पूर्णिया: सैनिटाइजर कोरोना वायरस को मारने का एक अहम हथियार साबित हो रहा है. लोग लगातार सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन जब बाजार से सैनिटाइजर ही गायब हो जाए, तो कोरोना की मौत कैसे होगी? ताजा मामला पूर्णिया का है. जहां मेडिकल स्टोर से सैनिटाइजर गायब हो चुका है. अन्य बाजारों में भी सैनिटाइजर दिखना बंद हो गया है.
इस बाबत ईटीवी भारत की टीम शहर से गायब सैनिटाइजर की असल वजह जानने शहर के कुछ प्रमुख मेडिकल स्टोर्स पहुंची. जहां सैनिटाइजर पूरी तरह गायब है. इस दौरान पाया गया कि सैकड़ों कस्मटर सैनिटाइजर नहीं होने की वजह से निराश होकर वापस लौट रहे हैं. दरअसल बाजार में सैनिटाइजर नहीं होने की वजह लॉक डाउन बताया जा रहा है. बताया जाता है कि लॉक डाउन होने की वजह से कोई भी ट्रांसपोर्टिंग का काम नहीं हो रहा है.
लॉक डाउन के कारण हुई समस्या
मेडिकल स्टोर संचालक शाकिब खान कहते हैं कि संपूर्ण लॉक डाउन के चलते सारी लौरियां और बसें रास्ते में ही फंस गई हैं. ट्रक ड्राइवर और प्रशासन से इस संबंध में बातचीत जारी है. 5 दिन होने को है और अब तक कोई निदान नहीं निकाला जा सका है. उन्होंने आगे कहा कि पहले के बचे हैंड सैनिटाइजर ही सभी बाजारों में अब तक बिक रहे थे.
'बाजार में हो रही है कालाबजारी'
वहीं, हैंड सैनिटाइजर की किल्लत से जूझते मार्केट की एक बड़ी वजह दुकानदार और कस्मटर्स दोनों ही कालाबजारी को मानते हैं. इनकी मानें तो कुछ ऐसे भी मेडिकल फॉर्म हैं जो सैनिटाइजर की एमआरपी रेट में तेजी लाने के चलते ऐसा कर रहे हैं. दवा दुकानदार अमन कुमार ने कहा कि पहले जो हैंड सैनिटाइजर 62 रुपये के मार्केट रेट पर खुलेआम बिकते थे. उन्होंने कहा कि अब 70 एमएम की उस हैंड सैनिटाइजर की कीमत में 20 फीसद का इजाफा आया और 85 रुपये हो गई है. वहीं, कुछ मेडिकल शॉप संचालक मनमाना रेट पर हैंड सैनिटाइजर की बिक्री के चलते इसकी कालाबजारी में जुट गए हैं.