पूर्णियाः नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह ने पूर्णिया के रंगभूमि मैदान पर पहली रैली की थी. उस समय JDU और RJD नेताओं ने अमित शाह पर माहौल खराब करने के लिए रैली करने का आरोप लगाया गया था. नीतीश कुमार ने उसी समय कहा था कि पूर्णिया में ही रैली करके अमित शाह को जवाब देंगे. हालांकि रैली करने में महागठबंधन को कई महीने लग गए. महागठबंधन की तरफ से पूर्णिया के रंगभूमि मैदान पर आज शनिवार 25 फरवरी को रैली की जा रही है.
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नीतीश विरोधी नारेः रैली में बिहार के वैसे युवा भी पहुंचे थे जिन्हें सरकार से रोजगार की उम्मीद थी. युवकों का यह गुट मीडिया कॉर्नर के पास नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के खिलाफ नारे भी लगाये. इस दौरान भीड़ की तरफ से पलटू चाचा कहते सुना गया. नारेबाजी के दौरान थोड़ी देर के लिए भगदड़ मच गयी. पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. भगदड़ के कारण कुर्सियां टूट गयी थी. पार्टी के बैनर नीचे गिरे थे.
पुलिस से हुई झड़पः पुलिस बैरिकेडिंग को हाथ से संभाल रही थी, जबकि दूसरी तरफ से लोग बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे. इस दौरान मंच से भी शांति रखने की अपील की गयी. पुलिस को लाठी भी भांजनी पड़ी. सीएम की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को घेरा बनाकर मोर्चा संभालना पड़ा. प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवकों को काबू में किया. इस दौरान भगदड़ मची रही. हालांकि इस दौरान कुछ युवक तेजस्वी यादव जिंदाबाद के भी नारे लगा रहे थे.
पूर्णिया रैली में महागठबंधन नेताओं की हुंकार: बता दें कि इससे पहले पूर्णियां में महागठबंधन की रैली में सात घटक दलों के नेता एक मंच पर दिखे. रैली में एक तरफ जहां महागठबंधन के नेताओं ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. वहीं सीमांचल के मुस्लिम वोटरों को भी साधने की कोशिश की गई. अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी में सिर्फ दो ही नेता हैं. बीजेपी के साथ रहकर भी बिहार के लिए कुछ नहीं किया गया. मदद करने का ऐलान किया लेकिन आजतक मदद नहीं नहीं मिली. यहां सिर्फ केन्द्र की योजनाओं पर काम हो रहा है. वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन में अनेकता में एकता है. लेकिन बीजेपी नफरत की राजनीति करती है. लालू यादव ने दिल्ली से अपने संबोधन में कहा कि बीजेपी आरएसएस का मुखौटा है. नरेन्द्र मोदी वही कर रहे हैं जो आरएसएस चाह रही है. इसलिए आज देश को बचाने के लिए एकजुट होना होगा.