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पूर्णिया: कोरोना वायरस से बचाव के लिए डाक विभाग ने बनाया 'क्यू फॉर्मूला', सभी कर रहे सराहना - बैंकिंग इकाई आइपीपीबी

डाक सुपरिटेंडेंट विनय कुमार सिंह कहते हैं कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सैनेटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. लिहाजा इसे एक इकाई तो वहीं मास्क और हैंड सैनेटाइजर को दूसरी औऱ तीसरी इकाई मानकर क्यू फार्मूला तैयार किया गया है.

Indian Postal Department
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Published : May 9, 2020, 11:35 PM IST

पूर्णिया: जिले की डाक सेवाएं व उनकी आइपीपीबी इकाई मॉडल बनकर सामने आई है. दरअसल दूसरे बैंकिंग प्रतिष्ठानों के मुकाबले ज्यादा ग्राहकों के बाद भी जोनल डाकघर में सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला बरकरार है. अनूठे 'क्यू सिस्टम फार्मूले' के जरिए यहां सेनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क गिफ्ट कर ग्राहकों को सुविधाओं के साथ सुरक्षा का ख्याल भी रखा जा रहा है. डाक विभाग के क्यू फार्मूले को कोरोना का काल माना जा रहा है. इस फार्मूले की ग्राहकों के साथ ही हर प्रतिष्ठान सराहना कर रहा है.

जानें क्या है क्यूब सिस्टम का अनूठा फार्मूला
डाक सुपरिटेंडेंट विनय कुमार सिंह कहते हैं कि कोरोना के खतरे से बचने के लिए सैनेटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. लिहाजा इसे एक इकाई तो वहीं मास्क और हैंड सैनेटाइजर को दूसरी और तीसरी इकाई मानकर क्यू फार्मूला तैयार किया गया हैडाक सुपरिटेंडेंट विनय कुमार सिंह कहते हैं कि कोरोना के खतरे से बचने के लिए सैनेटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. लिहाजा इसे एक इकाई तो वहीं मास्क और हैंड सैनेटाइजर को दूसरी व तीसरी इकाई मानकर क्यू फार्मूला तैयार किया गया है. बैंक परिसर में कदम रखने के साथ ही भुगतान और दूसरी सभी सेवाओं के लिए जरूरी कर दिया गया है. ग्राहकों के साथ ही सभी स्टाफ को इसे फॉलो करना जरूरी है.

तो इस वजह से बना क्यूब का अनूठा फार्मूला
डाक सुपरिटेंडेंट कहते हैं कि भारतीय डाक विभाग और उसकी बैंकिंग इकाई आइपीपीबी के देश भर में बेशुमार कस्मटर्स हैं. लिहाजा जनधन राशि से रुपयों की निकासी के लिए पूर्णिया ज़ोन के इस प्रधान डाकघर में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ने लगी. यहां प्रधान कार्यालय होना अपने आप में भी एक भीषण चुनौती थी. इसके अलावा वहीं डाक और बैंकिंग सेवाएं दोनों एक परिसर में होने के कारण यहां कोरोना जैसे खतरनाक संक्रमण का खतरा दूसरे बैंकिंग प्रतिष्ठानों से कहीं अधिक था. इससे बचने के लिए ही क्यू सिस्टम फार्मूले को जन्म दिया गया.

कोरोना की छुट्टी के लिए कारगर साबित हो रहा फार्मूला
जन-धन खाते से राशि की निकासी के लिए डाक घर व उसकी बैंकिंग इकाई आइपीपीबी में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ रही है. क्यूब सिस्टम के तहत समूचे परिसर के सैनिटाइजेशन के साथ ही ग्राहकों को 20 लोगों की पंक्तियों में बांटा जाता है. इस दौरान कस्मटर्स सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए 2 फिट की दूरी बनाकर रहें इसके लिए हर लाइन औऱ मुख्य एंट्री गेट पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. वहीं बैंक के अंदर एंट्री से पहले मुख्य गेट पर तैनात पुलिस के जवान लोगों की एंट्री से पहले सभी को हैंड सैनेटाइजर से सैनेटाइज करा रहे हैं. वहीं इसके साथ ही बगैर मास्क के आने वाले जरूरतमंद कस्मटर्स को डाक विभाग प्रधान डाकघर में तैयार मास्क निःशुल्क बांट रहा है. इस अभियान के तहत हजारों मास्क डाक विभाग ने कस्मटर्स को दिए हैं.

पूर्णिया: जिले की डाक सेवाएं व उनकी आइपीपीबी इकाई मॉडल बनकर सामने आई है. दरअसल दूसरे बैंकिंग प्रतिष्ठानों के मुकाबले ज्यादा ग्राहकों के बाद भी जोनल डाकघर में सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला बरकरार है. अनूठे 'क्यू सिस्टम फार्मूले' के जरिए यहां सेनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क गिफ्ट कर ग्राहकों को सुविधाओं के साथ सुरक्षा का ख्याल भी रखा जा रहा है. डाक विभाग के क्यू फार्मूले को कोरोना का काल माना जा रहा है. इस फार्मूले की ग्राहकों के साथ ही हर प्रतिष्ठान सराहना कर रहा है.

जानें क्या है क्यूब सिस्टम का अनूठा फार्मूला
डाक सुपरिटेंडेंट विनय कुमार सिंह कहते हैं कि कोरोना के खतरे से बचने के लिए सैनेटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. लिहाजा इसे एक इकाई तो वहीं मास्क और हैंड सैनेटाइजर को दूसरी और तीसरी इकाई मानकर क्यू फार्मूला तैयार किया गया हैडाक सुपरिटेंडेंट विनय कुमार सिंह कहते हैं कि कोरोना के खतरे से बचने के लिए सैनेटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. लिहाजा इसे एक इकाई तो वहीं मास्क और हैंड सैनेटाइजर को दूसरी व तीसरी इकाई मानकर क्यू फार्मूला तैयार किया गया है. बैंक परिसर में कदम रखने के साथ ही भुगतान और दूसरी सभी सेवाओं के लिए जरूरी कर दिया गया है. ग्राहकों के साथ ही सभी स्टाफ को इसे फॉलो करना जरूरी है.

तो इस वजह से बना क्यूब का अनूठा फार्मूला
डाक सुपरिटेंडेंट कहते हैं कि भारतीय डाक विभाग और उसकी बैंकिंग इकाई आइपीपीबी के देश भर में बेशुमार कस्मटर्स हैं. लिहाजा जनधन राशि से रुपयों की निकासी के लिए पूर्णिया ज़ोन के इस प्रधान डाकघर में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ने लगी. यहां प्रधान कार्यालय होना अपने आप में भी एक भीषण चुनौती थी. इसके अलावा वहीं डाक और बैंकिंग सेवाएं दोनों एक परिसर में होने के कारण यहां कोरोना जैसे खतरनाक संक्रमण का खतरा दूसरे बैंकिंग प्रतिष्ठानों से कहीं अधिक था. इससे बचने के लिए ही क्यू सिस्टम फार्मूले को जन्म दिया गया.

कोरोना की छुट्टी के लिए कारगर साबित हो रहा फार्मूला
जन-धन खाते से राशि की निकासी के लिए डाक घर व उसकी बैंकिंग इकाई आइपीपीबी में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ रही है. क्यूब सिस्टम के तहत समूचे परिसर के सैनिटाइजेशन के साथ ही ग्राहकों को 20 लोगों की पंक्तियों में बांटा जाता है. इस दौरान कस्मटर्स सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए 2 फिट की दूरी बनाकर रहें इसके लिए हर लाइन औऱ मुख्य एंट्री गेट पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. वहीं बैंक के अंदर एंट्री से पहले मुख्य गेट पर तैनात पुलिस के जवान लोगों की एंट्री से पहले सभी को हैंड सैनेटाइजर से सैनेटाइज करा रहे हैं. वहीं इसके साथ ही बगैर मास्क के आने वाले जरूरतमंद कस्मटर्स को डाक विभाग प्रधान डाकघर में तैयार मास्क निःशुल्क बांट रहा है. इस अभियान के तहत हजारों मास्क डाक विभाग ने कस्मटर्स को दिए हैं.

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