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तूल पकड़ रहा सुरक्षाकर्मी को जबरन हिरासत में लिए जाने का मामला, रिहाई को लेकर धरना - Omkar Security Institute

सदर अस्पताल के सीएस मधुसूदन प्रसाद ने कहा कि बगैर किसी सूचना और स्वीकृति के ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी को उठाया जाना सवालों के घेरे में है.

धरने पर बैठे सुरक्षाकर्मी
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Published : Jul 26, 2019, 11:53 PM IST

पूर्णिया: गैर लाइसेंसी हथियार रखने के एवज में सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी को जबरन पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस की इस दमनात्मक कार्रवाई और सेना के एक्स-सूबेदार मेजर के साथ वेबजह की गई मारपीट और अभद्र व्यवहार को लेकर तमाम सुरक्षाकर्मी स्ट्राइक पर चले गए हैं. वहीं सदर अस्पताल प्रबंधन की आलोचना के बाद पूर्णिया पुलिस सवालों के घेरे में है.

घटना के बारे में बताते हुए एक्स सूबेदार मेजर प्रहलाद प्रसाद सिंह और सदर अस्पताल के सीएस

रिटायर सेना के सूबेदार और सुरक्षाकर्मी से जुड़ा है मामला
गौरतलब हो कि गुरुवार देर शाम सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की सुरक्षा में तैनात एक गनमैन को पुलिस ने अवैध हथियार रखने के शक में जबरन हिरासत में ले लिया था. वहीं इस दमनात्मक कार्रवाई के दौरान सेना के सूबेदार मेजर के पद से रिटायरमेंट के बाद सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा का जिम्मा अपने कंधे संभाल रहे प्रहलाद प्रसाद सिंह के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए हिंसात्मक कार्रवाई भी की गई थी.

सुरक्षा व्यवस्था चरमराई
इसके बाद सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात ओमकार सेक्यूरिटी संस्थान के सभी सुरक्षाकर्मी एक दिवसीय धरने और हड़ताल पर चले गए. इस तरह एक साथ 39 गार्डों के स्ट्राइक पर चले जाने से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई. सुरक्षाकर्मियों का साफ कहना है कि उनके साथ इस तरह से ट्रीट किया गया, जैसे वह कोई आतंकवादी हो. अस्पताल में तोड़फोड़ और घटना के समय एक तो पुलिस नहीं पहुंचती. सुरक्षा में तैनात गार्ड को परेशान करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही.

एक्स सूबेदार के सवालों पर घिरी पुलिस
लिहाजा अब यह मामला और भी अधिक तूल पकड़ता दिख रहा है. इस बाबत एक्स सूबेदार मेजर प्रहलाद प्रसाद सिंह ने पूर्णिया पुलिस की कार्रवाई को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने अवैध हथियार रखने के कारण सदर अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड की सुरक्षा में तैनात कृष्ण लाल मुर्मू नाम के सुरक्षाकर्मी को जबरन हिरासत में लिया. इससे सरकारी कामकाज और सुरक्षा में रुकावट हुई. दरअसल, उस सुरक्षाकर्मी के पास मौजूद गन से जुड़े दस्तावेज पर वैशाली के एसडीओ के हस्ताक्षर और मुहर हैं. बगैर जांच और पूछताछ के इस तरह की दमनात्मक कार्रवाई निंदनीय है.

पुलिसिया कार्रवाई में सूबेदार के कान की चादरों को नुकासान
प्रहलाद प्रसाद सिंह एमसीआर मेडिकल कोर्ट और पीएमसीएच जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा का जिम्मा संभालने के बाद वर्तमान में सदर अस्पताल की सुरक्षा का दारोमदार अपने कंधे संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें कुर्सी से उठाये बगैर किसी पूछताछ के पुलिस ने उनके कान और आंख पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. जिससे उनके कान के चदरे क्षतिग्रस्त हो गए और उन्हें भागलपुर रेफर किया गया है.

सीएस के सवालों में घिरा पुलिस महकमा
इस बाबत सदर अस्पताल के सीएस मधुसूदन प्रसाद ने कहा कि बगैर किसी सूचना और स्वीकृति के ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी को उठाया जाना सवालों के घेरे में है. गैर लाइसेंसी हथियार रखने के जिस तर्ज पर जबरन सुरक्षाकर्मी को हिरासत में लिया गया, यह पहले जांच का विषय था. इसके बाद कार्रवाई की आवश्यकता बनती थी. मगर एक सरकारी संस्थान की अति संवेदनशील स्थान इमरजेंसी वॉर्ड की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी को ड्यूटी से उठाया जाना निंदनीय है. इसके साथ ही सेना के एक्स सूबेदार मेजर के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट उससे भी कहीं अधिक निंदनीय.

पूर्णिया: गैर लाइसेंसी हथियार रखने के एवज में सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी को जबरन पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस की इस दमनात्मक कार्रवाई और सेना के एक्स-सूबेदार मेजर के साथ वेबजह की गई मारपीट और अभद्र व्यवहार को लेकर तमाम सुरक्षाकर्मी स्ट्राइक पर चले गए हैं. वहीं सदर अस्पताल प्रबंधन की आलोचना के बाद पूर्णिया पुलिस सवालों के घेरे में है.

घटना के बारे में बताते हुए एक्स सूबेदार मेजर प्रहलाद प्रसाद सिंह और सदर अस्पताल के सीएस

रिटायर सेना के सूबेदार और सुरक्षाकर्मी से जुड़ा है मामला
गौरतलब हो कि गुरुवार देर शाम सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की सुरक्षा में तैनात एक गनमैन को पुलिस ने अवैध हथियार रखने के शक में जबरन हिरासत में ले लिया था. वहीं इस दमनात्मक कार्रवाई के दौरान सेना के सूबेदार मेजर के पद से रिटायरमेंट के बाद सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा का जिम्मा अपने कंधे संभाल रहे प्रहलाद प्रसाद सिंह के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए हिंसात्मक कार्रवाई भी की गई थी.

सुरक्षा व्यवस्था चरमराई
इसके बाद सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात ओमकार सेक्यूरिटी संस्थान के सभी सुरक्षाकर्मी एक दिवसीय धरने और हड़ताल पर चले गए. इस तरह एक साथ 39 गार्डों के स्ट्राइक पर चले जाने से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई. सुरक्षाकर्मियों का साफ कहना है कि उनके साथ इस तरह से ट्रीट किया गया, जैसे वह कोई आतंकवादी हो. अस्पताल में तोड़फोड़ और घटना के समय एक तो पुलिस नहीं पहुंचती. सुरक्षा में तैनात गार्ड को परेशान करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही.

एक्स सूबेदार के सवालों पर घिरी पुलिस
लिहाजा अब यह मामला और भी अधिक तूल पकड़ता दिख रहा है. इस बाबत एक्स सूबेदार मेजर प्रहलाद प्रसाद सिंह ने पूर्णिया पुलिस की कार्रवाई को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने अवैध हथियार रखने के कारण सदर अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड की सुरक्षा में तैनात कृष्ण लाल मुर्मू नाम के सुरक्षाकर्मी को जबरन हिरासत में लिया. इससे सरकारी कामकाज और सुरक्षा में रुकावट हुई. दरअसल, उस सुरक्षाकर्मी के पास मौजूद गन से जुड़े दस्तावेज पर वैशाली के एसडीओ के हस्ताक्षर और मुहर हैं. बगैर जांच और पूछताछ के इस तरह की दमनात्मक कार्रवाई निंदनीय है.

पुलिसिया कार्रवाई में सूबेदार के कान की चादरों को नुकासान
प्रहलाद प्रसाद सिंह एमसीआर मेडिकल कोर्ट और पीएमसीएच जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा का जिम्मा संभालने के बाद वर्तमान में सदर अस्पताल की सुरक्षा का दारोमदार अपने कंधे संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें कुर्सी से उठाये बगैर किसी पूछताछ के पुलिस ने उनके कान और आंख पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. जिससे उनके कान के चदरे क्षतिग्रस्त हो गए और उन्हें भागलपुर रेफर किया गया है.

सीएस के सवालों में घिरा पुलिस महकमा
इस बाबत सदर अस्पताल के सीएस मधुसूदन प्रसाद ने कहा कि बगैर किसी सूचना और स्वीकृति के ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी को उठाया जाना सवालों के घेरे में है. गैर लाइसेंसी हथियार रखने के जिस तर्ज पर जबरन सुरक्षाकर्मी को हिरासत में लिया गया, यह पहले जांच का विषय था. इसके बाद कार्रवाई की आवश्यकता बनती थी. मगर एक सरकारी संस्थान की अति संवेदनशील स्थान इमरजेंसी वॉर्ड की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी को ड्यूटी से उठाया जाना निंदनीय है. इसके साथ ही सेना के एक्स सूबेदार मेजर के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट उससे भी कहीं अधिक निंदनीय.

Intro:गैर लाइसेंसी हथियार रखने के एवज में सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी को जबरन पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस की इस दमनात्मक कार्रवाई व सेना के एक्स सूबेदार मेजर साथी के साथ वेबजह की गई मारपीट व अभद्र व्यवहार को ले जहां तमाम सुरक्षाकर्मी स्ट्राइक पर चले गए हैं। वहीं सदर अस्पताल प्रबंधन की आलोचना के बाद पूर्णिया पुलिस सवालों के कटघरे में घिरती नजर आ रही है।



Body:एक्स सेना के सूबेदार व सुरक्षाकर्मी से जुड़ा है मामला...

गौरतलब हो कि गुरुवार देर शाम सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की सुरक्षा में तैनात एक गनमैन को पुलिस ने अवैध हथियार रखने के शक में जबरन हिरासत में ले लिया था। वहीं इस दमनात्मक कार्रवाई के दौरान सेना के एक्स सूबेदार मेजर के पद से रिटायरमेंट के बाद सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा का जिम्मा अपने कंधे संभाल रहे प्रहलाद प्रसाद सिंह के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए हिंसात्मक कार्रवाई भी की गई थी।


सभी सुरक्षाकर्मी गए हड़ताल पर ,सुरक्षा व्यवस्था चरमराई...


लिहाजा इसी के बाद सदर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात ओमकार सिक्युरिटी संस्थान के सभी सुरक्षा कर्मी एक दिवसीय
धरने व हड़ताल पर चले गए। इस तरह एक साथ 39 गार्डों के स्ट्राइक पर चले जाने से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई। सुरक्षा कर्मियों का साफ कहना है इनकी तरह इस तरह ट्रीट किया गया जैसे वह कोई आतंकवादी हो। अस्पताल में तोड़फोड़ और घटना के समय एक तो पुलिस नहीं पहुंचती। वहीं दूसरी ओर सुरक्षा में तैनात गार्ड को परेशान करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही।

एक्स सुबेदार के सवालों पर घिरी पुलिस...


लिहाजा अब यह मामला और भी अधिक तूल पकड़ता दिख रहा है। इस बाबत एक्स सूबेदार मेजर प्रहलाद प्रसाद सिंह ने पूर्णिया पुलिस की कार्रवाई को सवालों के कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि पुलिस ने अवैध हथियार रखने के बिनाह पर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की सुरक्षा में तैनात कृष्ण लाल मुर्मू नाम के जिस सुरक्षाकर्मी को जबरन हिरासत में लिया गया। सरकारी कामकाज और सुरक्षा में रुकावट पहुंचाई गई। दरअसल उस सुरक्षा कर्मी के पास मौजूद गन से जुड़े दस्तावेज पर वैशाली के एसडीओ के हस्ताक्षर व मुहर हैं। बगैर जांच और पूछताछ के इस तरह की दमनात्मक कार्रवाई निंदनीय है।


पुलिसिया कार्रवाई में सूबेदार के कान की चादरों को नुकासान...


एमसीआर मेडिकल कोर्ट व पीएमसीएच जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा का जिम्मा संभालने के बाद वर्तमान में सदर अस्पताल की सुरक्षा का दारोमदार अपने कंधे संभाल रहे प्रहलाद प्रसाद सिंह ने खुद पर बेवजह हुए हिंसात्मक पुलिसिया कार्रवाई व अभद्र व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस ने उन्हें कुर्सी से उठाया बगैर किसी पूछताछ के पुलिस ने उनके कान व आंख पर जोरदार का थप्पड़ जड़ दिया। जिससे उनके कान के चदरे क्षतिग्रस्त हो गए। जिसके बाद उन्हें भागलपुर रेफर किया गया है।


सीएस के सवालों में घिरा पुलिस महकमा...


इस बाबत सदर अस्पताल सीएस मधुसूदन प्रसाद ने कहा कि बगैर किसी सूचना व स्वीकृति के ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी को उठाया जाना सवालों के घेरे में है। गैर लाइसेंसी हथियार रखने के जिस तर्ज पर जबरन सुरक्षाकर्मी को हिरासत में लिया गया यह पहले जांच का विषय था। इसके बाद कार्रवाई की आवश्यकता बनती थी। मगर एक सरकारी संस्थान की अति संवेदनशील स्थान इमरजेंसी वार्ड की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी को ड्यूटी से उठाया जाना निंदनीय है। इसके साथ ही सेना के एक्स सूबेदार के साथ अभद्र व्यवहार व मारपीट उससे भी कहीं निंदनीय।



बहरहाल जिस तरह से सेना के एक एक्स कर्मी के साथ पुलिस ने हिंसात्मक कार्रवाई की व इसके साथ ही बगैर गहरी तफ्तीश के ऑन डयूटी गार्ड को जबरन उठा ले गयी। यह सबकुछ सवालों के घेरे में है। इसके साथ ही वैशाली एसडीओ के हस्ताक्षर से जुड़े विषय की जांच किये बगैर पुलिस की यह दमनात्मक कार्रवाई की चौतरफा आलोचना की जा रही है।


Conclusion:
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