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कभी तमंचा थामने वालों ने उठाई खुरपी, पूर्णिया जेल में कैदी कर रहे बागवानी - पूर्णिया केंद्रीय कारागार

पूर्णिया केंद्रीय कारागार के कैदी (Prisoners Doing Gardening In Purnea Jail) इन दिनों जेल में बागवानी कर रहे हैं. जहां कई रंग बिरंगे फूलों के अलावा गरम मसालों के पौधे भी लगाए गए हैं. जेल के वीरान पड़े बाग को इन्होंने हरा-भरा कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्णिया जेल में कैदी कर रहे बागवानी
पूर्णिया जेल में कैदी कर रहे बागवानी
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Published : Jan 31, 2022, 12:50 PM IST

पूर्णियाः जेल के अंदर इन दिनों हरियाली ही हरियाली नजर आ रही है. जो हाथ कभी तमंचा थामा करते थे आज वे खुरपी उठाकर जेल की सूरत बदलने में लगे हैं. पूर्णिया केंद्रीय कारागार (Purnea Central Jail) में बंद कैदीयों ने बागवानी कर जेल में वीरान पड़े बाग को हरा भरा कर दिया है. जिलाधिकारी राहुल कुमार और जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा (Jail Superintendent Rajeev Kumar Jha) की पहल पर कैदियों ने अब बागवानी करनी भी शुरू कर दी है.

इसे भी पढ़ें: बेउर जेल में कैदियों से मिलने के लिए बनाए गए 32 काउंटर, आज 200 से अधिक परिजन कर सकेंगे मुलाकात

पूर्णिया के केंद्रीय कारागार के अंदर की तस्वीर देख आप हैरान हो जाएंगे. दरअसल कभी समाज में दहशत फैलाने वाले अपराधी इन दिनों पूर्णिया केंद्रीय कारागार में बदलाव लाते दिख रहे हैं. कभी हथियार उठाने वाले लोग जेल के अंदर रंग बिरंगे फूल, रुद्राक्ष, इलाइची, लोंग के पौधे लगा रहे हैं. जिससे हर तरफ हरियाली नजर आ रही है. जेल के अंदर बना इस तरह का मनमोहक दृश्य लोगों को शांति का अहसास दिला रहा है.

जेल में बन्दियों के द्वारा सिर्फ बागवानी ही नहीं बल्कि हस्तकरघा, पावरलूम के माध्यम से सूती और खादी के कपड़े बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा इन्हें सिलाई मशीन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. साथ ही यहां के बंदी पापड़, अगरबत्ती, मोमबत्ती समेत कई अन्य चीजों का भी निर्माण कर रहे हैं. इसके लिए इन कैदियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा ने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि अपराधी अपराध की दुनिया में ही हमेशा रहेंगे अगर उन्हें सुधरने का मौका दिया जाए तो वह अपने आप में परिवर्तन ला सकते हैं. ये एक नई जिंदगी शुरू करने की कोशिश करेंगे. जेल अधीक्षक ने कहा कि अच्छे काम करने के लिए कैदियों ने अपनी इच्छा जाहिर की. उसके बाद पदाधिकारियों ने उन्हें उत्साहित करने के लिए उनका साथ दिया.

ये भी पढ़ेंः पूर्णिया: कभी जुर्म करने वाले हाथों को अब मिल रहा रोजगार, ट्रेनिंग से कैदी बन रहे कुशल कामगार

बता दें कि बिहार की कई जेलों में दिनों कैदियों का खास ख्याल रखा जा रहा है. जेल में लगातार प्रशासन द्वारा छापेमारी कर वहां के हालात का जायजा भी लिया जाता है. साथ ही कैदियों को कई हुनर भी सिखाए जा रहे हैं. ताकि वो सजा काटने के बाद एक आदमी की तरह अपनी जिंदगी गुजार सकें. साथ परिवार चलाने के लिए उन्हें कुछ रोजगार भी मिल सके या वो खुद अपना कुटीर उद्योग लगा सकें. जेलों में केदियों को दी जा रही ये ट्रेनिंग उनके लिए वरदान साबित हो रही है.

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पूर्णियाः जेल के अंदर इन दिनों हरियाली ही हरियाली नजर आ रही है. जो हाथ कभी तमंचा थामा करते थे आज वे खुरपी उठाकर जेल की सूरत बदलने में लगे हैं. पूर्णिया केंद्रीय कारागार (Purnea Central Jail) में बंद कैदीयों ने बागवानी कर जेल में वीरान पड़े बाग को हरा भरा कर दिया है. जिलाधिकारी राहुल कुमार और जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा (Jail Superintendent Rajeev Kumar Jha) की पहल पर कैदियों ने अब बागवानी करनी भी शुरू कर दी है.

इसे भी पढ़ें: बेउर जेल में कैदियों से मिलने के लिए बनाए गए 32 काउंटर, आज 200 से अधिक परिजन कर सकेंगे मुलाकात

पूर्णिया के केंद्रीय कारागार के अंदर की तस्वीर देख आप हैरान हो जाएंगे. दरअसल कभी समाज में दहशत फैलाने वाले अपराधी इन दिनों पूर्णिया केंद्रीय कारागार में बदलाव लाते दिख रहे हैं. कभी हथियार उठाने वाले लोग जेल के अंदर रंग बिरंगे फूल, रुद्राक्ष, इलाइची, लोंग के पौधे लगा रहे हैं. जिससे हर तरफ हरियाली नजर आ रही है. जेल के अंदर बना इस तरह का मनमोहक दृश्य लोगों को शांति का अहसास दिला रहा है.

जेल में बन्दियों के द्वारा सिर्फ बागवानी ही नहीं बल्कि हस्तकरघा, पावरलूम के माध्यम से सूती और खादी के कपड़े बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा इन्हें सिलाई मशीन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. साथ ही यहां के बंदी पापड़, अगरबत्ती, मोमबत्ती समेत कई अन्य चीजों का भी निर्माण कर रहे हैं. इसके लिए इन कैदियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा ने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि अपराधी अपराध की दुनिया में ही हमेशा रहेंगे अगर उन्हें सुधरने का मौका दिया जाए तो वह अपने आप में परिवर्तन ला सकते हैं. ये एक नई जिंदगी शुरू करने की कोशिश करेंगे. जेल अधीक्षक ने कहा कि अच्छे काम करने के लिए कैदियों ने अपनी इच्छा जाहिर की. उसके बाद पदाधिकारियों ने उन्हें उत्साहित करने के लिए उनका साथ दिया.

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बता दें कि बिहार की कई जेलों में दिनों कैदियों का खास ख्याल रखा जा रहा है. जेल में लगातार प्रशासन द्वारा छापेमारी कर वहां के हालात का जायजा भी लिया जाता है. साथ ही कैदियों को कई हुनर भी सिखाए जा रहे हैं. ताकि वो सजा काटने के बाद एक आदमी की तरह अपनी जिंदगी गुजार सकें. साथ परिवार चलाने के लिए उन्हें कुछ रोजगार भी मिल सके या वो खुद अपना कुटीर उद्योग लगा सकें. जेलों में केदियों को दी जा रही ये ट्रेनिंग उनके लिए वरदान साबित हो रही है.

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