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पूर्णिया: पुलिस से नाराज SC-ST और OBC समुदाय ने दिया धरना, दी आंदोलन की चेतावनी

एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय पुलिस से नाराज है. जिस कारण इस समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर सोमवार को थाना चौक पर पुलिस प्रशासन के विरोध में धरना दिया. इस धरने का नेतृत्व संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले अनुसूचित जाति/जनजाति और ओबीसी समुदाय के 12 संघठनों की ओर से किया गया.

ST, SC and OBC
ST, SC and OBC community
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Published : Nov 26, 2019, 8:16 AM IST

पूर्णिया: जिले के अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी समुदाय ने पुलिस के खिलाफ धरना दिया है. इस समुदाय का आरोप है कि उनके ही जाति के एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई. लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है. लोगों ने पुलिस को चेतावनी दिया है और कहा है यदि जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं हुई तो यह धरना उग्र आंदोलन में बदल जाएगा.

संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने किया धरना
दरअसल, जिले में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय पुलिस से नाराज है. जिस कारण इस समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर सोमवार को थाना चौक पर पुलिस प्रशासन के विरोध में धरना दिया. इस धरने का नेतृत्व संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले अनुसूचित जाति/जनजाति व ओबीसी समुदाय के 12 संघठनों की ओर से किया गया. इसमें सैकड़ों की संख्या में नेताओं ने आईजी विनोद कुमार और डीएम राहुल कुमार को इस विशेष समुदाय के लोगों की हत्या और मारपीट जैसे विभिन्न मांगों को लेकर आयोजित धरने को लेकर अपना लिखित आवेदन सौंपा.

एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय ने पुलिस प्रशासन खिलाफ किया धरना

पुलिस ने नाराज है एससी, एसटी समुदाय
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष विजय उरांव ने कहा कि आज आयोजित धरना ज़िला पुलिस के लिए सिर्फ एक आक्रोश का एक ट्रेलर है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से धमदाहा थाना क्षेत्र के विशनपुर निवासी हरिश्चंद्र उरांव हत्या की गई. लेकिन 5 महीने बीतने के बाद आज तक पुलिस ने कुछ नहीं किया. अभियुक्त खुले घूम रहे हैं. ऐसे ही कई घटनाएं हमारे समाज के लोगों के साथ होता है और पुलिस प्रशासन भेदभाव करती है.

ST, SC and OBC community
एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय

यह भी पढ़े- पटना: बेउर जेल में अजय कानू के साथ 300 कैदियों की हड़ताल, केस में कर रहे सुनवाई की मांग

'पुलिस प्रशासन करती भेदभाव'
अजय भारती जिला अध्यक्ष बहुजन मुक्ति पार्टी ने जिला पुलिस को अल्टीमेटम जारी करते हुए कहा कि अगर पुलिस जल्द से जल्द इन सभी मामलों के अभियुक्तों को सलाखों के पीछे नहीं भेजती तो इसका खामियाजा भुगतने के लिए प्रशासन तैयार रहे. उन्होंने कहा कि जिला पुलिस के इस भेदभाव की नीति के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी समुदाय के लाखों की आबादी सड़क पर उतरेगी. फिर हम आवेदन या अनुरोध नहीं करेंगे बल्कि उग्र आंदोलन करेंगे.

पूर्णिया: जिले के अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी समुदाय ने पुलिस के खिलाफ धरना दिया है. इस समुदाय का आरोप है कि उनके ही जाति के एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई. लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया है. लोगों ने पुलिस को चेतावनी दिया है और कहा है यदि जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं हुई तो यह धरना उग्र आंदोलन में बदल जाएगा.

संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने किया धरना
दरअसल, जिले में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय पुलिस से नाराज है. जिस कारण इस समुदाय के लोगों ने एकजुट होकर सोमवार को थाना चौक पर पुलिस प्रशासन के विरोध में धरना दिया. इस धरने का नेतृत्व संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले अनुसूचित जाति/जनजाति व ओबीसी समुदाय के 12 संघठनों की ओर से किया गया. इसमें सैकड़ों की संख्या में नेताओं ने आईजी विनोद कुमार और डीएम राहुल कुमार को इस विशेष समुदाय के लोगों की हत्या और मारपीट जैसे विभिन्न मांगों को लेकर आयोजित धरने को लेकर अपना लिखित आवेदन सौंपा.

एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय ने पुलिस प्रशासन खिलाफ किया धरना

पुलिस ने नाराज है एससी, एसटी समुदाय
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष विजय उरांव ने कहा कि आज आयोजित धरना ज़िला पुलिस के लिए सिर्फ एक आक्रोश का एक ट्रेलर है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से धमदाहा थाना क्षेत्र के विशनपुर निवासी हरिश्चंद्र उरांव हत्या की गई. लेकिन 5 महीने बीतने के बाद आज तक पुलिस ने कुछ नहीं किया. अभियुक्त खुले घूम रहे हैं. ऐसे ही कई घटनाएं हमारे समाज के लोगों के साथ होता है और पुलिस प्रशासन भेदभाव करती है.

ST, SC and OBC community
एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय

यह भी पढ़े- पटना: बेउर जेल में अजय कानू के साथ 300 कैदियों की हड़ताल, केस में कर रहे सुनवाई की मांग

'पुलिस प्रशासन करती भेदभाव'
अजय भारती जिला अध्यक्ष बहुजन मुक्ति पार्टी ने जिला पुलिस को अल्टीमेटम जारी करते हुए कहा कि अगर पुलिस जल्द से जल्द इन सभी मामलों के अभियुक्तों को सलाखों के पीछे नहीं भेजती तो इसका खामियाजा भुगतने के लिए प्रशासन तैयार रहे. उन्होंने कहा कि जिला पुलिस के इस भेदभाव की नीति के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी समुदाय के लाखों की आबादी सड़क पर उतरेगी. फिर हम आवेदन या अनुरोध नहीं करेंगे बल्कि उग्र आंदोलन करेंगे.

Intro:अब तक लॉ एंड आर्डर को लेकर लोगों के सवालों में घिरी जिले की पुलिस पर अब नए संकट के बादल छाए दिखाई दे रहे हैं। दरअसल संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले अनुसूचित जाति/जनजाति व ओबीसी समुदाय के लाखों की आबादी के नेतृत्व करने वाले जिले की 12 संघठनों ने जिले की पुलिस पर भेदभाव के संगीन आरोप लगाते हुए विशाल धरना दिया। वहीं संघर्ष समिति ने न्याय न मिलने पर जिला प्रशासन को सख्त लहजों में अल्टीमेटम जारी करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।


Body:वहीं इस विशाल धरना का आयोजन थाना चौक पर किया गया था। जो शाम होते-होते रैली में तब्दील हो गयी। जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में निकली इस विशाल रैली का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने जिले की आईजी विनोद कुमार व डीएम राहुल कुमार को इस विशेष समुदाय के लोगों की हत्या व मारपीट जैसे विभिन्न मांगों को लेकर आयोजित इस विशाल धरने को लेकर अपना लिखित आवेदन सौपा।


12 संगठनों ने विशाल प्रदर्शन....


विशाल धरने का आयोजन संविधान बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा आयोजित किया गया था। जिसे जिले भर के अनुसूचित जाति/जनजाति सहित ओबीसी समुदाय के लाखों की आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले 12 संगठनों का समर्थन हासिल रहा।
वहीं प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ,एससी/एसटी संघर्ष मोर्चा ,बहुजन मुक्ति पार्टी , भीम आर्मी ,द ग्रेट भीम आर्मी ,भीम सेना ,भारतीय विद्यार्थी मोर्चा ,भारतीय युवा मोर्चा ,राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा ,राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा ,अनुसूचित जाति/जनजाति विचार मोर्चा ,पपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया शामिल रहें। वहीं जिला प्रशासन खासकर पुलिस महकमे के खिलाफ किसी भी समुदाय का इसे अब तक का सबसे विशाल धरना बताया जा रहा है।


पुलिस पर लग रहा भेदभाव का संगीन आरोप...


इस बाबत जिला पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष विजय उरांव
ने कहा कि आज आयोजित धरना ज़िला पुलिस के लिए सिर्फ एक आक्रोश का एक ट्रेलर है। जिस तरह से धमदाहा थाना क्षेत्र के विशनपुर निवासी हरिश्चंद्र उरांव हत्या की गई। पांच माह बीतने के बाद आज तक पुलिस के हाथ खाली हैं। अभियुक्त खुले घूम रहे हैं। इसके साथ ही निगम परिसर में निगम पार्षद रमेश पासवान के साथ मारपीट व गाली सूचक शब्द के प्रयोग को ले दर्ज कराई की प्राथमिकी के बाद भी अभियुक्तों का पुलिस की पकड़ से कोसो दूर होना। पुलिस के भेदभाव की मंशा को दर्शाता है।


न्याय न मिलने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी...



वहीं अजय भारती जिला अध्यक्ष बहुजन मुक्ति पार्टी ने जिला पुलिस को अल्टीमेटम जारी करते हुए कहा कि अगर पुलिस जल्द से जल्द इन सभी मामलों के अभियुक्तों को सलाखों के पीछे नहीं भेजती तो इसका खामियाजा भुगतने के लिए प्रशासन तैयार रहे। जिला पुलिस की इस भेदभाव की नीति के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति-जनजाति व ओबीसी समुदाय के लाखों की आबादी सड़क पर उतरेगी। फिर हम आवेदन या अनुरोध नहीं करेंगे बल्कि उग्र आंदोलन होगा।







Conclusion:
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