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24 साल के मिराज जमील ने पेश की मिसाल, BPSC में हासिल की थर्ड रैंक

मिराज जमील महज 24 साल के हैं. लेकिन, उन्होंने यह कीर्तिमान हासिल कर औरों के लिए एक सकारत्मक संदेश दिया है कि किसी भी चीज को हासिल करने के लिए अपने लक्ष्य पर फोकस रहना चाहिए.

मिराज
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Published : Oct 21, 2019, 9:11 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 11:06 PM IST

पूर्णिया: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इस मशहूर वाक्य को जिले के मिराज जमील ने सच कर दिखाया है. मिराज जमील ने 63वीं बीपीएससी परीक्षा को क्रैक कर दूसरों के लिए मिसाल पेश किया है. मिराज जमील ने अपना अनुभव ईटीवी भारत से साझा किया.

मिराज जमील महज 24 साल के हैं. लेकिन, उन्होंने यह कीर्तिमान हासिल कर औरों के लिए एक सकारात्मक संदेश दिया है कि किसी भी चीज को हासिल करने के लिए अपने लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए. जब लक्ष्य फोकस रहेगा तो मंजिल पाना आसान हो जाता है.

मिराज जमील से ईटीवी भारत की खास बातचीत

ये है मिराज की कहानी
मिराज जमील ने बताया कि वह अपनी 10वीं और 11वीं की पढ़ाई पूर्णिया से ही की. इसके बाद वह इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक करने देहरादून चले गए. अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सिविल सर्विसेज के लिए सेल्फ स्टडी में जुट गए. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने अपना सारा फोकस अपने लक्ष्य पर रखा. मिराज जमील ने बताया कि उन्होंने पहले यूपीएससी की तैयारी की. जिसमें तीन दफा पीटी एक्जाम में विफल हो गए. लेकिन, उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी. मिराज उसके बाद बीपीएससी की तैयारी में लग गए. अपनी एकाग्रता को भंग किए बगैर उन्होंने पूरी ईमानदारी से पढ़ाई की और बीपीएससी में तीसरी रैंक लाकर दूसरों के लिए मिसाल पेश कर दिया और सीमांचल का नाम रोशन किया है.

ये भी पढ़े:- https://etvbharat.page.link/3WwUd

मिराज ने क्या दिए टिप्स?
मिराज ने कहा कि जॉब करने वाले लोगों के पास ज्यादा समय नहीं होता है. इसके लिए उन्हें बीपीएससी परीक्षा के सिलेबस और प्रीवियर्स ईयर्स के सवालों को इंटरनेट की मदद से नोट तैयार कर लें. उन्होंने कहा कि इससे परीक्षा की तैयारी करने में आसानी होगी.

  • बापू की 150वीं जयंती पर देश उन्हें याद कर रहा है, इस संकल्प के साथ कि हम उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलेंगे। गांधी दर्शन को लेकर @PMOIndia @narendramodi की सोच भी प्रशंसनीय है। इस मौके पर #EtvBharat की एक छोटी सी प्रस्तुति।#GandhiAt150 #GandhiJayanti pic.twitter.com/BiEGwytAsZ

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'स्वास्थ्य और शिक्षा जगत में सुधार की जरुरत'
मिराज जमील ने कहा कि उन्हें प्रशासनिक क्षेत्रों में काम करने की चाहत है. उन्हें इस क्षेत्र में आने के कई कारण हैं. मिराज ने बताया कि वह सिस्टम की खामियों को दूर करना चाहते हैं. हर तरफ से भ्रष्टाचार, खराब स्वास्थ्य व्यवस्था और बदहाल शिक्षा व्यवस्था की खबरें सुनने को मिलती है. जिसपर उन्हें काफी चिंता होती थी. उन्होंने कहा कि वह सिस्टम में आकर इन खामियों को सुधारना चाहते हैं.

पूर्णिया: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. इस मशहूर वाक्य को जिले के मिराज जमील ने सच कर दिखाया है. मिराज जमील ने 63वीं बीपीएससी परीक्षा को क्रैक कर दूसरों के लिए मिसाल पेश किया है. मिराज जमील ने अपना अनुभव ईटीवी भारत से साझा किया.

मिराज जमील महज 24 साल के हैं. लेकिन, उन्होंने यह कीर्तिमान हासिल कर औरों के लिए एक सकारात्मक संदेश दिया है कि किसी भी चीज को हासिल करने के लिए अपने लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए. जब लक्ष्य फोकस रहेगा तो मंजिल पाना आसान हो जाता है.

मिराज जमील से ईटीवी भारत की खास बातचीत

ये है मिराज की कहानी
मिराज जमील ने बताया कि वह अपनी 10वीं और 11वीं की पढ़ाई पूर्णिया से ही की. इसके बाद वह इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक करने देहरादून चले गए. अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सिविल सर्विसेज के लिए सेल्फ स्टडी में जुट गए. उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने अपना सारा फोकस अपने लक्ष्य पर रखा. मिराज जमील ने बताया कि उन्होंने पहले यूपीएससी की तैयारी की. जिसमें तीन दफा पीटी एक्जाम में विफल हो गए. लेकिन, उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी. मिराज उसके बाद बीपीएससी की तैयारी में लग गए. अपनी एकाग्रता को भंग किए बगैर उन्होंने पूरी ईमानदारी से पढ़ाई की और बीपीएससी में तीसरी रैंक लाकर दूसरों के लिए मिसाल पेश कर दिया और सीमांचल का नाम रोशन किया है.

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मिराज ने क्या दिए टिप्स?
मिराज ने कहा कि जॉब करने वाले लोगों के पास ज्यादा समय नहीं होता है. इसके लिए उन्हें बीपीएससी परीक्षा के सिलेबस और प्रीवियर्स ईयर्स के सवालों को इंटरनेट की मदद से नोट तैयार कर लें. उन्होंने कहा कि इससे परीक्षा की तैयारी करने में आसानी होगी.

  • बापू की 150वीं जयंती पर देश उन्हें याद कर रहा है, इस संकल्प के साथ कि हम उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलेंगे। गांधी दर्शन को लेकर @PMOIndia @narendramodi की सोच भी प्रशंसनीय है। इस मौके पर #EtvBharat की एक छोटी सी प्रस्तुति।#GandhiAt150 #GandhiJayanti pic.twitter.com/BiEGwytAsZ

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) October 2, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'स्वास्थ्य और शिक्षा जगत में सुधार की जरुरत'
मिराज जमील ने कहा कि उन्हें प्रशासनिक क्षेत्रों में काम करने की चाहत है. उन्हें इस क्षेत्र में आने के कई कारण हैं. मिराज ने बताया कि वह सिस्टम की खामियों को दूर करना चाहते हैं. हर तरफ से भ्रष्टाचार, खराब स्वास्थ्य व्यवस्था और बदहाल शिक्षा व्यवस्था की खबरें सुनने को मिलती है. जिसपर उन्हें काफी चिंता होती थी. उन्होंने कहा कि वह सिस्टम में आकर इन खामियों को सुधारना चाहते हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
exclusive interview .

मंजिले उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। इस मशहूर कहावत को सच कर दिखाया है 63 वी बीपीएससी परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल करने वाले मिराज जमील ने। बचपन से ही प्रतिभाशाली मिराज ने अपने पहले प्रयास में ही बीपीएससी परीक्षा में अपना परचम लहराया है। जिसके बाद महज 25 साल के मिराज SDM बनेंगे। लिहाजा घर वालों से लेकर जिले के लोग इनकी इस कामयाबी पर फुले नहीं समा रहे।



Body:24 की उम्र में भेदा BPSC का चक्रव्यूह..

दरअसल मिराज की सफलता की कहानी सुनने में जितनी सुनहरी लगती है इसके पीछे अपार मेहनत और फोकस की उतनी ही सच्ची कहानी छिपी है। जिस टीनेज में आमतौर पर स्टूडेंट्स फ्रेंड्स ,मूवी और मस्ती में अपना सारा समय गंवा देते हैं। मिराज ने अपना सारा फोकस अपने लक्ष्य पर दिया। मिराज बचपन से ही प्रशासनिक क्षेत्र में जाना चाहते थे। लिहाजा बचपन से ही वे इसे फोकस कर साथ चलते रहे। यही वजह रही कि के हाट थाना क्षेत्र में रहने वाले मिराज का महज 24 साल की उम्र में बीपीएससी जैसी कठिन परीक्षा का चक्रव्यूह अपने पहले ही प्रयास में भेदना किसी करिश्में से कम नहीं।


स्कूलिंग से लेकर सेल्फ स्टडी की कहानी....


बचपन से ही क्लास में औरों से आगे रहने वाले मिराज जमील की स्कूलिंग पूर्णिया से ही रही। 10th एस.आर.डीएवी पब्लिक स्कूल से किया तो वहीं 11th बिजेंद्र पब्लिक स्कूल से किया। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए देहरादून चले गए। वहां से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक किया। 2016 में बीटेक की पढ़ाई पूरा करते ही वे अपने लक्ष्य में भीड़ गए। सेल्फ स्टडी से सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी।


UPSC की असफलता के बाद भी नहीं डिगे मिराज...


हालांकि इनके लिए यह डगर इतना आसान नहीं रहा। यूपीएससी परीक्षा के पीटी में इन्हें तीन दफे असफलता मिली। मगर औरों की तरह हार न मानकर वे लक्ष्य पर डटे रहे। बीपीएससी परीक्षा में हाथ आजमाया। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और बीपीएससी परीक्षा में तीसरा रैंक हासिल कर सीमांचल का नाम फक्र से ऊंचा कर दिया।

तो ये है जॉब होल्डरों के लिए मिराज के सीक्रेट मंत्र...

बीपीएससी परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल करने वाले 24 वर्षीय मिराज जॉब के साथ- साथ बीपीएससीपरीक्षा की तैयारी करने वालों से जुड़े ईटीवी भारत के सवालों पर कहते हैं। जॉब करने वाले लोगों के पास ज्यादा समय नहीं होता। लिहाजा बीपीएससी परीक्षा के सिलेब्स और प्रीवियस ईयर क्वेश्चनस को अनालाइस कर उनके नोट्स बनाए जाए और नियमित तैयारी की जाए। तो पहले या कुछ प्रयासों में ही सफलता हासिल की जा सकती है।


स्वास्थ्य और शिक्षा जगत में सुधार की हसरत....


वहीं मिराज के प्रशासनिक क्षेत्र में आने का एक बड़ा कारण सिस्टम की खामियों को दूर करना है। वे कहते हैं जब वे बतौर बीपीएससी स्टूडेंट्स इसकी तैयारी कर रहे थे। अक्सर सिस्टम में मचे भ्रष्टाचार और चरमराई स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था की तस्वीरें आती रहती थीं। लिहाजा उन्हें इस पद पर बनने के बाद सूबे के स्वास्थ्य औऱ शिक्षा जगत पर ख़ासा काम करना है। इसके साथ ही वे पद पर बनते ही भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए काम करते रहेंगे।





Conclusion:
Last Updated : Oct 21, 2019, 11:06 PM IST
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