पूर्णिया: जिले के वेलकम पॉइंट कहे जाने वाले कप्तान पुल स्थित अनाधिकृत डंपिंग जोन में जलाया जाने वाला कचरा अब स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि सड़क हादसों को दावत दे रहा है. धुंध और धुआं से उभरी जीरो विजिबिलिटी शहर के इस व्यस्ततम सड़क मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए हादसे का सबब बनता जा रहा है. शहर के एक हिस्से को दूसरे से जोड़ने वाला वेलकम पॉइंट अब 'वेस्ट वे' के बजाए 'रेड वे' बन गया है. इसके बावजूद निगम प्रशासन अब तक कुम्भकर्णी नींद में सोया है.
सड़क हादसों को दावत दे रहा धुंध और धुआं
दरअसल, सर्द में सिरदर्द बनकर उभरी इस भीषण समस्या की इन की एक बड़ी वजह शहर में डंपिंग जोन का न होना है. जिसके चलते शहर के व्यस्ततम मार्गो में से एक कप्तानपुल रोड़ पर मौजूद अनाधिकृत डंपिंग जोन पर दिन रात कचरा जलाया जा रहा है. वहीं, सर्द में डंप कचरों से निकला यह धुआं कुहरे के साथ मिलाकर जीरो विजिबिलिटी की समस्या उत्पन्न कर रहा है. जिसके चलते आए दिन वाहन चालक छोटी बड़ी दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं.
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वेलकम प्वाइंट पर बनी रहती है जीरो विजिबिलिटी
वेलकम प्वाइंट कहा जाने वाला यह प्रमुख सड़क मार्ग शहर की एक चोर को दूसरे छोर से जो होता है. फिर चाहे वह रेलमार्ग के रास्ते किसी दूसरे राज्यों से आर रहे हों या फिर प्रदेश के दूसरे जिलों से. स्टेशन रोड होते हुए यही व प्रमुख मार्ग है से होकर शहर के दूसरे छोर जिला मुख्यालय और बस स्टैंड जा जा सकता है. यह मार्ग जिला मुख्यालय से स्टेशन रोड, बस स्टैंड रोड , शहर का प्रमुख सब्जी बाजार और फल मंडी खुशकीबाग, एशिया की सबसे बड़ी मंडी गुलाबबाग मंडी सहित जीरो माइल को जोड़ता है. यही वजह है कि दिन हो या फिर रात वाहनों की आवाजाही इस मार्ग पर कभी नहीं रुकती है.
दोहरी मुसीबत लेकर आया धुंध और धुआं
इस मार्ग से होकर रोजाना आने -जाने वाले चालक बताते हैं कि सर्द में कुहरे से पैदा होने वाली समस्याएं पहले ही उनके सामने गहरी चुनौती बनकर आता है. वहीं, कप्तानपूल मार्ग पर बने अनाधिकृत डंपिंग जोन पर रोजाना ही शहर के कचरों को डंप किया जाता है. जिसके बाद इन कचरों को जलाकर निगमकर्मी चले जाते हैं. वहीं, कचरे से दिन-रात निकलता धुआं-धुंध के साथ मिलकर जीरो विजीवलिटी की एक ऐसी दीवार बना देता है. जिसके चलते आगे या पीछे से आने वाली गाड़ियां जरा भी नहीं दिखती है. आगे चंद सेकेंड पर अंधा मोड़ और ढलान है जो दिखाई नहीं देता और इसकी वजह से सड़क हादसे होते रहते हैं.
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अब तक हो चुके हैं 5 सड़क हादसे
वाहन चालक बताते हैं कि इस रास्ते से जाना खतरे से खाली नहीं है. लेकिन कोई विकल्प न होने से मजबूरन ही उन्हें इस मार्ग का प्रयोग करना पड़ता है. वह खुद कई बार हादसे का शिकार होते बाल-बाल बचे हैं. वहीं, स्थानीय बताते हैं कि नवंबर से अब तक कुल 5 छोटे- बड़े सड़क हादसे कप्तान पूल मार्ग में हो चुके हैं. इनमें से 11 दिसंबर और 4 जनवरी को हुए सड़क हादसे को मिलाकर अब तक कुल 2 लोगों की जान चली गई है.
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नगर आयुक्त ने झाड़ा पल्ला
वहीं, इस बाबत नगर निगम आयक्त विजय कुमार सिंह ने कहा कि डंपिंग जोन की समस्या को लेकर निर्मित प्रस्ताव पर कार्य जारी है. जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा. उनका स्थानांतरण दूसरे जिले में हो चुका है और अब जिले में जीउत कुमार सिंह को नए नगर आयुक्त का पदभार दिया गया है. लिहाजा वह इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए अधिकृत नहीं है.