वक्त के अनुरूप सख्त हो तो अपराध और अपराधियों से निबटने में इतना लंबा वक्त नहीं लगेगा।











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