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पूर्णिया: प्रशासन की बदइंतजामी से स्टेशन परिसर पर उड़ी सोशल डिस्टेंस की धज्जियां, वायरल हुआ वीडियो

प्रक्रिया पूरी होने के बाद श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किसी पुलिसकर्मी को नहीं सौंपी गई थी. जिसके चलते थर्मल स्क्रीनिंग और निबंधन की प्रक्रियाएं पूरी कर निकास द्वार से निकल रहे श्रमिक कंफ्यूजन में बाहर जुटते चले गए.

purnea junction
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Published : May 9, 2020, 4:08 PM IST

पूर्णिया: शुक्रवार शाम पंजाब के लुधियाना से श्रमिकों को लेकर आई स्पेशल ट्रेन ने जिला प्रशासन के तैयारियों की कलई खोल दी. जिला प्रशासन की बदइंतजामी की वजह से देखते ही देखते स्टेशन परिसर के ठीक बाहर श्रमिकों का सैलाब उमड़ पड़ा. बेकाबू भीड़ के आगे प्रशासनिक अमला पूरी तरह लाचार नजर आया. भीड़ को समेटने में प्रशासन के पसीने छूट गए, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहा यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया है.

किसी पुलिसकर्मी को नहीं सौंपी गई श्रमिकों की जिम्मेदारी
दरअसल ट्रेन पंहुचने के बाद स्टेशन के बाहर तैनात कर्मी और पुलिस स्टेशन के अंदर आ गए. वहीं गुरुवार की तरह प्रक्रिया पूरी होने के बाद श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किसी पुलिसकर्मी को नहीं सौंपी गई थी. जिसके चलते थर्मल स्क्रीनिंग और निबंधन की प्रक्रियाएं पूरी कर निकास द्वार से निकल रहे श्रमिक कंफ्यूजन में बाहर जुटते चले गए. इस वजह से श्रमिकों की भारी भीड़ स्टेशन परिसर के बाहर इकट्ठा हो गयी.

हजारों की झुंड के आगे प्रशासन रहा मौन
इस परिस्थिति कि दूसरी वजहें भी निकलकर सामने आ रही हैं. कहा जा रहा है कि बसों के स्टेशन समय पर न पहुंचने के कारण ऐसी स्थिति बनी. प्रखंडवार जिले के श्रमिकों को उनके प्रखंड स्थित क्वॉरेंटाइन कैंपों तक ले जाने वाली ज्यादातर बसें तय समय के काफी बाद आईं, जिसके चलते स्टेशन के बाहर ही प्रशासन के आंखों के सामने झुंड में श्रमिक खड़े रहे.

पूर्णिया: शुक्रवार शाम पंजाब के लुधियाना से श्रमिकों को लेकर आई स्पेशल ट्रेन ने जिला प्रशासन के तैयारियों की कलई खोल दी. जिला प्रशासन की बदइंतजामी की वजह से देखते ही देखते स्टेशन परिसर के ठीक बाहर श्रमिकों का सैलाब उमड़ पड़ा. बेकाबू भीड़ के आगे प्रशासनिक अमला पूरी तरह लाचार नजर आया. भीड़ को समेटने में प्रशासन के पसीने छूट गए, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहा यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया है.

किसी पुलिसकर्मी को नहीं सौंपी गई श्रमिकों की जिम्मेदारी
दरअसल ट्रेन पंहुचने के बाद स्टेशन के बाहर तैनात कर्मी और पुलिस स्टेशन के अंदर आ गए. वहीं गुरुवार की तरह प्रक्रिया पूरी होने के बाद श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किसी पुलिसकर्मी को नहीं सौंपी गई थी. जिसके चलते थर्मल स्क्रीनिंग और निबंधन की प्रक्रियाएं पूरी कर निकास द्वार से निकल रहे श्रमिक कंफ्यूजन में बाहर जुटते चले गए. इस वजह से श्रमिकों की भारी भीड़ स्टेशन परिसर के बाहर इकट्ठा हो गयी.

हजारों की झुंड के आगे प्रशासन रहा मौन
इस परिस्थिति कि दूसरी वजहें भी निकलकर सामने आ रही हैं. कहा जा रहा है कि बसों के स्टेशन समय पर न पहुंचने के कारण ऐसी स्थिति बनी. प्रखंडवार जिले के श्रमिकों को उनके प्रखंड स्थित क्वॉरेंटाइन कैंपों तक ले जाने वाली ज्यादातर बसें तय समय के काफी बाद आईं, जिसके चलते स्टेशन के बाहर ही प्रशासन के आंखों के सामने झुंड में श्रमिक खड़े रहे.

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