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पूर्णिया: कोरोना वायरस के दौरान हेलमेट बना बाइक राइडर्स की पहली पसंद - ट्रैफिक डीएसपी सत्येंद्र कुमार सिंह

ट्रैफिक डीएसपी सत्येंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि हेलमेट का फ्रंट कवर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाता है. वहीं इससे सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. आम तौर पर लोग 250-300 वाले कोरोना फेस कवर खरीद रहे हैं, मगर आपके पास हेलमेट है तो आप कवर के पैसे बचा सकते हैं.

corona virus in purnea
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Published : Jul 14, 2020, 8:12 PM IST

पूर्णिया: कोरोना वायरस के दौरान हेलमेट बाइक सवार लोगों की पहली पसंद बनकर उभरा है. बाइक सवार और बैक सीटर्स जो पहले हेलमेट के प्रयोग से कोसों दूर भागते थे, कोरोना से बचाव को लेकर हेलमेट अब ऐसे चालकों की पहली पसंद बन गया है. कुछ यही वजह है कि हेलमेट की मांग बढ़ते ही शहर के हेलमेट दुकानदारों की चांदी है. कोरोना संकट में हेलमेट सड़क सुरक्षा और कोरोना से भी रक्षा का काम कर रहा है.

corona virus in purnea
पप्पू कुमार, हेलमेट दुकानदार

बाजारों में बढ़ी हेलमेट की मांग
समाहरणालय और गुलाबाग मंडी को जोड़ने वाली पंचमुखी रोड में पहले हेल्मेट की महज एक दुकान थी. अब लॉकडाउन की अवधि में कोरोना से बचाव के लिए दो दर्जन से अधिक दुकानें खुल गई. वहीं फोर्ड कंपनी चौक, कप्तान पुल रोड, मरंगा जैसे मार्गों में भी फुटपाथी दुकानदारों ने दूसरे छोटे व्यवसाय से तौबा कर हेलमेट की दुकान खोल ली है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हेलमेट दुकानदारों की चांदी
दुकानदार कहते हैं कि ट्रैफिक के कड़े जुर्माने से जुड़े नियमों के बाद भी इतने हेलमेट नहीं बिके. कोरोना काल में इसकी डिमांड बढ़ गई है. हेलमेट दुकानदार कहते हैं कि इतना तो तय है कि कोरोना काल में हेलमेट दुकानदारों को भूखे पेट सोना नहीं पड़ रहा है. कुछ यही वजह है कि इन दिनों हेलमेट की खपत में खासी बढ़ोतरी हुई है. दुकानों पर भी अच्छे-खासे खरीदार उमड़ रहे हैं.

corona virus in purnea
हेलमेट की दुकान

कलर के साथ कवर पर जोर
हेलमेट दुकानदार कहते हैं कि हेलमेट खरीदते समय उसकी प्लास्टिक कवर की मैक्सिमम ग्रिप के बारे में पूछा जाता है, ताकि चेहरा पूरी तरह से ढंका रहे और कोरोना से बचा जा सके. इस दौरान खरीदार लुक, कलर के साथ ही मजबूती से जुड़े सवाल भी करते हैं. ग्राहक आईएसआई हॉलमार्क वाले हेलमेट की मांग करते हैं जिससे की सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके.

corona virus in purnea
रवि कुमार ,हेलमेट दुकानदार

अब बोझ नहीं हथियार है हेलमेट
कस्टमर बताते हैं कि पहले हेलमेट साथ लेकर चलना बोझ सा लगता था, नजदीकी सफर में वे कभी हेलमेट लेकर नहीं चलते थे. मगर कोरोना इफ़ेक्ट के बाद हेलमेट कोरोना से बचाव में अहम हथियार साबित हो रहा है. वह हेलमेट जिसे पुलिस चेकिंग के डर से गाड़ियों में लटका कर चलते थे, आज हमें उसकी अहमियत समझ आई. सड़क हादसों के साथ ही हेलमेट कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से बचा रह है.

corona virus in purnea
सत्येंद्र कुमार सिंह, ट्रैफिक डीएसपी

डीएसपी ने बताए एक हेलमेट के अनेक फायदे
ट्रैफिक डीएसपी सत्येंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि चेकिंग के दौरान अब ज्यादातर लोग हेलमेट पहनकर चलने लगे हैं. कुछ यही वजह है कि सड़क दुर्घटनाओं में खासी गिरावट आई है. हेलमेट ना पहनने से जुड़े चालान अब बेहद कम काटे जा रहे हैं. ट्रैफिक डीएसपी कहते हैं कि इसके कई सारे फायदे हैं. हेलमेट का फ्रंट कवर कोरोना जैसे संक्रमण से बचाता है. वहीं इससे सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. आम तौर पर लोग 250-300 वाले कोरोना फेस कवर खरीद रहे हैं, मगर आपके पास हेलमेट है तो आप कवर के पैसे बचा सकते हैं.

पूर्णिया: कोरोना वायरस के दौरान हेलमेट बाइक सवार लोगों की पहली पसंद बनकर उभरा है. बाइक सवार और बैक सीटर्स जो पहले हेलमेट के प्रयोग से कोसों दूर भागते थे, कोरोना से बचाव को लेकर हेलमेट अब ऐसे चालकों की पहली पसंद बन गया है. कुछ यही वजह है कि हेलमेट की मांग बढ़ते ही शहर के हेलमेट दुकानदारों की चांदी है. कोरोना संकट में हेलमेट सड़क सुरक्षा और कोरोना से भी रक्षा का काम कर रहा है.

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पप्पू कुमार, हेलमेट दुकानदार

बाजारों में बढ़ी हेलमेट की मांग
समाहरणालय और गुलाबाग मंडी को जोड़ने वाली पंचमुखी रोड में पहले हेल्मेट की महज एक दुकान थी. अब लॉकडाउन की अवधि में कोरोना से बचाव के लिए दो दर्जन से अधिक दुकानें खुल गई. वहीं फोर्ड कंपनी चौक, कप्तान पुल रोड, मरंगा जैसे मार्गों में भी फुटपाथी दुकानदारों ने दूसरे छोटे व्यवसाय से तौबा कर हेलमेट की दुकान खोल ली है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हेलमेट दुकानदारों की चांदी
दुकानदार कहते हैं कि ट्रैफिक के कड़े जुर्माने से जुड़े नियमों के बाद भी इतने हेलमेट नहीं बिके. कोरोना काल में इसकी डिमांड बढ़ गई है. हेलमेट दुकानदार कहते हैं कि इतना तो तय है कि कोरोना काल में हेलमेट दुकानदारों को भूखे पेट सोना नहीं पड़ रहा है. कुछ यही वजह है कि इन दिनों हेलमेट की खपत में खासी बढ़ोतरी हुई है. दुकानों पर भी अच्छे-खासे खरीदार उमड़ रहे हैं.

corona virus in purnea
हेलमेट की दुकान

कलर के साथ कवर पर जोर
हेलमेट दुकानदार कहते हैं कि हेलमेट खरीदते समय उसकी प्लास्टिक कवर की मैक्सिमम ग्रिप के बारे में पूछा जाता है, ताकि चेहरा पूरी तरह से ढंका रहे और कोरोना से बचा जा सके. इस दौरान खरीदार लुक, कलर के साथ ही मजबूती से जुड़े सवाल भी करते हैं. ग्राहक आईएसआई हॉलमार्क वाले हेलमेट की मांग करते हैं जिससे की सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके.

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रवि कुमार ,हेलमेट दुकानदार

अब बोझ नहीं हथियार है हेलमेट
कस्टमर बताते हैं कि पहले हेलमेट साथ लेकर चलना बोझ सा लगता था, नजदीकी सफर में वे कभी हेलमेट लेकर नहीं चलते थे. मगर कोरोना इफ़ेक्ट के बाद हेलमेट कोरोना से बचाव में अहम हथियार साबित हो रहा है. वह हेलमेट जिसे पुलिस चेकिंग के डर से गाड़ियों में लटका कर चलते थे, आज हमें उसकी अहमियत समझ आई. सड़क हादसों के साथ ही हेलमेट कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से बचा रह है.

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सत्येंद्र कुमार सिंह, ट्रैफिक डीएसपी

डीएसपी ने बताए एक हेलमेट के अनेक फायदे
ट्रैफिक डीएसपी सत्येंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि चेकिंग के दौरान अब ज्यादातर लोग हेलमेट पहनकर चलने लगे हैं. कुछ यही वजह है कि सड़क दुर्घटनाओं में खासी गिरावट आई है. हेलमेट ना पहनने से जुड़े चालान अब बेहद कम काटे जा रहे हैं. ट्रैफिक डीएसपी कहते हैं कि इसके कई सारे फायदे हैं. हेलमेट का फ्रंट कवर कोरोना जैसे संक्रमण से बचाता है. वहीं इससे सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. आम तौर पर लोग 250-300 वाले कोरोना फेस कवर खरीद रहे हैं, मगर आपके पास हेलमेट है तो आप कवर के पैसे बचा सकते हैं.

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