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पूर्णिया: शहरी इलाकों में घुसा सौरा नदी का पानी, राहत सामग्री नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश

नदियों के जलस्तर में बढोतरी होने से बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बाढ़ पीड़ितों में उचित व्यवस्था नहीं किए जाने से जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश है.

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Published : Oct 3, 2020, 1:02 PM IST

पूर्णियाः जिले में बीते साल की तरह एक बार फिर बाढ़ की विभीषिका के संकेत सुनाई देने लगे हैं. कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण शुक्रवार को जिला मुख्यालय से लगी सौरा बांध कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गई. सौरा नदी का पानी आस-पास के कई इलाकों में प्रवेश कर गया. इससे रामबाग, मिलनपाड़ा, कप्तानपाड़ा, आंनदनगर जैसे शहरी इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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घरों में घुसा पानी

जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
सौरा नदी से एनएच की दूरी महज 200 मीटर ही शेष रह गई है, वहीं भारी बारिश के कारण महानन्दा, कनकई, परमान, कोसी और कोरा नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. इससे बायसी, डगरुआ, अमौर, बैसा और रुपौली प्रखंड का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है.

देखें रिपोर्ट

खाने के लिए नहीं है राशन
स्थानीय लोगों ने बताया कि नदी के पानी फैलने से गुरूवार की रात घरों में पानी घुस गया है. लोगों को उंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए अपना घर छोड़कर जाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी में राशन के साथ उनके जरूरी सामान भी डूब गए. लोगों ने बताया कि अब उनके पास खाने तक के लिए राशन नहीं है. जो भी थोड़ा बहुत राशन था उससे ही वे लोग गुजर बसर कर रहे थे.

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तटबंध पर शरण लिए लोग

तटबंध पर शरण लिए हैं लोग
मिलनपाड़ा के लोगों ने बताया अचानक पानी बढ़ने के बाद किसी तरह माल-मवेशियों को लेकर वे लोग तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. उन्होंने बताया कि अब तक किसी तरह की राहत सामग्री की व्यवस्था नहीं की गई है. साथ ही कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या स्थानीय जनप्रतिनिधि उनका हाल चाल लेने तक नहीं पहुंचा है.

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बाढ़ प्रभावित

नाव तक की नहीं की गई व्यवस्था
लोगों ने बताया कि आवागमन करने में उन्हें काफी परेशानी हो रही है, लेकिन सरकार की तरफ से नाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है. जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के खिलाफ बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि नेता और मंत्री बस वोट के समय दिखाई देते हैं. आपदा की इस घड़ी में उनका हाल-चाल पूछने वाला भी कोई नहीं है.

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बाढ़ का पानी

पूर्णियाः जिले में बीते साल की तरह एक बार फिर बाढ़ की विभीषिका के संकेत सुनाई देने लगे हैं. कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण शुक्रवार को जिला मुख्यालय से लगी सौरा बांध कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गई. सौरा नदी का पानी आस-पास के कई इलाकों में प्रवेश कर गया. इससे रामबाग, मिलनपाड़ा, कप्तानपाड़ा, आंनदनगर जैसे शहरी इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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घरों में घुसा पानी

जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
सौरा नदी से एनएच की दूरी महज 200 मीटर ही शेष रह गई है, वहीं भारी बारिश के कारण महानन्दा, कनकई, परमान, कोसी और कोरा नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है. इससे बायसी, डगरुआ, अमौर, बैसा और रुपौली प्रखंड का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है.

देखें रिपोर्ट

खाने के लिए नहीं है राशन
स्थानीय लोगों ने बताया कि नदी के पानी फैलने से गुरूवार की रात घरों में पानी घुस गया है. लोगों को उंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए अपना घर छोड़कर जाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी में राशन के साथ उनके जरूरी सामान भी डूब गए. लोगों ने बताया कि अब उनके पास खाने तक के लिए राशन नहीं है. जो भी थोड़ा बहुत राशन था उससे ही वे लोग गुजर बसर कर रहे थे.

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तटबंध पर शरण लिए लोग

तटबंध पर शरण लिए हैं लोग
मिलनपाड़ा के लोगों ने बताया अचानक पानी बढ़ने के बाद किसी तरह माल-मवेशियों को लेकर वे लोग तटबंध पर शरण लिए हुए हैं. उन्होंने बताया कि अब तक किसी तरह की राहत सामग्री की व्यवस्था नहीं की गई है. साथ ही कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या स्थानीय जनप्रतिनिधि उनका हाल चाल लेने तक नहीं पहुंचा है.

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बाढ़ प्रभावित

नाव तक की नहीं की गई व्यवस्था
लोगों ने बताया कि आवागमन करने में उन्हें काफी परेशानी हो रही है, लेकिन सरकार की तरफ से नाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है. जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के खिलाफ बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि नेता और मंत्री बस वोट के समय दिखाई देते हैं. आपदा की इस घड़ी में उनका हाल-चाल पूछने वाला भी कोई नहीं है.

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