पूर्णिया: अमौर-कनकई और महानंदा (Mahananda) अपना रौद्र रूप दिखा रही है. वहीं, परमान नदी (Parman River) भी पीछे नहीं है. नदी किनारे तराई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है और गांव में प्रवेश करने लगा है. बाढ़ का पानी गांव में फैलते ही आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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नदी में विलीन हुए दर्जन घर
प्रखंड क्षेत्र के डहुआबाडी पंचायत अंतर्गत रंगामाटी टोला तालबारी में कनकई नदी के कटाव से करीब दर्जनों परिवारों के घर नदी में विलीन हो गए हैं. पंचायत समिति सदस्य जियाउर रहमान ने बताया दर्जनों परिवारों का घर नदी में कट चुका है और सैकड़ों परिवार अपने घरों को तोड़कर ऊंचे स्थानों और सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं. किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि द्वारा बाढ़ आने से पूर्व कटाव निरोधक कार्य करवाया जाता तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता.
मुआवजे का सिर्फ मिला आश्वासन
वर्तमान विधायक अख्तरुल इमान से भी शिकायत की गई तो उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द अधिकारी के द्वारा कटाव निरोधक कार्य किया जाएगा. लेकिन आज तक कार्य नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल कटाव से 80 परिवारों के घर नदी में विलीन हुए थे. जिसकी रिपोर्ट अंचल कार्यालय में जमा होने के बावजूद आज तक किसी भी परिवार को सरकारी आपदा सहायता राशि मुहैया नहीं हुआ है. मजबूरन कुछ परिवार आज भी रंगा माटी अस्पताल परिसर में शरण लिए हुए हैं.
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खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर
वहीं, कनकई नदी से सीमलबाडी नगरा टोले में भी दर्जनों परिवारों के घर नदी में विलीन हो गए हैं. पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे और ऊंचे स्थानों में रहने पर मजबूर हो रहे हैं. बीडीओ रघुनंदन आनंद ने बताया कि कटाव स्थिति पर नजर रखी जा रही है. वरीय अधिकारी को सूचित किया जा रहा है.