पूर्णिया: कोरोना से निपटने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिले की सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग से लेकर क्वरंटाइन सेंटर की व्यवस्था पर प्रशासन की चौकस नजर है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बाहर निकलने और सामाजिक दूरी बनाए रखने का निर्देश जारी किया गया है.
ग्रामीण स्तर पर 42 कैम्प लगाए गए हैं, जहां 726 व्यक्तियों को क्वारंटाइन में रखा गया है. इसके अलावा 16 होटलों को भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है. जिले में बाहर से आए व्यक्तियों की कुल तादाद 6078 है, जिसमें से 5924 व्यक्ति देश के अलग-अलग हिस्सों से और 154 व्यक्ति विदेशों से आए हैं. इसमे 5342 व्यक्तियों को जांच के बाद होम क्वारंटाइन में रखा गया है.
160 संदिग्धों का हुआ सैंपल टेस्ट
जिले के 160 संदिग्ध व्यक्तियों की सेम्पल जांच कराई गई है. जिसमें 146 की रिपोर्ट आ गई है. इन सभी 146 व्यक्तियों की रिपोर्ट नेगेटिव रही है. अभी जिले के 291 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है. जिसमें 271 देश के अलग शहरों से जबकि 20 विदेशों से आए हुए व्यक्ति हैं. जिला में अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है.
प्रवासी मजदूरों को सरकार कर रही है मदद
सरकार की तरफ से प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान कठिनाई नहीं हो, इसके लिए सहायता राशि दी जा रही है. इसके लिए जिला स्तर पर ऑनलाइन आवेदन किया जाता है. जिले में अभी तक कुल 30093 आवेदन भेजे गए हैं, जिसमें से 24463 आवेदन को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है. ऐसे लोगों को सहायता राशि ऑनलाइन उनके बैंक एकाउंट में भेजी जा रही है.
रफ्तार पकड़ रही डोर टू डोर स्क्रीनिंग
सिविल सर्जन डॉ. मधुसूदन प्रसाद के मुताबिक कोरोना से संदिग्ध व्यक्तियों की जांच के लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर जा कर सर्वेक्षण कर रही हैं. सभी घरों में कोरोना के संदिग्ध लोगों की जांच की जा रही है. अब तक कुल 50231 घरों का सर्वे आशा कर्मियों ने किया है, जिसमें से कुल 263216 व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है. सर्वे कार्य के लिए आशा कर्मियों को राज्य स्वास्थ्य समिति के तरफ से कोविड-19 फॉर्म उपलब्ध कराये गये हैं. इसमें तीन स्तरों पर सूचना उपलब्ध कराने का काम किया जाना है. इसके मद्देनजर स्वास्थ्य कर्मी घरों में जाकर लोगों से पूछताछ कर रहे हैं.