पूर्णिया: कोरोना वायरस से देश के निजात दिलाने के लिए पीएम मोदी ने पीरे देश में लॉकडाउन जारी किया है. लॉकडाउन के कारण देशभर में यातायात के सभी साधन ठप है. इसके पॉजिटिव परिणाम भी सामने आ रहे है. दरअसल, जहां पहलें तेज रफ्तार वाहन के कारण लगभग प्रतिदिन हादसे हो रहे थे. वह पिछले कुछ दिनों से बंद है. जो एक अच्छी बात है. सरकारी आंकड़ो की बात करें तो बिहार में अब तक के लॉकडाउन में एक भी सड़क हादसे के मामले सामने नहीं आए हैं.
'इमरजेंसी वार्ड खाली'
इसको लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने जिला सदर अस्पाल के डॉक्टर राजेश भारती से बात की तो उन्होंने बताया कि पहले अस्पताल अमूनन सड़क हादसे वाले मरीजों से भड़ा रहता था. लेकिन, वर्तमान हालात में अस्पताल के बेड पूरी तरह से खाली हैं. उन्होंने बताया कि जहां एक ओर देश में कोरोना ने तांडव मचा रखा है. वहीं, लॉकडाउन के कारण लोग सड़कों पर अपने वाहन लेकर नहीं निकल पा रहे है. इस वजह से सड़क हादसे लगभग शून्य हो चुके हैं. उन्होंन कहा इससे साफ जाहिर होता है कि लोग सड़को पर बेपरवाही से वाहन चलाते हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग लॉकडाउन के बाद भी स्वस्थ्य, सावधान और सतर्क रहें.
बिहार में नियंत्रण में है कोरोना
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन पूर्णिया में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2 हजार की की संख्या को पार कर चुका है. इस वायरस के दंश से लगभग 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.